खुलेंगे रोजगार के नए द्वार, चलेंगी सरकारी बसें, शासकीय कर्मियों कों स्वास्थ्य बीमा सुविधा... जानिए 2026 में MP में और क्या होगा खास
मध्य प्रदेश 2026 में कई महत्वपूर्ण बदलावों के लिए तैयार है। सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, स्थानीय रोजगार सृजित करने और सार्वजनिक परिवहन को ...और पढ़ें

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश अपार संभावनाओं वाला प्रदेश है। यहां प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन हैं। कभी यह बीमारू राज्यों में गिना जाता था। अब यह विकासशील से विकसित राज्य की पंक्ति में खड़ा है। हर क्षेत्र में विकास हुआ है लेकिन लगातार आगे बढ़ना ही जरूरी है। बीते एक वर्ष में उद्योगों के विस्तार पर सर्वाधिक काम हुआ। देश में पहली बार रीजनल इंडस्ट्रीज कान्क्लेव जैसा नवाचार किया गया। बहुत से क्षेत्रों को वर्ष 2026 से बहुत उम्मीदें हैं। नव वर्ष के प्रारंभ में प्रस्तुत है वे क्षेत्र जो प्रदेशवासियों के लिए कुछ नया लेकर आने वाले हैं।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ऊर्जा
राज्य सरकार ने वर्ष 2026 को कृषि वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस थीम से सरकार ने साफ कर दिया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर सर्वाधिक फोकस रहेगा। प्रत्येक जिले में छोटे-छोटे उद्योग खड़े करके स्थानीय स्तर पर रोजगार के द्वार खोले जाएंगे। गोपालन पर प्रोत्साहन दिया जाएगा।
सार्वजनिक परिवहन
अप्रैल, 2026 से मुख्यमंत्री सुगम बस परिवहन सेवा प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। 25 जिलों में यात्री परिवहन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी बसों का संचालन करेगी। छह हजार से अधिक रूट (मार्ग) को मंजूरी दी जा चुकी है। अंतरराज्यीय बस सेवा भी प्रारंभ होगी।
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कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा सुविधा
सरकार अपने नियमित व अन्य श्रेणी के लगभग 15 लाख कर्मचारियों को आयुष्मान की तर्ज पर स्वास्थ्य बीमा सुविधा देने की योजना लागू करने की तैयारी में है। इसमें एक निश्चित अंश राशि देने पर 10 लाख रुपये तक के उपचार की सुविधा मिलेगी।
पेंशनरों को राहत
साढ़े चार लाख पेंशनरों के नियम में भी संशोधन किया जा रहा है, जो अप्रैल, 2026 से लागू हो सकता है। इसमें 25 वर्ष से अधिक आयु की आश्रित बेटी भी परिवार पेंशन की हकदार होगी। सरकारी नौकरी के लिए दो से अधिक बच्चे वाले अपात्र होते हैं। इस नियम में परिवर्तन किया जा रहा है।
खाद के लिए ई-टोकन व्यवस्था
खाद वितरण को लेकर हर बार समस्या आती है। वितरण केंद्रों पर किसानों का हंगामा होता है। इसे देखते हुए जबलपुर, विदिशा और शाजापुर जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ई-टोकन व्यवस्था शुरू की गई थी। इसका लाभ यह हुआ कि खाद लेने के लिए किसानों को न तो कतार में खड़ा होना पड़ा, न ही दस्तावेज लेकर भटकने की जरूरत पड़ती है। इस व्यवस्था का विस्तार किया जा सकता है।
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रोजगार
प्रदेश में 35 लाख से अधिक पंजीकृत बेरोजगार (आकांक्षी) हैं। सरकार ने रोजगार को प्राथमिकता में रखा है। आगामी तीन वर्ष में ढाई लाख सरकारी पदों पर भर्ती होगी। वर्ष 2026 में 7500 पुलिसकर्मी, 18 हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मी और 30 हजार शिक्षकों की नियुक्तियां होनी हैं। कर्मचारी चयन मंडल ने परीक्षाओं का कार्यक्रम भी जारी कर दिया है। भर्तियां होने से अमले की कमी से जूझ रहे विभागों को व्यवस्था बनाने में सहायता मिलेगी। शिक्षकों की कमी दूर होगी तो कानून-व्यवस्था के लिए पुलिस बल उपलब्ध होगा। तीन वर्ष में लगभग 27 हजार पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य विभाग ने 45 हजार और शिक्षा विभाग ने 50 हजार शिक्षकों की भर्ती की कार्ययोजना तैयार की है।
निजी क्षेत्र में दो लाख रोजगार होंगे सृजित
कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, सिंचाई, उद्योग, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य सुधार, खनन, फार्मा, नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश अग्रणी राज्यों की पंक्ति में खड़ा है। वर्ष 2025 को 'उद्योग एवं रोजगार वर्ष' के रूप में मनाया गया। दो वर्षों में 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से आठ लाख करोड़ के निवेश का धरातल पर काम भी शुरू हो गया है। इससे दो लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 5,019 करोड़ की लागत से औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। अगले पांच वर्षों में छह प्रमुख औद्योगिक कारिडोर विकसित किए जा रहे हैं, जिससे मालवा से बुंदेलखंड और निमाड़ से विंध्य तक कनेक्टिविटी सुदृढ़ होगी। सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम के माध्यम से दो करोड़ रोजगार सृजन करने का लक्ष्य है।
स्कूल शिक्षा
