सिर्फ बातें भूलना ही नहीं है अल्जाइमर का संकेत, ये 6 लक्षण भी करते हैं इशारा, बिल्कुल न करें इग्नोर
अल्जाइमर का नाम सुनते ही दिमाग में सबसे पहली बात आती है कमजोर याददाश्त। हालांकि यह काफी हद तक सही भी है। अल्जाइमर की वजह से व्यक्ति की याददाश्त प्रभाव ...और पढ़ें
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर जब कोई बुजुर्ग चीजें रखकर भूल जाते हैं या लोगों के नाम याद नहीं रह पाते, तो इसे आमतौर पर "बुढ़ापा" समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन यह सामान्य उम्र बढ़ने का हिस्सा नहीं, बल्कि अल्जाइमर डिजीज का एक संकेत (Alzheimer's Symptoms) हो सकता है।
यह एक धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी है, जिसमें दिमाग के सेल्स धीरे-धीरे डैमेज होने लगते हैं। जब तक इस बीमारी की ओर लोगों का ध्यान जाता है, तब तक बीमारी अक्सर काफी आगे बढ़ चुकी होती है। इसलिए अल्जाइमर के उन छोटे-छोटे शुरुआती लक्षणों (Alzheimer's Warning Signs) पर ध्यान देना जरूरी है, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
आइए डॉ. शीतला प्रसाद पाठक (प्रिंसिपल कंसल्टेंट, न्यूरोसाइंसेज, न्यूरोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशेलिटी हॉस्पिटल, वैशाली) से जानें याददाश्त कमजोर होने के अलावा, अल्जाइमर के और क्या लक्षण होते हैं।
रोज के कामों में परेशानी
किसी ऐसे काम को करने में दिक्कत होना जिसे व्यक्ति पूरी जिंदगी आसानी से करता आया हो। जैसे- जानी-पहचानी रेसिपी के अनुसार खाना बनाने, महीने का खर्च चलाने, नियमित दवाएं लेने या मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने में अचानक से परेशानी होना। वे कदम भूल सकते हैं या काम अधूरा छोड़ सकते हैं।
समय और जगह की समझ खोना
अपने ही पड़ोस के इलाके से घर लौटने का रास्ता भूल जाना, तारीखों, मौसमों या समय के बीतने के बारे में कन्फ्यूज रहना। उन्हें यह याद रखने में भी दिक्कत हो सकती है कि वे अभी कहां हैं या वहां कैसे पहुंचे।
भाषा से जुड़ी परेशानियां
बातचीत के दौरान अचानक रुक जाना, एक ही बात या सवाल को बार-बार दोहराना, शब्द भूल जाना या गलत शब्दों का इस्तेमाल करना, जैसे- 'कलम' की जगह 'लिखने वाली चीज' कहना। बातचीत को समझने में भी मुश्किल होती है।
फैसले लेने की क्षमता में कमी
इस बीमारी का एक बड़ा संकेत है फैसले लेने की क्षमता का घटना। जैसे - गर्मी के मौसम में गर्म स्वेटर पहन लेना, पैसों का हिसाब-किताब न रख पाना, पर्सनल हाइजीन पर ध्यान न देना या फर्जीवाड़े के झांसे में आसानी से आ जाना।
सोशल एक्टिविटीज से दूरी बनाना
अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी हॉबीज और सामाजिक मेलजोल से कटने लगता है। वे पारिवारिक गतिविधियों, दोस्तों से मिलने-जुलने या अपने पसंदीदा काम जैसे बागवानी, पढ़ना या कार्ड खेलने से भी खुद को अलग कर लेते हैं। ऐसा अक्सर अपनी कठिनाइयों को छुपाने या शर्मिंदगी महसूस करने के कारण होता है।
मूड और पर्सनालिटी में असामान्य बदलाव
अचानक मूड स्विंग्स होना, जैसे - शांत स्वभाव के व्यक्ति का चिड़चिड़ा, उदास, डरा हुई या आक्रामक हो जाना। उन्हें लग सकता है कि परिवार वाले उनके खिलाफ हैं या उन्हें धोखा दे रहे हैं। ये बदलाव बिना किसी वजह के होते हैं।

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