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    World Stroke Day 2025: स्ट्रोक का खतरा बढ़ाते हैं ये 5 कारण, वक्त रहते जानकर करें अपना बचाव

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 11:12 AM (IST)

    World Stroke Day 2025 हर साल 29 अक्टूबर को मनाया जाता है, जिसका मकसद लोगों को स्ट्रोक के बारे में जागरूक करना है। दरअसल, स्ट्रोक एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है जो अचानक होती है और जानलेवा हो सकती है। इसे अक्सर 'ब्रेन अटैक' भी कहा जाता है, क्योंकि यह तब होता है जब ब्रेन के किसी हिस्से में ब्लड फ्लो रुक जाता है या कोई नस फट जाती है। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि स्ट्रोक के ज्यादातर मामलों को रोका जा सकता है। आइए जानते हैं कैसे।

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    World Stroke Day 2025: वक्त रहते पहचानें स्ट्रोक के 5 कारण (Image Source: Freepik) 

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Stroke Day 2025: देश में स्ट्रोक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इंडियन स्ट्रोक एसोसिएशन के अनुसार भारत में हर साल लगभग 18 लाख लोग स्ट्रोक का शिकार होते हैं, जिनमें युवाओं की संख्या भी बढ़ी है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर सावधानी और सही लाइफस्टाइल अपनाकर इस बीमारी के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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    आकाश हेल्थकेयर में न्यूरोलॉजी विभाग के डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. मधुकर भारद्वाज बताते हैं कि स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग तक खून और ऑक्सीजन की सप्लाई किसी कारण रुक जाती है। यह रुकावट या तो ब्लड क्लॉट बनने से होती है या दिमाग की किसी नस के फटने से। ऐसे में, मस्तिष्क की कोशिकाएं कुछ ही मिनटों में मरने लगती हैं और मरीज की जान को बड़ा खतरा हो सकता है।

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    स्ट्रोक के 5 रिस्क फैक्टर्स

    हाई ब्लड प्रेशर

    डॉक्टर के अनुसार 60% स्ट्रोक मरीजों में हाई BP प्रमुख कारण होता है। लगातार बढ़ा हुआ बीपी दिमाग की नसों को कमजोर कर देता है, जिससे ब्लड वेसल्स के फटने का खतरा बढ़ता है। इसलिए,रेगुलर ब्लड प्रेशर चेक कराते रहें और दवा समय पर लें।

    डायबिटीज

    ब्लड शुगर बढ़ने से नसों में सूजन और ब्लॉकेज होने की संभावना बढ़ती है। डॉ. कुमार कहते हैं कि डायबिटीज वाले लोगों में स्ट्रोक का रिस्क सामान्य लोगों की तुलना में दोगुना होता है। शुगर को कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है।

    धूम्रपान और शराब

    तंबाकू और धूम्रपान ब्लड वेसल्स को सिकोड़ते हैं और ब्लड क्लॉट बनने की संभावना बढ़ाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार धूम्रपान स्ट्रोक का खतरा 50% तक बढ़ा देता है। वहीं, ज्यादा शराब पीने से भी ब्रेन हेमरेज का जोखिम भी बढ़ जाता है।

    मोटापा और फिजिकल एक्टिविटी की कमी

    जरूरत से ज्यादा वजन, खराब डाइट और कम फिजिकल एक्टिविटी हार्ट और ब्लड वेसल्स पर दबाव बढ़ाती है। इससे हाई BP और कोलेस्ट्रॉल की समस्या पनपती है, जो स्ट्रोक का कारण बन सकती है। इसलिए, रोज कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें।

    हाई कोलेस्ट्रॉल

    खून में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ने से नसों में प्लाक जमता है जो ब्लड फ्लो रोक सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि फास्ट फूड, तली चीजें और ट्रांस फैट से दूरी बनाकर रखें।

    stroke risk factors

    शुरुआती लक्षणों की पहचान है जरूरी

    डॉ. बताते हैं कि स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है:

    ऐसे में, ‘गोल्डन आवर’ के भीतर तुरंत अस्पताल पहुंच जाएं। समय पर इलाज मिलने से मरीज की जान बच सकती है और बाद में होने वाली विकलांगता का खतरा कम हो जाता है।

    लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव जैसे हेल्दी खानपान, स्ट्रेस मैनेज करना और रेगुलर हेल्थ चेकअप, स्ट्रोक की संभावना को काफी कम कर सकते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं, 'थोड़ी-सी जागरूकता जिंदगी बचा सकती है।'

    - डॉ. मधुकर भारद्वाज (निदेशक एवं विभागाध्यक्ष, न्यूरोलॉजी, आकाश हेल्थकेयर) से बातचीत पर आधारित

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