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    सोशल मीडिया में 25 हजार फालोअर्स होने पर ही तय होगा भाजपा का टिकट

    By Abhishek Pratap SinghEdited By:
    Updated: Wed, 16 Mar 2016 10:05 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदारों के लिए भाजपा ने दो कड़ी शर्ते पूरी करनी होंगी। विधानसभा चुनाव का टिकट चाहने वालों के लिए जरूरी होगा कि सोशल मीडिया में कम से कम उनके 25 हजार फालोअर्स हों।

    नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदारों के लिए भाजपा ने दो कड़ी शर्ते पूरी करनी होंगी। विधानसभा चुनाव का टिकट चाहने वालों के लिए जरूरी होगा कि सोशल मीडिया में कम से कम उनके 25 हजार फालोअर्स हों।

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    साथ ही भाजपा में आजीवन सहयोग निधि के तहत चंदा करके पांच लाख रुपये पार्टी कोष में जमा कराने होंगे। उत्तर प्रदेश के सांसदों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सभी सांसदों और विधायकों के लिए सोशल मीडिया में फालोअर्स की संख्या और आजीवन सहयोग निधि का मानक तय कर दिया है। ये दोनों मानक पूरे न करने वालों का टिकट पर दावा ही नहीं होगा।

    सांसद बनाएं 50 हजार फालोअर्स

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के सभी सांसदों से ट्विटर, फेसबुक या सोशल मीडिया पर अपने फालोअर्स की संख्या कम से कम 50 हजार पहुंचाने का लक्ष्य दिया। उन्होंने कहा कि ट्विटर या फेसबुक जैसे माध्यमों पर जनता से संवाद बढ़ाने और उनको जोड़ने की प्रक्रिया को न सिर्फ तेज किया जाए, बल्कि लोगों की समस्याओं के समाधान में भी ये माध्यम बेहद प्रभावी है।

    विधायकों के लिए या इसके लिए दावेदारी कर रहे नेताओं को भी उन्होंने सोशल मीडिया में 25 हजार फालोअर्स बनाए जाने को कहा। मोदी ने कहा कि सिर्फ फालोअर्स ही नहीं बनाने हैं। उनके साथ संवाद करना है और प्रतिक्रिया देनी है। वैसे भी इस सरकार का सुशासन के लिए तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने का एजेंडा रहा है।

    कभी-कभी फोन खुद भी इस्तेमाल करें

    प्रधानमंत्री ने खासतौर से मोदी एप समेत सरकार के सभी एप सांसदों के मोबाइल में होने को जरूरी बताया। माहौल को हल्का बनाने के लिए उन्होंने सांसदों के साथ थोड़ा हास-परिहास के साथ उनकी जिम्मेदारी याद दिलाई और तकनीकी बाधा दूर करने का लक्ष्य दिया। प्रधानमंत्री ने अपनी बात बिजली से शुरू की। उन्होंने कहा कि 'अब तो हर गांव में लट्टू जल गए। बिजली पहुंची तो मोबाइल पर सूचना मिली होगी। एप तो डाउनलोड कर लीजिए।'

    अपना स्मार्ट फोन भी खुद इस्तेमाल न कर पाने वाले सांसदों की उन्होंने चुटकी ली कि 'कभी-कभी अपना फोन खुद भी चला लिया करिये। सिर्फ पीए के भरोसे मत रहिए। सरकारी एप भी डाउनलोड करिए। उन्हें अगर आप देखते रहेंगे तो आपको बड़ा मजा आएगा। सरकार की जो सूचनाएं हैं, जितनी जानकारी होगी, उस आधार पर लोगों को बताने और जताने में सहूलियत होगी। ट्वीट करते और देखते रहिए।' मोदी का सबसे ज्यादा जोर जानकारियों को गांव और गरीब तक पहुंचाने और सरकारी योजनाओं के बारे में बताने पर रहा।

    सांसदों को शाह का अल्टीमेटम

    प्रधानमंत्री से पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संगठन को मजबूत करने के लिए सांसदों को अहम जिम्मेदारी और लक्ष्य दिए। शाह ने आजीवन सहयोग निधि के तहत उत्तर प्रदेश के सांसदों के योगदान न करने पर निराशा जताई। इसके तहत सभी सांसदों को 10 लाख रुपये का चंदा इकट्ठा कर पार्टी कोष में जमा कराना है। सूत्रों के मुताबिक, अब तक कुल 30 फीसद सांसद ही यह लक्ष्य पा सके हैं। 50 फीसदी से ज्यादा तो चौथाई का लक्ष्य भी नहीं छू सके हैं।

    शाह ने कहा कि छह अप्रैल अंतिम तारीख है, तब तक सभी को जनता और कार्यकर्ताओं से चंदा लेकर यह रकम पार्टी कोष में जमा करानी होगी। इसी तरह भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि विधायकों के लिए पांच लाख रुपये आजीवन सहयोग निधि में जमा कराने की बात कही। इस दौरान उन्होंने यह भी साफ किया कि विधायक चुनाव लड़ने वालों में भी जिनके सोशल मीडिया में 25 हजार फालोअर होंगे और पांच लाख रुपये आजीवन सहयोग निधि में जुटाए होंगे, उनको वरीयता दी जाएगी।

    प्रदेश मथने का एजेंडा

    केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा के आवास पर सोमवार को उत्तर प्रदेश के सांसदों से मोदी, शाह के अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव ओम माथुर ने भी संवाद किया। माथुर ने सांसदों को अगले चार माह का पूरा एजेंडा ही थमा दिया।

    उन्होंने कहा कि 7 अप्रैल से 14 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश में झंडा अभियान चलेगा, इसके तहत अपनी गाडि़यों में भाजपा सांसद, विधायक और पदाधिकारी भाजपा का झंडा लगाकर चलें। 14 अप्रैल से 14 मई तक अंबेडकर जयंती को मनाइये। दलित बस्तियों में जाकर बाबा साहब के आदर्शो और ज्ञान के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता को दिखाएं। 15 मई से किसानों के बीच जाकर उन्हें बजट और उनसे जुड़ी योजनाओं के बारे में समझाएं।