प्रदेश में गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए नई शिक्षा नीति के तहत काम किया जा रहा है। सर्वसुविधायुक्त 200 सांदीपनि विद्यालय खोले जाएंगे। जहां शिक्षक तो मापदंड के अनुसार होंगे ही प्रयोगशाला, खेल मैदान सहित अन्य सुविधाएं भी रहेंगी। अभी तक 275 विद्यालय खुल चुके हैं। इसके साथ ही 4,500 स्कूलों में प्री-प्राइमरी भी संचालित होंगे।
उच्च शिक्षा
उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए 35 नए पाठ्यक्रम प्रारंभ किए हैं। इसमें कृषि से लेकर विमानन क्षेत्र तक शामिल हैं। इसके साथ ही कई ऐसे आनलाइन पाठ्यक्रम भी करवाए जा रहे हैं, जिन्हें करने के बाद रोजगार के अवसर अधिक मिलें।
स्वास्थ्य
वर्ष 2026 स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा की दृष्टि से उपलब्धियों भरा रहेगा। वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव के पहले बने तीन जिले मैहर, मऊगंज और पांढ़ुर्णा में नए जिला अस्पताल प्रारंभ हो जाएंगे। दमोह, छतरपुर और मंडला में शासकीय मेडिकल कालेज प्रारंभ करने की तैयारी है। इसके लिए इसी मार्च के पहले नेशनल मेडिकल कमीशन को मान्यता के लिए आवेदन किया जाएगा। नौ जिलों में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) से मेडिकल कालेज खोलने के लिए एमओयू हो सकता है। इसके लिए निविदा प्रक्रिया प्रगति पर है।
सीएम केयर योजना
इसके अंतर्गत रोगियों को पुराने पांच मेडिकल कालेजों में उन्नत सुपरस्पेशयिलिटी सुविधाएं मिलेंगी। इसमें कैंसर, हृदय रोग शामिल हैं। साथ ही एम्स दिल्ली की तरह एक प्रदेश स्तरीय सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का निर्णय हो सकता है। भोपाल एवं रीवा में कार्डियक कैथलैब प्रारंभ की जाएगी। ग्वालियर एवं जबलपुर में भी कैथलैब जल्द ही खोलने की तैयारी है।
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ऊर्जा
भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए प्रदेश में ग्रीन एनर्जी पर तेजी से काम हो रहा है। सौर और पवन ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करने के लिए कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसके साथ ही स्टोरेज की दिशा में भी कदम बढ़ाए गए हैं। मुरैना में सरकार 800 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने जा रही है। यहां उत्पादित बिजली का उपयोग छह माह मध्य प्रदेश और छह माह उत्तर प्रदेश करेगा। दो चरण वाली इस योजना के पहले चरण में सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना विकसित की जा रही है। इसी तरह 47 जिलों में 1500 सरकारी भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर बिजली बनाई जाएगी। इससे बिजली का व्यय आधा हो जाएगा। ऊर्जा क्षेत्र में नवकरणीय ऊर्जा का योगदान 9508 मेगावाट हो गया है। सौर ऊर्जा से चलने वाले 50 हजार कृषि पंप भी लगाए जा रहे हैं। 42 हजार करोड़ रुपये की लागत से 4000 मेगावाट की ताप विद्युत परियोजनाओं पर भी काम होगा।
पर्यावरण
खेती की बढ़ती लागत और समय प्रबंधन के लिए किसान खेतों में पराली और नरवाई तो जला देते हैं पर इसका पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। मध्य प्रदेश में देश में सर्वाधिक पराली जलाने वाला राज्य बन गया है, जो चिंता का कारण है। इसकी रोकथाम बड़ी चुनौती है। जिला प्रशासन को अधिकार संपन्न बनाने के बाद भी अधिकतर मामलों में कार्रवाई नहीं होती, जिससे घटनाएं बढ़ रही हैं। नर्मदा, शिप्रा हो या फिर अन्य नदियों में सीवरेज को मिलने से रोकने के प्रयास अब तक सफल नहीं हुए हैं।
जनगणना शुरू होगी
अप्रैल, 2026 से प्रदेश में जनगणना का काम प्रारंभ होगा। यह दो चरणों में होगा। पहले चरण में अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच में मकानों की गणना होगी। दूसरा चरण नौ से 28 फरवरी, 2027 तक चलेगा। सभी प्रशासनिक सीमाओं में परिवर्तन अब 31 मार्च, 2027 तक कोई बदलाव नहीं होगा।
21 फरवरी को मतदाता सूची जारी होगी
प्रदेश में 22 साल बाद मतदाता सूची के शुद्धीकरण के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया की गई। पांच करोड़ 74 लाख मतदाताओं को गणना पत्रक देकर भरवाए गए। पांच करोड़ 31 लाख मतदाता की जानकारियां सही पाई गईं। मृत, अनुपस्थित, स्थायी रूप से स्थानांतरित और दोहरी प्रविष्टि वाले 42 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाए गए। इन्हें दावा-आपत्ति का एक अवसर दिया गया है। 21 फरवरी को मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
सहकारिता और मंडियों के कराए जा सकते हैं चुनाव
प्रदेश में साढ़े चार हजार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के चुनाव आठ साल से नहीं हुए हैं। इसी तरह कृषि उपज मंडी समितियों के चुनाव 13 साल से नहीं हुए हैं। वर्ष 2026 में इन दोनों समितियों के चुनाव कराने की तैयारी में है। दोनों चुनाव गैर दलीय आधार पर होते हैं मगर राजनीतिक दखलंदाजी पूरी रहती है।

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