Move to Jagran APP

भाजपा ने अपने सांसदों को सोशल मीडिया में दिखाया सक्रियता का आईना

मोदी लहर पर सवार होकर संसद पहुंचे उत्तर प्रदेश के यादातर भाजपा सांसद जनता से संवाद बनाने और उसे बढ़ाने में नाकाम रहे हैं। अगले साल पार्टी राय में चुनावी समर में उतरने जा रही है, लेकिन राजनीतिक जमीन तो दूर सोशल मीडिया पर भी भाजपा सांसद सक्रिय नहीं हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Sat, 19 Mar 2016 10:39 AM (IST)
भाजपा ने अपने सांसदों को सोशल मीडिया में दिखाया सक्रियता का आईना

नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। मोदी लहर पर सवार होकर संसद पहुंचे उत्तर प्रदेश के ज्यादातर भाजपा सांसद जनता से संवाद बनाने और उसे बढ़ाने में नाकाम रहे हैं। अगले साल पार्टी राय में चुनावी समर में उतरने जा रही है, लेकिन राजनीतिक जमीन तो दूर सोशल मीडिया पर भी भाजपा सांसद सक्रिय नहीं हैं।

इनमें कई स्वनामधन्य हैं तो कई केंद्रीय मंत्री भी। सरकार में नंबर एक नरेंद्र मोदी और नंबर दो राजनाथ सिंह सोशल मीडिया में भी इसी क्रम में हैं। ट्विटर और फेसबुक दोनों ही मोर्चो पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सांसदों के लिए आदर्श प्रस्तुत किया है।

पढ़ेंः सोशल मीडिया में 25 हजार फालोअर्स होने पर ही तय होगा भाजपा का टिकट
सरकार और पार्टी ने अपने सांसदों को सोशल मीडिया में उनकी सक्रियता का आईना दिखाया है। कहा, च्अपना आकलन खुद करिये, आप कतार में कहां खड़े हैं? तकनीकी व डिजीटल युग में अपने सांसदों की गतिविधियों पर संगठन के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) भी नजर रख रहा है। पिछले दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के सांसदों की एक बैठक में इस बारे में आगाह भी किया था। इस बैठक में सांसदों के लिए सोशल मीडिया में 50 हजार फालोअर होने की न्यूनतम सीमा निर्धारित की गई है। पार्टी के आंकड़ों में इस सीमा को केवल सात सांसदों ने पार किया है। सूबे के आधे से अधिक सांसद सोशल मीडिया पर निष्क्रिय हैं।

पढ़ेंः सोशल मीडिया का प्रतीक चिन्ह 'एट द रेट @' यानि हाथी की सूंड़....जानिए
उत्तर प्रदेश के यादातर सांसद अपने चुनान क्षेत्र, संगठन और प्रशासन के लोगों से किस हद तक कटे हुए हैं, इसका अंदाजा उस सूची से हो रहा है, जो सभी सांसदों के पास भेजा गया है। उत्तर प्रदेश के सांसदों के रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक राय से जीतकर पहुंचे कुल 71 पार्टी सांसदों में से मात्र 28 सांसदों के ही ट्विटर और फेसबुक पर फालोअर हैं। इनमें बनारस के सांसद (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी तो फालोअर के मामले में करोड़पति (1.86 करोड़) हैं, जबकि लखनऊ के सांसद (गृहमंत्री) राजनाथ सिंह फालोअर के मामले में लखपति (25 लाख) हैं। अन्य लखपति फालोअर सांसदों में हेमा मालिनी, वीके सिंह, आदित्यनाथ और वरुण गांधी हैं।

उत्तर प्रदेश में जिन नेताओं को पार्टी चेहरा बनाने की सोच रही है, सोशल मीडिया में उनकी हालत दयनीय है। इनमें केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा, डॉक्टर राम शंकर कठेरिया और केशव प्रसाद मौर्य प्रमुख हैं। डॉक्टर महेश शर्मा को चाहने वालों की संख्या नौ हजार से भी कम है। इसी तरह मंत्री उमा भारती, मेनका गांधी और जगदंबिका पाल को चाहने वाले तो हैं, लेकिन ये लोग सोशल मीडिया पर निष्क्रिय हैं। लल्लू सिंह, महेंद्र नाथ पांडेय और हरीश द्विवेदी फेसबुक पर सक्रिय हैं तो ट्विटर पर निष्क्रिय।

पढ़ेंः बंगाल चुनाव में सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगा आयोग