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    लटकती तोंद से चाहिए छुटकारा? पिरामिड वॉकिंग है सबसे आसान तरीका, पढ़ें इसके फायदे

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 08:21 PM (IST)

    पिरामिड वॉकिंग एक इंटरवल वॉकिंग तकनीक है जिसमें चलने की गति को धीरे-धीरे बढ़ाया और फिर घटाया जाता है, जिससे शरीर की कैलोरी बर्निंग क्षमता बढ़ती है और ...और पढ़ें

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    सेहतमंद रहने के लिए करें पिरामिड वॉकिंग (Picture Credit- AI Generated)

    स्मार्ट व्यू- पूरी खबर, कम शब्दों में

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज की बिजी शेड्यूल वाली लाइफ स्टाइल और बैठकर काम करने की आदतों ने लोगों में मोटापा, खासकर पेट के आसपास चर्बी बढ़ने की समस्या को नॉर्मल बना दिया है। साथ ही, कम फिजिकल एक्टिविटी से ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित होता है, जिससे थकान, सुस्ती और कई हेल्थ प्रॉब्लम्स समस्याएं जन्म लेती हैं।

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    ऐसे में एक आसान लेकिन बेहद प्रभावी तरीका है पिरामिड वॉकिंग, जिसे अपनाकर आप न सिर्फ पेट की चर्बी को कम कर सकते हैं, बल्कि अपने पूरे शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बना सकते हैं।

    पिरामिड वॉकिंग क्या है?

    पिरामिड वॉकिंग एक इंटरवल आधारित वॉकिंग टेक्निक है जिसमें चलने की गति को धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है और फिर उसी क्रम में घटाया जाता है।ये प्रॉसेज एक पिरामिड जैसी बनावट में होती है– जैसे पहले 1 मिनट धीमी चाल, फिर 2 मिनट मध्यम, 3 मिनट तेज चाल, फिर दोबारा 2 मिनट मध्यम और अंत में 1 मिनट धीमी चाल। इस पैटर्न को आप अपनी फिटनेस के अनुसार बढ़ा सकते हैं।

    यह पेट की चर्बी कैसे कम करता है

    पिरामिड वॉकिंग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को एक्टिव करता है। तेज और धीमी चाल के बदलाव से हार्ट रेट बढ़ता है, जिससे कैलोरी तेजी से बर्न होती हैं। साथ ही, यह तकनीक शरीर को शॉक देती है, जिससे वह ज्यादा एनर्जी खर्च करता है और फैट स्टोर को एनर्जी में बदलता है। खासतौर पर पेट के चारों ओर जमा जिद्दी फैट पर इसका असर जल्दी दिखने लगता है।

    ब्लड सर्कुलेशन कैसे सुधरता है

    पिरामिड वॉकिंग में बदलती चाल से ब्लड सर्कुलेशन पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है। तेज चलने से हृदय अधिक पंप करता है और धीरे-धीरे चलने से मांसपेशियों को ऑक्सीजनेटेड ब्लड मिलता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन संतुलित होता है, नसों में सूजन कम होती है, और शरीर में ऊर्जा का संचार बढ़ता है। यह हार्ट हेल्थ को भी मजबूत बनाता है और हाई बीपी जैसी समस्याओं को नियंत्रित करता है।

    इसे कब और कैसे करें

    सुबह या शाम खुले एटमॉस्फियर  में करें। शुरुआत 10-15 मिनट से करें और फिर सप्ताह दर सप्ताह इसका समय और तीव्रता बढ़ाएं। पिरामिड वॉकिंग को रोज़ाना करने से न केवल वजन घटता है, बल्कि थकावट, स्ट्रेस और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं भी काफी हद तक नियंत्रण में रहती हैं।

    अगर आप बिना जिम गए फिट रहना चाहते हैं, तो पिरामिड वॉकिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना एक समझदारी भरा फैसला हो सकता है। यह न केवल पेट की चर्बी कम करने में मदद करता है, बल्कि आपके हार्ट को भी मजबूत और दिमाग को तरोताजा बनाए रखता है।

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    Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।