घड़ी का लकी नंबर है 10:10? शायद ही आप जानते हों घड़ियों के इस सीक्रेट टाइम के पीछे की वजह
आपने ध्यान दिया होगा कि दुकानों और विज्ञापनों में ज्यादातर घड़ियां 10 बजकर 10 मिनट पर सेट होती हैं। लेकिन ऐसा क्यों होता है इसके पीछे की वजह शायद हर आप जानते होंगे। दरअसल ये एक मार्केटिंग का पुराना और असरदार तरीका है। इसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी नोटिस किया है कि जब भी आप किसी घड़ी की दुकान या विज्ञापन में देखते हैं, तो ज्यादातर घड़ियों की सुइयां 10 बजकर 10 मिनट पर रुकी होती हैं। ऐसा क्यों होता है? क्या ये सिर्फ कोइंसिडेंस है, या इसके पीछे कोई खास वजह है? समय तो हर घड़ी पर चलता रहता है, लेकिन 10:10 पर रुकी हुई सुइयां मानो हमें कुछ खास बताना चाहती हैं।
ये सिर्फ एक साधारण सेटिंग नहीं, बल्कि घड़ियों की दुनिया में एक अनकहा नियम है, जिसने सालों से अपनी जगह बनाए रखी है। तो अगली बार जब आप किसी घड़ी को देखें, तो जरा गौर कीजिएगा। उसकी सुइयां आपको चुपचाप कौन-सी कहानी सुना रही हैं? खैर आज हम आपको अपने इस लेख में 10 बजकर 10 मिनट का कारण बताने जा रहे हैं। तो आइए बिना देर किए जानते हैं विस्तार से -
मुस्कुराहट जैसा शेप बनाती है 10:10
घड़ियों को 10:10 पर सेट करने की आदत को लेकर कई तरह की बातें कहीं जाती हैं। कहा जा सकता है कि 10:10 पर सुइयां किसी मुस्कुराहट जैसी शेप बनाती हैं, जो देखने वालों को भी अच्छा लगता है। दरअसल, 10:10 पर सेट घड़ियां देखने वाले लोगों में पॉजिटिविटी लाती हैं। इससे उनकी खरीदने की इच्छा भी बढ़ती है।
जीत की है निशानी
ऐसा भी कहा जाता है कि 10 बजकर 10 मिनट पर घड़ियों की सुइयां V का शेप बनाती हैं। ये शेप जीत, सफलता और खुशी का प्रतीक माना जाता है। यानी कि विक्ट्री का। इसके अलावा जब भी कंपनियां इस समय पर घड़ी को सेट करती हैं तो घड़ी का ब्रांड या कंपनी का लोगो भी साफ दिखाई देता है, जो अक्सर 12 के नीचे लिखा होता है।
ओवरलैप नहीं करती हैं सुइयां
इसकी एक वजह खूबसूरती भी मानी जाती है। घड़ी बनाने वाली या बेचने वाली कंपनियों का मानना है कि जब घड़ी में 10 बजकर 10 मिनट का समय दिखाया जाता है तो इससे वो बेहद खूबसूरत लगती हैं। साथ ही 10:10 पर कोई भी सुई एक दूसरे को ओवरलैप नहीं करती हैं।
अबकी बार जरूर दें ध्यान
तो अब आप जब भी शोरूम में घड़ियों में 10:10 का समय देखें तो समझ जाएं कि इसे सेट करने की वजह सिर्फ समय दिखाना नहीं है। बल्कि ये खूबसूरती, संतुलन, जीत और मार्केटिंग का हिस्सा है। साथ ही, कस्टमर्स के मन में पॉजिटिविटी जगाना है कि वे इसे खरीद सकें। यही कारण है कि 10:10 पर टाइम सेट करने की ये परंपरा आज भी कायम है।
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