अल्जाइमर से बचने के लिए कम उम्र से ही तैयारी है जरूरी, इन छोटे-छोटे बदलावों से दिमाग रहेगा हेल्दी
अल्जाइमर डिजीज के कारण व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है। हालांकि यह ज्यादातर बुजुर्गों को होता है लेकिन अब युवाओं में भी इसके मामले देखने को मिलते हैं। इससे बचने (Alzheimers Prevention) के लिए कम उम्र से ही लाइफस्टाइल में कुछ सुधार करने जरूरी हैं। आइए जानें अल्जाइमर का खतरा कम करने के लिए क्या करें।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अल्जाइमर डिजीज से दुनियाभर में लाखों लोग पीड़ित हैं। पहले इसे बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब युवाओं में भी इसके मामले नजर आते हैं, जिसे अरली ऑनसेट अल्जाइमर कहा जाता है। इसके कारण दिमाग के सेल्स डैमेज होने लगते हैं और व्यक्ति की सोचने की क्षमता, याददाश्त और व्यवहार पर असर (Alzheimer's Symptoms) पड़ता है।
अक्सर लोग मान लेते हैं कि अल्जाइमर उम्र बढ़ने के साथ होने वाली एक समस्या है, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर व्यक्ति कम उम्र से ही हेल्दी लाइफस्टाइल अपना ले, तो अल्जाइमर के खतरे को काफी कम किया जा सकता है (Alzheimer's Prevention Tips)। इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी एक ट्वीट करके जानकारी दी है। आइए जानें अल्जाइमर का खतरा कम करने के लिए लाइफस्टाइल में क्या सुधार करें।
रोज एक्सरसाइज करें
अल्जाइमर का खतरा कम करने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करना जरूरी है। एक्सरसाइज करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और दिमाग में ब्लड फ्लो में सुधार होता है। इसलिए रोजाना 30 मिनट एरोबिक या किसी भी तरह मीडियम इंटेंसिटी की एक्सरसाइज जरूर करें।
On this World Alzheimer’s Day, it's essential to emphasize prevention strategies that support mental health.
Adopting a holistic approach to well-being can make a significant impact. #WorldAlzheimersDay pic.twitter.com/gkY0YfEGDK
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) September 21, 2025
फल और सब्जियों से भरपूर डाइट
आप जो खाते हैं, वह सीधे आपके दिमाग के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिए अपनी डाइट में ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, मछली और हेल्दी फैट्स शामिल करें। इससे दिमाग में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाव होता है। वहीं, प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा चीनी और अनहेल्दी फैट्स से भरपूर फूड्स से परहेज करें।
पूरी नींद लें
नींद केवल शरीर के लिए ही आरामदायक नहीं है, बल्कि यह दिमाग के लिए भी काफी जरूरी है। जब हम गहरी नींद में होते हैं, तो हमारा दिमाग दिनभर में जमा हुए टॉक्सिक प्रोटीन्स को साफ करता है, जिससे अल्जाइमर का रिस्क कम होता है। साथ ही, इस समय दिमाग मेमोरी स्टोर करता है, जिससे याददाश्त बेहतर होती है। इसलिए रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।
ब्लड प्रेशर पर कंट्रोल और नशों से दूरी
हाई ब्लड प्रेशर, स्मोकिंग और शराब दिमाग के ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे दिमाग में ब्लड फ्लो कम होता है और दिमागी स्वास्थ्य बिगड़ता है। इसलिए अल्जाइमर का खतरा कम करने के लिए बीपी कंट्रोल करना और स्मोकिंग एवं शराब से बचना बेहद जरूरी है।
दोस्तों से मिलें और नई चीजें सीखें
दिमाग को भी नई चुनौतियों की जरूरत होती है। परिवार और दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना, नए लोगों से मिलना और सोशल एक्टिविटीज में शामिल होना तनाव को कम करता है और दिमाग को एक्टिव रखता है। इसी तरह, नई भाषा सीखना, पढ़ना या कोई नई हॉबी अपनाना दिमाग में नए न्यूरल कनेक्शन बनाता है, जिसे "कॉग्निटिव रिजर्व" कहा जाता है। यह रिजर्व अल्जाइमर का खतरा कम करने में मदद करते हैं।
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