नई दिल्ली, प्राइम टीम। चीन के वैज्ञानिकों ने एक सुपर काऊ (गाय) बनाने का दावा किया है, जो अपने जीवन काल में एक लाख लीटर तक दूध दे सकती है। चीन के इस दावे पर कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। दुनिया के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक देश भारत के वैज्ञानिकों ने कई सवाल उठाए हैं। भारतीय वैज्ञानिक मानते हैं कि इससे दूध की गुणवत्ता प्रभावित होगी। गायों की उत्पादक उम्र पर भी इसका असर पड़ेगा। कुछ वैज्ञानिक यह भी कह रहे हैं कि इससे गाय में बीमारियां बढ़ जाएंगी।

ये है चीन का दावा

चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने तीन "सुपर गायों" का क्लोन बनाया है। ये गायें असामान्य रूप से अधिक मात्रा में दूध दे सकती हैं। चीन की नॉर्थवेस्ट यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल एंड फॉरेस्ट्री साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों के प्रयास से तीन बछियों का जन्म 23 जनवरी को लूनर न्यू ईयर से पहले निंग्ज़िया क्षेत्र में हुआ था। वे होल्स्टीन फ्रेज़ियन नस्ल की अधिक दूध देने वाली गायों से क्लोन की गई हैं। ये प्रति वर्ष 18 टन दूध या अपने जीवन काल में 100 टन दूध देने में सक्षम हैं। अमेरिकी कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2021 में अमेरिका में एक औसत गाय के दूध की तुलना में यह लगभग 1.7 गुना है। वैज्ञानिकों ने ज्यादा दूध देने वाली गायों के कान की कोशिकाओं से 120 क्लोन भ्रूण बनाए और उन्हें सरोगेट गायों में रखा। गौरतलब है कि चीन की 70% डेयरी गायों को विदेश से आयात किया जाता है।

भारत ने बनाई फिजवाल गाय

भारत में भी गायों के अनुवांशिक विकास का काम चल रहा है। भारत के वैज्ञानिकों ने हाल ही फिजिवाल गाय विकसित की है। ये भारत की साहिवाल और होल्स्टीन फ्रेज़ियन गायों की क्रॉस ब्रीड है। ये गाय अपने जीवन काल में लगभग 50 हजार लीटर तक दूध दे सकती है। सामान्य तौर पर भारतीय प्रजाति की या देसी गाय अपने पूरे जीवन काल में 25 से 30 हजार लीटर दूध देती है। भारत की देसी गायों में गिर, कंकरेज, साहीवाल, अंगोल जैसी गायों को ज्यादा दूध देने वाली गायों के तौर पर जाना जाता है।

नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ वैज्ञानिक एसएस लठवाल कहते हैं कि किसी गाय से एक लाख लीटर दूध लेना मात्रा के हिसाब से उपलब्धि माना जा सकता है, लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि ऐसी गाय की दूध की गुणवत्ता क्या होगी। दूध में 85 फीसदी तक पानी होता है। जो गाय ज्यादा दूध देती है तो उसके दूध में फैट, लेक्टोज और प्रोटीन की मात्रा घट जाती है। भारत में भी अच्छी क्रॉस ब्रीड की गाय 50 से 55 हजार लीटर तक दूध दे देती है।

ICAR के सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन कैटल के प्रधान वैज्ञानिक रहे डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद कहते हैं कि दुनिया में सबसे अधिक दूध देने वाली गाय होल्स्टीन फ्रेज़ियन नस्ल की ही मानी जाती है। दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए इन्हीं गायों पर कई तरह के प्रयोग हो रहे हैं। लेकिन आपको ध्यान रखना होगा कि हमारी भारतीय प्रजाति की गायें अपने जीवन काल में 7 से 8 बच्चे देती है और दूध देती है, वहीं होल्स्टीन फ्रेज़ियन नस्ल की गाय दो से तीन बार ही बच्चा देती है। इसके बाद इन गायों में कई तरह की बीमारियां भी हो जाती हैं। अधिक दूध देने वाली गाय के थन पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे उनके थन जल्दी खराब होते लगते हैं। अगर कोई गाय एक लाख लीटर दूध देती है तो निश्चित तौर पर उसके जीवन में दूध देने का समय काफी कम होगा। भारतीय प्रजाति की गाय के दूध की न्यूट्रीशन और गुणवत्ता काफी बेहतर है। पिछले कुछ समय में किए गए अनुवांशिक सुधारों से इनके उत्पादन में भी काफी सुधार हुआ है।

ICAR के सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन कैटल के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमेश कुमार कहते हैं कि भारतीय प्रजाति साहिवाल और होल्स्टीन फ्रेज़ियन के क्रॉस से भारत में फिजवाल प्रजाति की गाय तैयार की गई है। ये गाय अपने जीवन काल में 50 से 55 हजार लीटर तक दूध दे सकती है। इसके दूध की गुणवत्ता भी बेहतर है।