सिर्फ स्वर्ण मंदिर ही नहीं, ये 5 कारण बताते हैं कैसे Golden City बन गया अमृतसर? सुंदर है इसका जवाब
अमृतसर जिसे गोल्डन सिटी (History of Amritsar) के नाम से जाना जाता है पंजाब का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इसकी स्थापना गुरु रामदास जी ने 15वीं सदी में की थी। ये शहर अपने स्वर्ण मंदिर यानी कि Golden Temple के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। अमृत सरोवर के चारों ओर बसे इस शहर में पर्यटकों की हमेशा भीड़ रहती है। इसका इतिहास भी बेहद दिलचस्प है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। History of Amritsar: पंजाब की बात हो और अमृतसर का नाम न आए, ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। अमृतसर को पंजाब का दूसरा सबसे बड़ा जिला और सबसे बड़ा शहर माना जाता है। अृमतसर का जिक्र होते ही सबसे पहले गुरुद्वारों की शांति, पंजाबी व्यंजनों का जायका और रंग-बिरंगी गलियों की तस्वीरें सामने आने लगती हैं। यहां पर लाखों श्रद्धालु स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने आते हैं और भंडारे का प्रसाद ग्रहण करते हैं।
आपको बता दें कि अमृतसर में गोल्डन टेंपल में जो लंगर लगता है, वहां हर रोज एक से डेढ़ लाख लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं। अमृतसर को गोल्डन सिटी भी कहा जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अमृतसर को Golden City यानी कि स्वर्ण नगरी (Why Amritsar Is Golden City) के नाम से पूरी दुनिया में क्यों जाना जाता है? अगर नहीं, तो हम आपको अपने इस लेख में इसकी पूरी दिलचस्प कहानी बताने जा रहे हैं। जिसका जवाब सिर्फ एक मंदिर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे पूरी की पूरी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कहानी भी है। आइए जानते हैं-
गुरु रामदास जी ने की थी अमृतसर शहर की स्थापना
अमृतसर की स्थापना 15वीं सदी में सिखों के चौथे गुरु, गुरु रामदास जी ने की थी। ये शहर भारत के सबसे आध्यात्मिक और ऐतिहासिक रूप से समृद्ध शहरों में गिना जाता है। अमृतसर नाम का मतलब ही इसकी खूबसूरती को बयां करता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये नाम पंजाबी भाषा के शब्द अमृत सरोवर से बना है। इसका सीधा मतलब है कि अमृत से भरा तालाब। इसी तालाब के चारों ओर बसा है ये सुनहरा शहर यानी कि Golden City।
Image Credit- Punjab Tourism
स्वर्ण मंदिर से होती है शहर की पहचान
इस शहर की पहचान हमेशा से हरमंदिर साहिब यानी कि स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) से होती आई है। ये सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि शांति, सेवा और समानता की मिसाल भी पेश करता है। आपको बता दें कि स्वर्ण मंदिर के ऊपरी छत और दीवारों को असली सोने से सजाया गया है। ये सूरज की रोशनी में ऐसा चमकता है कि पूरा शहर सुनहरे रंग में रंग जाता है। यही कारण है कि अमृतसर को 'Golden City' कहा जाता है।
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यहां की गलियां बयां करती हैं कहानियां
ये भी कहा जाता है कि अमृतसर सिर्फ गोल्डन टेंपल तक सीमित नहीं है। अमृतसर सिख संस्कृति के कई प्रमुख मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों का घर भी है। यहां की गलियों में घूमते हुए आपको पंजाब की कहानियां, पुराने बाजारों, हाथ से बनी चीजों और लोकनाटकों की झलक देखने को मिलेगी। बैसाखी और दीपावली जैसे रंग-बिरंगे त्योहार तो इस शहर को और भी खूबसूरत बना देते हैं।
खानपान के लिए भी फेमस है अमृतसर
ये शहर आपने खानपान के लिए भी फेमस है। यहां के पंजाबी व्यंजन जैसे अमृतसरी कुलचे, लस्सी, छोले-भटूरे और सरसों का साग-मक्के दी रोटी खाने के बाद हर कोई उंगलियां चाटता रह जाता है। यहां सालभर पर्यटकों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है। ये शहर सोने से चमकता ही नहीं, दिलों को भी रोशन कर देता है। हर किसी को एक बार यहां जरूर आना चाहिए।
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Source -
- https://www.incredibleindia.gov.in/en/trips/trip-listing/amritsar-golden-city-escapade
- https://punjabtourism.punjab.gov.in/destination-amritsar.php
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