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    अब ढलती उम्र को कहें Goodbye! फुल एक्टिव और ताकतवर रहने के लिए करें ये 'पावरफुल' एक्सरसाइज

    By Meenakshi NaiduEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Wed, 29 Oct 2025 08:33 AM (IST)

    40 की उम्र के बाद स्ट्रेंथ ट्रेनिंग महत्वपूर्ण है। यह मांसपेशियों की ताकत, हड्डियों के स्वास्थ्य और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है। स्क्वाट्स, पुश-अप्स, प्लैंक और लंजेस जैसे व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और शरीर को सक्रिय रखते हैं। नियमित स्ट्रेंथ ट्रेनिंग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद है, जिससे जीवनशैली बेहतर होती है।

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    40 के बाद सक्रिय जीवन के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज ( Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। 40 की उम्र के बाद शरीर में कई बायलॉजिकल चेंजेंस शुरू हो जाते हैं, जैसे कि मांसपेशियों की ताकत में गिरावट, हड्डियों का कमजोर होना,जोड़ों की जकड़न और मेटाबॉलिज्म का धीमा होना। नेचुरली इन बदलावों को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के जरिए इनकी गति को धीमा जरूर किया जा सकता है।

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    स्ट्रेंथ ट्रेनिंग  न केवल मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, बल्कि वेट लॉस करने, हड्डियों की मजबूती, मेंटल हेल्थ और एनर्जी लेवल में सुधार लाता है। ऐसे में यहां 40 की उम्र के बाद किए जाने वाले कुछ प्रभावी और सुरक्षित स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज बताए गए हैं। तो आइए जानते हैं इनके बारे में-

    स्क्वाट्स

    स्क्वाट्स एक्सरसाइज जांघों, कूल्हों और निचले शरीर को मजबूत बनाता है। नियमित स्क्वाट्स से मांसपेशियां टोन होती हैं और घुटनों की शक्ति बढ़ती है। इसे अपने शरीर के वजन से शुरू किया जा सकता है।

    पुश-अप्स

    पुश-अप्स छाती, कंधों, बाहों और कोर मसल्स के लिए उपयोगी हैं। यह एक कम्पाउंड मूवमेंट है जो कई मांसपेशियों को एक साथ सक्रिय करता है।

    प्लैंक

    ये एक्सरसाइज कोर यानी पेट और कमर की मांसपेशियों को मजबूती देता है। इससे बैलेंस , मुद्रा और पीठ दर्द में भी सुधार होता है।

    लंजेस

    लंजेस से पैरों की ताकत बढ़ती है, साथ ही शरीर का संतुलन और फ्लेक्सिबिलिटी बेहतर होती है। इसे आगे, पीछे या साइड लंजेस के रूप में किया जा सकता है।

    डेडलिफ्ट्स

    यह एक पॉवर फुल एक्सरसाइज है जो पीठ, कूल्हों, जांघों और ग्रिप स्ट्रेंथ को बढ़ाता है।लेकिन सही फॉर्म और वजन के साथ करना जरूरी है जिससे चोट से बचा जा सके।

    बाइसेप कर्ल

    बाइसेप्स की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए यह बेहतरीन एक्सरसाइज है। इसे डम्बल या रेजिस्टेंस बैंड की मदद से घर पर भी किया जा सकता है।

    बेंच डिप्स

    यह ट्राइसेप्स और कंधों को मजबूत करता है। कुर्सी या बेंच की सहायता से इसे आसानी से घर पर किया जा सकता है।

    ग्लूट ब्रिज

    ये एक्सरसाइज पीठ के निचले हिस्से, कूल्हों और हैमस्ट्रिंग्स को सक्रिय करता है। पीठ दर्द से राहत के लिए भी यह काफी प्रभावी है।

    40 की उम्र के बाद स्ट्रेंथ ट्रेनिंग न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूती देता है। सप्ताह में 3-4 दिन इन एक्सरसाइज को शामिल करके मांसपेशियों की ताकत, लचीलापन और एनर्जी लेवल को बरकरार रखा जा सकता।

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