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    सिर्फ स्मोकिंग या शराब ही नहीं, इन वजहों से भी युवाओं में बढ़ रहे Head and Neck Cancer के मामले

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 06:16 PM (IST)

    कैंसर एक गंभीर बीमारी है और सिर और गर्दन का कैंसर युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है। हर साल 27 जुलाई को हेड एंड नेक कैंसर डे (head and neck cancer 2025) मनाया जाता है ताकि लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके। ऐसे में आज इस आर्टिकल में डॉक्टर से जानेंगे युवाओं में इसके बढ़ते मामलों के कारण।

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    युवाओं में तेज़ी से बढ़ रहा सिर और गर्दन का कैंसर (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर में चिंता का विषय बनी हुई है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर हमला करती है। अक्सर देरी से पता चलने की वजह से यह बीमारी जानलेवा साबित होती है। सिर और गर्दन में होने वाला कैंसर इन्हीं में से एक है, जिसके प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल 27 जुलाई को हेड एंड नेक कैंसर डे मनाया जाता है।

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    कैंसर का यह प्रकार खासतौर पर युवाओं को इन दिनों ज्यादा शिकार बना रहा है। ऐसे में इसके युवाओं में बढ़ते कारणों के बारे में जानने के लिए हमने यशोदा मेडिसिटी में कंसल्टेंट हेड एंड नेक सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. सुमंत बोल्लू से बातचीत की। आइए जानते हैं डॉक्टर ने क्या बताया।

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    युवाओं में बढ़ रहा सिर और गर्दन का कैंसर

    डॉक्टर ने बताया कि दुनिया भर में होने वाले सभी नए कैंसर के मामलों में सिर और गर्दन के कैंसर का योगदान लगभग 5% है। ग्लोबोकैन का अनुमान है कि भारत में वार्षिक नए मामले 2020 के 13 लाख से बढ़कर 2040 तक 21 लाख हो जाएंगे। आमतौर पर इसकी निदान की औसत आयु 64 वर्ष है, लेकिन पिछले दशकों से युवाओं में इसकी चिंताजनक वृद्धि देखी गई है।

    पिछले दो दशकों में, युवाओं में ओरल और ऑरोफरीन्जियल कैंसर के मामलों में 1-4% की बढ़ोतरी हुई है, जिसका मुख्य कारण जीभ और टॉन्सिल के ट्यूमर हैं। पूर्वोत्तर भारत में 2015 में किए गए एक अस्पताल-आधारित अध्ययन में पाया गया कि सिर और गर्दन के कैंसर के लगभग आधे रोगी 39 साल से कम उम्र के थे।

    युवा क्यों हो रहे इस कैंसर का शिकार?

    डॉक्टर के मुताबित युवा आबादी में इस महामारी को बढ़ावा देने वाले रिस्क फैक्टर्स तंबाकू (धूम्रपान या चबाना) और शराब हैं। धूम्रपान और शराब मिलकर सिर और गर्दन के कैंसर के जोखिम को तीन गुना बढ़ा देते हैं। इसके ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी), खराब ओरल हाइजीन, गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स और डाइट से जुड़ी कमियां कुछ ऐसे कारण हैं, जो स्मोक न करने वाले युवाओं को भी इसका शिकार बना देते हैं।

    क्या हैं इनके लक्षण?

    इनके आम लक्षणों की बात करें, तो लगातार गले में खराश, निगलने में कठिनाई, आवाज में बदलाव, बिना किसी कारण के वजन कम होना, गर्दन में गांठें, कान में दर्द और सुनने की क्षमता में कमी शामिल हैं।

    इलाज के तरीके

    सिर और गर्दन के कैंसर के प्रबंधन में सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी और टारगेटेड एजेंट्स मुख्य भूमिका निभाते हैं, जिनका उपचार ट्यूमर के स्थान, अवस्था और रोगी के कारकों के अनुसार किया जाता है। इसके इलाज के बेहतर नतीजों के लिए समय से इसकी पहचान करना बेहद जरूरी है।

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