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    भक्‍ति‍ से जुड़ा हर कोना देखा होगा, पर क्या Mathura-Vrindavan की खोज किसने की, ये मालूम है?

    Updated: Fri, 06 Jun 2025 12:06 PM (IST)

    मथुरा भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है। ये उत्तर प्रदेश में स्थित एक पवित्र शहर है। वृंदावन जो मथुरा से लगभग 10 किलोमीटर दूर है कभी घना जंगल हुआ करता था। यहां श्रीकृष्ण ने अपना बचपन बिताया है। यहां आपको कई मंदि‍र म‍िल जाएंगे। हर साल यहां करोड़ों भक्‍त दर्शन करने के ल‍िए आते हैं।

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    मथुरा वृंदावन का इति‍हास क्‍या है? (Image Credit- Instagram)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पूरे भारत में ऐसी कई जगहें हैं जाे आध्यात्म का केंद्र हैं। उन्हीं में से आध्यात्मिक और पवित्र जगहाें में से एक मथुरा शहर है। ये भारत के सात पवित्र शहरों में से एक है। मथुरा को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि कहा जाता है। उत्तर प्रदेश में स्थित इस शहर में हर साल करोड़ाें भक्त भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के दर्शन करने आते हैं। वैसे तो यूपी में कई फेमस और ऐतिहासिक मंदिर हैं, लेकिन मथुरा और वृंदावन की बात की कुछ और है।

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    वृंदावन की दूरी मथुरा से करीब 10 किलोमीटर है। कहा जाता है कि वृंदावन में एक समय पर सिर्फ घना जंगल हुआ करता था। यहां भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बचपन का आधे से ज्यादा समय बिताया है। मथुरा में जहां श्रीकृष्ण जन्मभूमि फेमस है, तो वहीं वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर, राधा वल्लभ और राधा रमण मंदिर की अपनी एक अलग पहचान है।

    कृष्ण जन्माष्टमी और होली के मौके पर तो यहां लाखों भक्तों की भीड़ जुटती है। आप सभी मथुरा वृंदावन जाकर दर्शन कर लौट आते होंगे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वृंदावन का इतिहास क्या है? इसकी खोज किसने की थी? अगर नहीं, तो ये लेख आपके लिए है। हम आपको बताएंगे कि वृंदावन का इतिहास क्या है। तो आइए जानते हैं विस्तार से-

    मथुरा का इतिहास

    बताया जाता है कि मथुरा का इतिहास कोई 100-200 साल नहीं, बल्कि 2500 साल पुराना है। ये शहर यमुना नदी के तट पर बसा है। इसका उल्लेख ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं में भी किया जाता है। बता दें कि मथुरा को पहले मधुवन के नाम से जाना जाता था। उस दौरान यहां सिर्फ घने जंगल देखने को मिलते थे। हालांकि बाद में इसका नाम बदल दिया गया। इसे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म स्थान माना जाता है।

    नदी के किनारे घाटों का हुआ निर्माण

    मथुरा नगर निगम के मुताबिक, एक समय ऐसा भी था जब मथुरा के इतिहास में अंधकार छा गया था। हिंदू शासकों, अमीर व्यापारियों और सरदारों ने मंदिरों और नदी के किनारे घाटों का निर्माण करने की पहल की। आज के समय में ये शहर जहां एक पवित्र तीर्थनगरी है, वहीं ये पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी है।

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    वृंदावन का इतिहास

    कहा जाता है कि वृंदावन की खोज चैतन्य महाप्रभु ने 1515 में की थी। चैतन्य महाप्रभु ने अपने शिष्यों को भी वृंदावन भेजा था और भक्ति का विस्तार करने के लिए कहा था। वृंदावन को मथुरा का जुड़वा शहर भी कहा जाता है। यहां भगवान कृष्ण ने अपना बचपन बिताया था। वृंदावन वन के लिए भी दुनियाभर में मशहूर है। ये वन यानी कि जंगल वृंदावन शहर से लेकर बरसाना और नंदग्राम तक फैला हुआ है। दूसरी तरफ इसके किनारों पर गोवर्धन भी है। इन जंगलों में राधा कुंड भी माैजूद है।

    यहां भगवान कृष्ण ब्रज की सुंदर गोपियों संग रास नृत्य किया करते थे। वृंदावन ही वो जगह है जहां भगवान श्रीकृष्ण ने राधारानी को प्यार से रिझाया था। आपको बता दें कि वृंदावन को तुलसी का वन भी कहा जाता है। यहां तुलसी के बहुत ज्यादा पौधे हैं।

    वृंदावन में मौजूद हैं ये मंदिर

    • प्रेम मंदिर
    • श्री पर्यावरण बिहारी जी का मंदिर
    • श्री राधारमण मंदिर
    • श्री राधा दामोदर मंदिर,
    • राधा श्याम सुंदर मंदिर
    • गोपीनाथ मंदिर
    • गोकुलेश मंदिर
    • श्री कृष्ण बलराम मंदिर
    • पागलबाबा का मंदिर
    • रंगनाथ जी का मंदिर

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