Bageshwar Dham में 220 लोगों ने की सनातन धर्म में वापसी, पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने पहनाई पीली पट्टिका
बागेश्वर धाम में 220 लोगों ने ईसाई धर्म को छोड़कर सनातन धर्म में वापसी कर ली है। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि यह सभी अपनी मर्जी से घर वापसी कर रहे हैं। इन्हें झूठे झांसे देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया था।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। रविवार को मध्यप्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम में सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए थे। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने सनातनी धर्म में वापसी की है। बागेश्वर धाम में नवकुंडीय यज्ञ के समापन पर सागर जिले के टपरियन, बनापुर, बम्हौरी, चितोरा गांव से 220 लोगों ने सनातन धर्म को पुन: अपनाकर घर वापसी की है। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने दावा किया है कि इन सभी लोगों ने अपनी मर्जी से सनातनी धर्म को दोबारा अपनाया है।
220 लोगों ने सनातनी धर्म में वापसी की
बताया जा रहा है इन सभी को चार बसों में भरकर लाया गया था। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इनसे कहा कि आप सभी सनातनी हो, अपने धर्म में वापसी कर लो। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि आप किसी ईसाई मिशनरी के संपर्क में हो तब भी अपने धर्म को दोबारा अपना लो। दरअसल, यह 220 लोग ईसाई मिशनरियों को झांसे में आ गए थे और चर्च जाने लगे थे।
आशीर्वाद के लिए पहनाई पीली पट्टिका
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने इन सभी से बात की और समझाया। इसके बाद एक-एक करके सभी को मंच पर बुलाया और आशीर्वाद के तौर पर उन्हें पीले रंग की पट्टिका पहनाई। आपको बता दें, सनातन धर्म में वापसी करने वाले 62 परिवार के 220 लोग हैं। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने बताया कि सभी लोग अपनी मर्जी से घर वापसी कर रहे हैं।
रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करें
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने इन सभी से कहा कि भूल सभी से होती है, लेकिन जब गलती को सुधार लिया गया है, तो रोजाना मंदिर जाएं। मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के मंदिर जाकर दर्शन करें। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि वो किसी धर्म का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन सनातनी धर्म के कट्टर हैं। उनका लक्ष्य है कि रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ और देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दिया जाए।
लालच देकर कराया गया था धर्म परिवर्तन
दरअसल, ईसाई धर्म से सनातनी में वापसी करने वालों ने बताया कि ईसाईयों द्वारा इन्हें झूठा लालच देकर फंसाया गया था। दरअसल, एक शख्स ने कहा कि उसको घर देने का लालच दिया गया था और कहा था कि ईसाई धर्म अपनाते ही इसे घर दे दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं, दूसरे ने बताया कि उसकी शादी ईसाई लड़की से की गई थी, लेकिन उसके बाद इसके सामने शर्त रखी गई थी कि वो ईसाई धर्म को अपनाएगा तभी वह लड़की इसके घर आएगी।
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