डॉक्टर ने बताया कैसे Bad Cholesterol बन सकता है घातक और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए
हमारा लिवर कोलेस्ट्रॉल बनाता है जो हमारी सेहत के लिए जरूरी है। फिर कैसे कोलेस्ट्रॉल बन सकता है जानलेवा? शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से क्या-क्या परेशानियां हो सकती हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है (Cholesterol prevention tips) इस बारे में जानने के लिए हमने डॉक्टर से बात की। आइए जानें कि इन सवालों के जवाब में उन्होंने क्या बताया।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए एक जरूरी तत्व है जो स्वस्थ सेल्स के निर्माण, हार्मोन उत्पादन और विटामिन-डी सिंथेसिस में अहम भूमिका निभाता है। हालांकि, जब कोलेस्ट्रॉल का स्तर असंतुलित हो जाता है, तो यह दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है (High Cholesterol Risks)।
ऐसा क्यों होता है और कैसे इससे बच सकते हैं (Bad Cholesterol Prevention Tips), इन सवालों के जवाब डॉ. अश्विनी मेहता (सर गंगाराम हॉस्पिटल, दिल्ली के सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट) से जानते हैं।
डॉ. मेहता बताते हैं कि लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (LDL-C), जिसे 'बैड कोलेस्ट्रॉल' के रूप में जाना जाता है, का लेवल बढ़ना दिल की बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देता है। दुनियाभर में हर साल 4.4 मिलियन मौतें (कुल मौतों का 7.8%) हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण होती हैं और भारत में 31% लोगों में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या पाई जाती है।
बैड कोलेस्ट्रॉल क्यों नुकसानदेह है?
बैड कोलेस्ट्रॉल का मुख्य खतरा यह है कि यह ब्लड वेसल्स की दीवारों पर जमा होकर प्लाक बनाता है। इस स्थिति को एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है। प्लाक के कारण ब्लड वेसल्स संकरी हो जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो में रुकावट आने लगती है।
यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक और आर्टरी डिजीज का कारण बन सकता है। सबसे परेशान करने वाला पहलू यह है कि हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कोई लक्षण नहीं दिखाता है, जिसके कारण इसे 'साइलेंट किलर' कहा जाता है। अक्सर लोगों को इसका पता तब चलता है जब कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा हो जाती है।
यह भी पढ़ें: ज्यादा कोलेस्ट्रॉल बन सकता है दिल के दौरे की वजह, कम करने के लिए करें ये 5 योगासन
बैड कोलेस्ट्रॉल को कैसे कम करें?
नियमित जांच
हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। पहले यह माना जाता था कि यह समस्या 50 वर्ष के बाद होती है, लेकिन अब यह धारणा बदल गई है। 18 वर्ष की आयु से ही नियमित लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराना चाहिए। शुरुआती पहचान और समय पर हस्तक्षेप से गंभीर समस्याओं को रोका जा सकता है।
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
- हेल्दी डाइट- सेचुरेटेड फैट्स और ट्रांस फैट से भरपूर फूड्स से बचें। फल, सब्जियां, साबुत अनाज और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड आइटम्स को अपनी डाइट में शामिल करें।
- नियमित एक्सरसाइज- प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी, जैसे तेज चलना, दौड़ना या योग, कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद कर सकता है।
- वेट मैनेजमेंट- ज्यादा वजन या मोटापा बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ा सकता है। स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए हेल्दी डाइट लें और एक्सरसाइज करें।
स्मोकिंग और शराब से परहेज
स्मोकिंग और शराब पीना गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है। इन आदतों को छोड़ने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर सुधर सकता है।
दवाएं लें
जब लाइफस्टाइल में बदलाव अकेले काफी नहीं होते हैं, तो डॉक्टर लिपिड-कम करने वाली दवाएं लिख सकते हैं। ये दवाएं लिवर में कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को रोककर या ब्लड से कोलेस्ट्रॉल को हटाने का काम करती हैं।
हालांकि, इन दवाओं का प्रभाव केवल नियमित और लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर ही दिखता है। भारत में दवा अनुपालन दर कम (60%) है, जिसका कारण कई तरह की गलत धारणाएं हैं। दवाओं को बीच में छोड़ने या अनियमित रूप से लेने से उनकी प्रभावशीलता कम हो जाती है।
डॉक्टर की सलाह मानें
डॉक्टर की दी हुई दवा या ट्रीटमेंट प्लान का पालन करना जरूरी है। हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में समय लग सकता है । डॉक्टर अक्सर मरीजों को कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव और दवाओं के कॉम्बिनेशन की सलाह देते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।