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    Banke Bihari Mandir: बांके बिहारी मंदिर में नया न्यास, नई व्यवस्था! राज्य सरकार करेगी पदाधिकारियों की नियुक्ति

    Updated: Tue, 27 May 2025 10:41 AM (IST)

    राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास का गठन किया है जिससे मंदिर के सेवायतों को झटका लगा है। यह न्यास धर्मार्थ कार्य विभाग के अंतर्गत काम करेगा। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी है। न्यास में नामनिर्दिष्ट और पदेन न्यासी होंगे जिनमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ और अधिकारी शामिल होंगे।

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    प्रदेश सरकार ने किया श्री बांकेबिहारी जी मंदिर न्यास का गठन

    जागरण संवाददाता, मथुरा। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के प्रबंधन के लिए सोमवार को राज्य सरकार ने मंदिर के सेवायतों को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अध्यादेश लाकर सरकार ने श्री बांकेबिहारी जी मंदिर न्यास का गठन कर दिया है। यह अध्यादेश ऐसे समय लाया गया है, जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध मंदिर सेवायत ने पुन: अपील की है। गठन के बाद आगे की कार्रवाई का रास्ता भी धीरे-धीरे साफ होता जा रहा है। यह ट्रस्ट धर्मार्थ कार्य विभाग के अंतर्गत कार्य करेगा।

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    सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के बेहतर प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय स्तर का ट्रस्ट बनाने का प्रस्ताव दिया था। 15 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के कोष से पांच एकड़ में मंदिर का गलियारा बनाने के लिए भूमि खरीदने का आदेश भी दिया था।

    इसके विरोध में पिछले दिनों मंदिर सेवायत देवेंद्र नाथ गोस्वामी ने सुप्रीम को्र्ट में अपील की। इस अपील पर मंगलवार को जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ सुनवाई करेगी। इसी बीच सोमवार को राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश श्री बांकेबिहारी जी मंदिर न्यास अध्यादेश-2025 ले आई। इस अध्यादेश के तहत सरकार ने मंदिर न्यास का गठन कर दिया है।

    राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अध्यादेश को प्रख्यापित (प्रवर्तित) कर दिया

    राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अध्यादेश को प्रख्यापित कर दिया है। जारी आदेश में कहा गया है कि न्यास में दो प्रकार के न्यासी होंगे, एक नामनिर्दिष्ट व पदेन न्यासी। नाम निर्दिष्ट 11 न्यास होंगे। इनमें वैष्णव परंपराओं, संप्रदायों और पीठों से संबंधित तीन प्रतिष्ठित व्यक्ति होंगे, सनातन धर्म की अन्य परंपराओं व पीठों से संबंधित तीन व्यक्ति होंगे। इसमें संत, मुनि, गुरु, विद्वान, मठाधीश, महंत, आचार्य स्वामी सम्मिलित हो सकते हैं।

    सनातन धर्म की किसी भी शाखा या संप्रदाय से संबंधित तीन व्यक्ति भी शामिल हो सकते हैं, इनमें शिक्षाविद्, विद्वान, उद्यमी, समाजसेवी हो सकते हैं। मंदिर में सेवारत गोस्वामी परंपर से दो सदस्य होंगे,. एक राजभाग सेवा से और एक शयनभोग सेवा से।

    कोई भी दो बार से अधिक नियुक्त नहीं किया जा सकेगा

    न्यास में पदेन न्यासी की संख्या सात से अधिक नहीं होगी। इसमें डीएम, एसएसपी, नगर आयुक्त के साथ ही उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ, उत्तर प्रदेश धर्मार्थ कार्य विभाग का एक अधिकारी, श्रीबांकेबिहारी जी मंदिर ट्रस्ट के सीईओ के अलावा राज्य सरकार उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अन्य सदस्य भी कोई भी दो बार से अधिक नियुक्त नहीं किया जा सकेगा। सभी न्यासी हिंदू और सनातन धर्म को मानने वाले होंगे। न्यास का सीईओ पूर्णकालिक होगा और राज्य सरकार का अधिकारी होगा और उसका पद एडीएम के समकक्ष होगा।