स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से बॉडी-बिल्डर नहीं! स्ट्रॉन्ग और हेल्दी बनती हैं महिलाएं; यहां पढ़ें 7 गजब फायदे
अक्सर महिलाओं को लगता है कि वेट लिफ्टिंग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग सिर्फ पुरुषों के लिए है, या इससे उनकी बॉडी बॉडी-बिल्डर जैसी 'बल्की' बन जाएगी, लेकिन यह सिर्फ एक गलत धारणा है। सच्चाई यह है कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग महिलाओं को स्ट्रॉन्ग, हेल्दी और कॉन्फिडेंस से भरपूर बनाती है, न कि भारी-भरकम।

जानें क्यों हर महिला को करनी चाहिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसमें वजन उठाना, रेसिस्टेंस बैंड्स का यूज या बॉडी वेट एक्सरसाइज की मदद से मांसपेशियों की ताकत और स्टैमिना बढ़ाया जाता है। यह सिर्फ बॉडी-बिल्डिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके कई हेल्थ बेनफिट्स हैं- जैसे मेटाबॉलिज्म बढ़ाना, हड्डियों को मजबूत बनाना, हार्मोनल बैलेंस सुधारना और मेंटल स्ट्रेस को कम करना, लेकिन बहुत-सी महिलाएं इस भ्रम में रहती हैं कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग उन्हें भारी-भरकम या "मर्दाना" बना देगा, लेकिन यह पूरी तरह मिथक है। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।

क्या कहता है साइंस?
साइंस का मानना है कि महिलाओं का टेस्टोस्टेरोन लेवल पुरुषों की तुलना में काफी कम होता है, जो कि हैवी मसल्स के विकास के लिए जिम्मेदार हार्मोन है। इसलिए नियमित स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से महिलाएं टोन और फिट बॉडी पा सकती हैं, लेकिन वे पुरुषों की तरह हैवी मसल्स नहीं बना सकतीं। वैज्ञानिक शोधों से यह भी सिद्ध हुआ है कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग महिलाओं की उम्र बढ़ने के साथ मसल्स को रोकता है, हड्डियों की मजबूती को बढ़ाता है और मोटापे व डायबिटीज जैसी बीमारियों के जोखिम को घटाता है।
महिलाओं को क्यों करनी चाहिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग?
हड्डियों की मजबूती
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग बोन डेंसिटी बढ़ाता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है, खासकर मेनोपॉज के बाद की महिलाओं में।
फैट लॉस और फिटनेस
यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज करता है जिससे फैट तेजी से बर्न होता है और शरीर ज्यादा स्लिम और टोंड बनता है।
मेंटल हेल्थ
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एंडॉर्फिन रिलीज करता है जो मूड को बेहतर बनाता है और स्ट्रेस व डिप्रेशन को कम करता है।
मांसपेशियों की मजबूती और संतुलन
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग मसल्स को मजबूत बनाकर रोजमर्रा के कामों को आसान बनाता है और शरीर के बैलेंस को बेहतर बनाता है।
एजिंग प्रोसेस को करे धीमा
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग उम्र के साथ मसल्स लॉस को कम करता है, जिससे शरीर अधिक एक्टिव और यंग बना रहता है।
सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाए
जैसे-जैसे महिलाएं अपनी ताकत और फिटनेस में सुधार देखती हैं, उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
सही पॉश्चर और चोट से बचाव
यह शरीर के पॉश्चर को सुधारता है और पीठ दर्द जैसी समस्याओं से राहत देता है।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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