तापमान में बदलाव से बढ़ने लगे स्ट्रोक और ब्रेन हैमरेज के मरीज, बरतें सावधानी
तापमान में बदलाव के कारण स्ट्रोक और ब्रेन हैमरेज के मामलों में वृद्धि हो रही है। डॉक्टरों के अनुसार, तापमान में उतार-चढ़ाव से रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ता है। अस्पतालों में स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। उच्च रक्तचाप वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। बचाव के लिए शरीर को गर्म रखें और नियमित रूप से रक्तचाप की जांच कराएं।

तापमान में बदलाव से बढ़ने लगे स्ट्रोक और ब्रेन हैमरेज के मरीज
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी पटना में मौसम में अचानक आ रहे बदलाव और लोगों की लापरवाही स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है। विशेष रूप से ब्रेन हैमरेज और स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में बीते एक सप्ताह से लगातार वृद्धि देखी जा रही है। सबसे अधिक मरीज इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) की इमरजेंसी में पहुंच रहे हैं। बीते तीन दिनों में 27 मरीज गंभीर स्थिति में भर्ती कराएं गए है।
इसके अतिरिक्त एम्स व पीएमसीएच के साथ-साथ राजधानी के प्रमुख निजी अस्पतालों में भी काफी मरीज भर्ती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अल सुबह और देर शाम की ठंडी हवाएं हाई बीपी के मरीजों के लिए गंभीर खतरा बन चुकी हैं। इसके बावजूद कई लोग अब भी एयर कंडीशनर (एसी) में ठंडा तापमान सेट कर सो रहे हैं, और बिना गर्म कपड़ों के सुबह की सैर पर निकल रहे हैं। यह लापरवाही ब्रेन हैमरेज और लकवे (पैरालिसिस) का कारण बन रही है।
हाई बीपी मरीजों के लिए मौसम बड़ा जोखिम
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. विकास चंद्र झा ने बताया कि इन दिनों न्यूरोलाजिकल रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। अधिकतर मरीज पहले से हाई बीपी के रोगी हैं और दवा ले रहे हैं, लेकिन बदलते तापमान में उनका बीपी नियंत्रण से बाहर हो जा रहा है।
उन्होंने सुझाव दिया कि सुबह छह बजे से पहले और शाम साढ़े छह बजे के बाद बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनें। बाइक से सफर करते समय कान, नाक और मुंह को स्कार्फ से ढंकना जरूरी है, ताकि ठंडी हवा का सीधा असर चेहरे की नसों पर न पड़े। फेशियल नर्व पर असर पड़ने से लकवा जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
ओपीडी में भी न्यूरो मेडिसिन मरीजों की संख्या अधिक
छठ महापर्व के कारण राजधानी के प्रमुख अस्पतालों में ओपीडी में मरीजों की संख्या में कमी देखी गई। हालांकि आईजीआईएमएस की ओपीडी में अब भी नेत्र रोग और न्यूरो मेडिसिन विभाग में मरीजों की संख्या सर्वाधिक रही। चिकित्साधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि मंगलवार को कुल 1440 मरीजों ने ओपीडी में इलाज कराया।
इनमें सबसे अधिक 296 मरीज नेत्र विभाग में आए, जिनमें अधिकांश को नेत्र संक्रमण या एलर्जी की समस्या थी। इसके बाद न्यूरो मेडिसिन विभाग में 145, किडनी में 108 और यूरोलाजी में 105 मरीज पहुंचे। न्यूरो सर्जरी, ईएनटी और गैस्ट्रो सर्जरी में भी दर्जनों मरीजों ने इलाज कराया।
आईजीआईएमएस के पूर्व वरीय प्राध्यापक डॉ. नीरव कुमार ने बताया कि बदलते मौसम में सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। खासकर हाई बीपी और शुगर के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, अन्यथा मामूली लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
स्ट्रोक और ब्रेन हैमरेज के प्रमुख लक्षण:
- चेहरे या शरीर के किसी हिस्से का अचानक सुन्न हो जाना
- बोलने में परेशानी या जुबान लड़खड़ाना
- देखने में दिक्कत या दृष्टि धुंधली हो जाना
- अचानक चक्कर आना या संतुलन खोना
कारण:
- अनियंत्रित हाई बीपी
- नियमित व्यायाम की कमी
- अधिक वजन
- धूम्रपान और शराब सेवन
- अत्यधिक तनाव
- सिर की गंभीर चोट
- अत्यधिक नमक या तैलीय भोजन का सेवन
- गर्भावस्था में जटिलताएं (जैसे एक्लंपसिया)
बचाव के उपाय:
- ठंडी हवा से शरीर को बचाएं, खासकर सुबह-शाम
- नियमित रूप से बीपी की जांच करें और दवा में बदलाव डाक्टर की सलाह से करें
- गुनगुने पानी से स्नान करें, फ्रीज वाला ठंडा पानी तुरंत न पीएं
- गुनगुने धूप में समय बिताएं और रात में स्कार्फ या टोपी का इस्तेमाल करें
- एसी का तापमान बहुत कम न रखें
- संतुलित आहार और व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें
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