भारत के साथ रक्षा कारोबार पर नहीं पड़ा गाजा युद्ध का असर, इजरायली कंपनियों से जारी है उपकरणों की खरीद
इजरायल-हमास युद्ध शुरू हुए करीब साढ़े चार महीने गुजर चुके हैं। इस दौरान कई कारणों से इजरायल का औद्योगिक उत्पादन कम हुआ है लेकिन भारत के साथ उसका रक्षा कारोबार कम नहीं हुआ है। यह जानकारी उच्चस्तरीय भारतीय सूत्रों ने दी है। भारत इजरायली रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा खरीदार है। भारत ने बीते दस वर्षों में इजरायल से 2.9 अरब डालर से हथियार गोला-बारूद और रक्षा उपकरण खरीदे हैं।
रायटर्स, नई दिल्ली। इजरायल-हमास युद्ध शुरू हुए करीब साढ़े चार महीने गुजर चुके हैं। इस दौरान कई कारणों से इजरायल का औद्योगिक उत्पादन कम हुआ है लेकिन भारत के साथ उसका रक्षा कारोबार कम नहीं हुआ है। यह जानकारी उच्चस्तरीय भारतीय सूत्रों ने दी है।
इजरायली रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा खरीदार है भारत
भारत इजरायली रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा खरीदार है। भारत ने बीते दस वर्षों में इजरायल से 2.9 अरब डालर (करीब 24 हजार करोड़ रुपये) से हथियार, गोला-बारूद और रक्षा उपकरण खरीदे हैं। खरीदे गए उपकरणों में रडार, सर्विलांस उपकरण, हमलावर ड्रोन और संवेदनशील मिसाइल हैं।
सात अक्टूबर 2023 से गाजा में युद्ध जारी
सात अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले और उसके बाद गाजा पर इजरायली हमले से एक करोड़ से कम आबादी वाले इजरायल में कई तरह की स्थितियां बदली हैं। गाजा में युद्ध लड़ने के साथ इजरायली सेना लेबनान, सीरिया और यमन से होने वाले हमलों का भी मुकाबला कर रही है। मुकाबले में बड़ी मात्रा में गोला-बारूद-मिसाइलों की खपत हो रही है।
इसके चलते उसे अमेरिका से हथियार और सहायक सामग्री लेनी पड़ रही है। लेकिन कार्यबल कम होने और प्राथमिकता बदलने के बावजूद उसकी रक्षा उत्पादन इकाइयों पर खास फर्क नहीं पड़ा है। इसी वजह से इजरायल और भारत के बीच का रक्षा कारोबार प्रभावित नहीं हुआ है।
गाजा युद्ध के बावजूद बेअसर हैं भारत की रक्षा तैयारियां
भारतीय सेना के उच्चस्तरीय सूत्र के अनुसार इजरायल से हथियारों और रक्षा उपकरणों की आपूर्ति पर युद्ध का कोई असर नहीं पड़ा है। इजरायली कंपनियां पूर्व की भांति आर्डर पूरे कर रही हैं। इजरायली कंपनियों के इस रुख के चलते भारत सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से निपटने की अपनी रणनीति पर लगातार आगे बढ़ रहा है।
भारत के विदेश मंत्रालय और नई दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास ने इससे जुड़े सवालों पर कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है। लेकिन सबसे बड़े रक्षा सहयोगी रूस के दो साल से युद्ध में संलिप्त होने के कारण गाजा युद्ध शुरू होने के बाद रक्षा खरीद को लेकर भारत इजरायल की ओर से आशंकित हो गया था। लेकिन अभी तक इजरायल की ओर से आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ा है, इसलिए भारत भविष्य की अपनी सुरक्षा योजनाओं को लेकर निश्चिंत है।
बीते दस वर्षों से भारत विश्व का सबसे बड़ा हथियार खरीदार बना
बीते दस वर्षों से भारत विश्व का सबसे बड़ा हथियार खरीदार बना हुआ है। 2012 से 2022 के बीच भारत ने विभिन्न देशों से 37 अरब डालर के हथियार खरीदे हैं। भारत ने सबसे ज्यादा 21.8 अरब डालर के हथियार और रक्षा उपकरण रूस से, 5.2 अरब डालर के फ्रांस से, 4.5 अरब डालर के अमेरिका से और उसके बाद इजरायल से 2.9 अरब डालर की खरीद की है।