फिल्म 'झुंड' की ओटीटी पर रिलीज होने का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाई कोर्ट के आदेश को किया स्थगित
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट ने ऐसे मामलों में अंतरिम राहत देने से संबंधित सिद्धांतों की अनदेखी की। इसलिए उक्त फैसले पर रोक लगाई जाती है। विशेष अनुमति याचिका पर अंतिम सुनवाई 13 मई को होगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदी फिल्म 'झुंड' को छह मई को ओवर द टाप (OTT) मंच पर रिलीज करने का रास्ता गुरुवार को साफ कर दिया। उसने अमिताभ बच्चन अभिनीत इस फिल्म के ओटीटी मंचों पर प्रदर्शन पर रोक लगाने संबंधी तेलंगाना हाई कोर्ट के आदेश को स्थगित कर दिया।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट ने ऐसे मामलों में अंतरिम राहत देने से संबंधित सिद्धांतों की अनदेखी की। इसलिए उक्त फैसले पर रोक लगाई जाती है। विशेष अनुमति याचिका पर अंतिम सुनवाई 13 मई को होगी।
फिल्म के ओटीटी पर प्रदर्शन पर रोक लगाने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ इसके निर्माता टी-सीरीज की याचिका को प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को सूचीबद्ध करने के लिए सहमति जताई थी।
याचिका में आरोप लगा कि 'झुंड' के निर्माताओं ने कापीराइट का किया उल्लंघन
हाई कोर्ट ने 29 अप्रैल को हैदराबाद के फिल्म निर्माता नंदी चिन्नी कुमार की याचिका पर अपने अंतरिम आदेश में फिल्म के ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज करने को लेकर यथास्थिति का आदेश दिया था। उसने अगली सुनवाई के लिए नौ जून की तारीख तय की। याचिका में आरोप लगाया गया था कि 'झुंड' के निर्माताओं ने कापीराइट का उल्लंघन किया है। खेल संबंधित विषय पर बनी यह फिल्म एनजीओ स्लम साकर के संस्थापक विजय बरसे के जीवन पर केंद्रित है।
झुग्गी बस्ती में रहने वालों की कहानी है झुंड
बता दें कि झुंड एक झुग्गी बस्ती में रहने वाले के जीवन और अपने सपने को हासिल करने के उसके संघर्ष की कहानी है। इस फिल्म में नायक अपने जीवन के अनुभवों का उपयोग अपने और अपने समुदाय के लिए सामाजिक बाधाओं को तोड़ने के लिए एक रास्ता बनाने के लिए करता है और लाखों युवाओं को अपने सपनों के प्रति जुनूनी होने के लिए प्रेरित करता है, जो इसे समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ रियल बनाता है।