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    क्या आप जानते हैं सुहागरात पर पत‍ि को दूध पिलाने की असली वजह? जानें इस रस्म की अहमियत

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 05:18 PM (IST)

    भारतीय संस्कृति में शादी को एक पवित्र बंधन माना गया है। इसमें सुहागरात (Suhagrat Traditions) का भी विशेष महत्व है। इस रात को दुल्हन द्वारा पति को दूध पिलाने की प्रथा है जिसके पीछे सांस्कृतिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण छिपे हैं। दूध में कैल्शियम प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।

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    सुहागरात पर क्‍यों खास होता है दूध का ग‍िलास (Image Credit- Freepik)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क‍, नई द‍िल्‍ली। Suhagrat Traditions:ह‍िंदू परंपराओं में शादी को एक पव‍ि‍त्र बंधन माना गया है। इसमें पति-पत्नी का रिश्ता आपसी समझ पर आधारित होता है। शादी के पहले और शादी के बाद में भी कई रस्‍में न‍िभाई जाती हैं। उन्‍हीं में से सुहागरात भी एक है। सुहागरात में पति‍-पत्‍नी के र‍िश्‍ते की शुरुआत होती है। इसमें दो लोग न सिर्फ फ‍िज‍िकली बल्कि इमोशनली भी एक-दूसरे के करीब आते हैं।

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    आपने फिल्मों या टीवी सीरियल्स में अक्सर देखा होगा कि सुहागरात पर दुल्हन अपने पति को दूध का गिलास देती है। आपको बता दें क‍ि ये प्रथा सिर्फ दिखावे के लिए नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई सांस्कृतिक और स्वास्थ्य से जुड़ी बातें भी छिपी हैं। दूध को आयुर्वेद में अहम स्‍थान द‍िया गया है। दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसे पीने से शरीर को ताकत म‍िलती है। खासतौर पर शादी की भागदौड़ और थकावट के बाद दूध पीना शरीर को एनर्जी देने का काम करता है।

    पहली रात कपल्‍स को होती है घबराहट

    इसके अलावा, दूध में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो तनाव को कम करने का काम करते हैं। साथ ही अच्‍छी नींद लाने में भी कारगर माने जाते हैं। शादी के बाद की पहली रात को लेकर कई बार कपल्स में घबराहट या झिझक होती है, ऐसे में दूध उन्‍हें मेंटल पीस देने का काम करता है। आपने कभी सोचा है क‍ि शादी की पहली रात में पत‍ियों को दूध या केसर वाला दूध क्‍यों प‍िलाया जाता है? आज का हमारा लेख इसी वि‍षय पर है। हम आपको इससे जुड़ी परंपरा के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से -

    दांपत्‍य जीवन की नींव होती है सुहागरात

    आपको बता दें क‍ि शादी के बाद की पहली रात दांपत्‍य जीवन की नींव होती है। ऐसे में केसर वाला दूध इसल‍िए प‍िलाया जाता है क्‍योंक‍ि ये म‍िठास का प्रतीक होता है। कहते हैं क‍ि इससे र‍िश्‍ते में म‍िठास घुल जाती है। इसके अलावा हल्‍दी वाले दूध को भी प्राथम‍िकता दी जाती है। आपने देखा होगा क‍ि शादी के रस्‍मों में हल्‍दी का खूब इस्‍तेमाल क‍िया जाता है। चाहे हाथ पीले करने हों या फ‍िर हल्‍दी लगाने की परंपरा, हल्‍दी को शुभ माना जाता है।

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    पव‍ित्रता का प्रतीक है दूध

    अब आप सोच रहे होंगे क‍ि दूध ही क्‍यों चुना गया। तो हम आपको बता दें क‍ि दूध को इस मौके पर इसलिए महत्व दिया जाता है क्योंकि इसे पवित्र माना जाता है। पूजा पाठ में भी दूध का इस्‍तेमाल होता है। दूध में केसर या हल्‍दी म‍िलाने के पीछे कई साइंट‍िफ‍िक कारण भी हैं। दूध को मीठा करने के ल‍िए चीनी, हल्दी और केसर मिलाया जाता है। इससे दूध का स्‍वाद तो बढ़ ही जाता है, साथ ही ये सेहत के ल‍िए भी फायदेमंद माना जाता है।

    ये है साइंट‍िफ‍िक कारण

    आपको बता दें क‍ि ये सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। केसर यौन इच्‍छा को बढ़ावा देता है। वहीं दूध में मौजूद ट्रिप्टोफैन तनाव को कम करने में मददगार हो सकता है। ये मूड को रिलैक्स फील कराते हैं। इससे शादी की पहली रात खुशहाल बीतती है। यही कारण है क‍ि ये परंपरा मैर‍िड कपल्‍स के ल‍िए जरूरी मानी जाती है।

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