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    रीढ़ की हड्डी से जुड़ी ये 4 गलतफहमियां बनती हैं पीठ दर्द की वजह, डॉक्टर से जानें इनकी सच्चाई

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 12:02 PM (IST)

    हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड स्पाइन डे (World Spine Day 2025) मनाया जाता है। स्पाइन यानी रीढ़ की हड्डी हमारे शरीर का आधार है। इसलिए इसका स्वस्थ होना काफी जरूरी है। हालांकि, हम इस ओर कम ही ध्यान देते हैं और पीठ में दर्द या खिंचाव को मामूली समस्या समझकर टाल देते हैं। लेकिन ऐसा करना परेशानी को बढ़ा सकता है। 

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    डॉक्टर से जानें स्पाइन हेल्थ से जुड़ी जरूरी बातें (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल घंटों बैठे रहने या खराब पोस्चर की वजह से पीठ में दर्द एक आम समस्या बनती जा रही है। हालांकि, ज्यादातर लोग ऐसा मानते हैं कि आराम करने से यह दर्द ठीक हो जाएगा और इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। लेकिन ऐसा करना आपकी स्पाइन यानी रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा सकता है। 

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    जी हां, स्पाइन से जुड़ी ऐसी ही गलत धारणाओं की वजह से रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। इसलिए लॉन्ग टर्म डैमेज से बचने के लिए इन मिथकों की सच्चाई जानना जरूरी है। इसलिए वर्ल्ड स्पाइन डे (World Spine Day 2025) के मौके पर हमने डॉ. बुरहान सलीम सियामवाला (स्पाइन सर्जन, मेडिकव्हर हॉस्पिटल्स, खारघर, नवी मुंबई) से स्पाइन हेल्थ से जुड़े मिथकों और उनकी सच्चाई जानने की कोशिश की। 

    मिथक 1- बैक पेन बढ़ती उम्र का सामान्य हिस्सा है

    सच्चाई- यह सोच कि बुढ़ापा आया और कमर दर्द होना स्वाभाविक है, बिल्कुल गलत है। हां, उम्र के साथ स्पाइन से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आपको दर्द को सहना ही पड़ेगा। बैक पेन किसी भी उम्र में वर्कआउट के दौरान चोट, दुर्घटना, मोटापा या वजन उठाने के गलत तरीके की वजह से भी हो सकता है। नियमित एक्सरसाइज, अच्छी पोस्चर और समय रहते इलाज से आप बुढ़ापे में भी अपनी रीढ़ को मजबूत और लचीला बनाए रख सकते हैं।

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    (Picture Courtesy: Freepik)

    मिथक 2- बैक पेन होने पर आराम ही सबसे बेहतर इलाज है

    सच्चाई- ज्यादातर लोग सोचते हैं कि कमर दर्द होने पर बिस्तर पर पूरा आराम करना चाहिए। लेकिन लंबे समय तक बेड रेस्ट लेना असल में आपकी पीठ की मांसपेशियों को कमजोर कर सकता है और ठीक होने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। इसके बजाय, हल्की-फुल्की वॉक, स्ट्रेचिंग और एक्सपर्ट की सलाह से फिजियोथेरेपी जल्दी ठीक होने में मददगार साबित होती है। 

    मिथक 3- भारी सामान उठाना ही बैक पेन की एकमात्र वजह है

    सच्चाई- भारी वजन उठाना बैक पेन का एक बड़ा कारण जरूर है, लेकिन केवल यही एक वजह नहीं है। खराब पोस्चर, जैसे- झुककर बैठना या खड़े होना, कमजोर कोर मसल्स और लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठे रहना भी पीठ दर्द को जन्म दे सकता है। इन कारणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसलिए, सही तरीके से वजन उठाना सीखने के साथ-साथ अपनी बैठने और खड़े होने की पोजीशन को सुधारना भी बैक पेन से बचाव के लिए उतना ही जरूरी है।

    मिथक 4- पुराने बैक पेन का इलाज सिर्फ सर्जरी ही है

    सच्चाई- यह सोचकर घबराएं नहीं कि लंबे समय से चले आ रहे पीठ दर्द का समाधान केवल ऑपरेशन ही है। ज्यादातर मामलों में, दवाइयां, फिजियोथेरेपी, पोस्चर करेक्शन और एक्सपर्ट की निगरानी में एक्सरसाइज व हेल्दी डाइट जैसे बदलाव के जरिए स्पाइन की समस्या को असरदार तरीके से मैनेज किया जा सकता है। सर्जरी की जरूरत केवल कुछ गंभीर मामलों में पड़ती है, जैसे नर्व कंप्रेशन या स्पाइनल इंस्टेबिलिटी, जहां रोजमर्रा के काम प्रभावित हो रहे हों। इसलिए घबराने की बजाय सही समय पर डॉक्टर से सलाह लेना ही सबसे समझदारी का कदम है।

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