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'बीमार थीं चाची, मैंने अपनी अंतरात्मा की सुनी आवाज'; शरद पवार की पत्नी से हालचाल जानने के बाद बोले अजित पवार

शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार बीमार हैं। उन्हें मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था । जानकारी के मुताबिकब्रीच कैंडी में शुक्रवार को उनकी सर्जरी हुई। चाचा और भतीजे के बीच सियासी उठापटक के बीच शुक्रवार देर रात को अजित पवार अपनी चाची का हालचाल जानने के लिए शरद पवार के आवास सिल्वर ओक पहुंचे थे।

By AgencyEdited By: Piyush KumarPublished: Sat, 15 Jul 2023 03:29 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jul 2023 03:29 PM (IST)
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की फाइल फोटो।(फोटो सोर्स: जागरण)

मुंबई, एएनआइ। एनसीपी पार्टी के दो हिस्सों में टूटूने के बाद चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच जुबानी जंग जारी है। वहीं, शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार बीमार हैं। उन्हें मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था । जानकारी के मुताबिक,ब्रीच कैंडी में शुक्रवार को उनकी सर्जरी हुई।

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सर्जरी के बाद उन्हें अस्तपाल से डिस्चार्ज कर दिया गया। चाचा और भतीजे के बीच सियासी उठापटक के बीच शुक्रवार देर रात को अजित पवार अपनी चाची का हालचाल जानने के लिए शरद पवार के आवास सिल्वर ओक पहुंचे थे।

चाची से मुलाकात के बाद अजित पवार ने दी प्रतिक्रिया

चाची से मुलाकात को लेकर शनिवार को उन्होंने कहा,"मुझे अपने परिवार से मिलने का पूरा अधिकार है। मेरी चाची बीमार थीं और उन्हें कल अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी, इसलिए मैं उनसे मिलने गया।"

उन्होंने आगे कहा कि राजनीति अलग है, परिवार हमेशा पहले आता है।

अजित पवार ने कहा,"मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और अपनी चाची का हालचाल पूछने चला गया।"

अजित को मिली वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी

बता दें कि शुक्रवार को शिंदे मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को वित्त एवं नियोजन मंत्रालय, छगन भुजबल को खाद्य और नागरिक आपूर्ति एवं ग्राहक संरक्षण, दिलीप वलसे पाटिल को सहकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।

अजित गुट ने दस राज्य के अध्यक्षों को हटाया

इसके अलावा, अजित गुट ने एनसीपी पार्टी के दस राज्यों के अध्यक्षों को निष्क्रियता व संगठन का काम-काज ठीक तरीके से नहीं करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। इन राज्यों की कार्यकारिणी भी भंग कर दी है। इस बीच जिन राज्यों के अध्यक्षों को हटाने का यह फैसला लिया गया है, उनमें दिल्ली, बिहार, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, गोवा, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, राजस्थान और अंडमान-निकोबार शामिल है।


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