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    हार्ट अटैक और स्ट्रोक में एक-एक मिनट है कीमती, डॉक्टर बोले- ये लक्षण दिखते ही तुरंत पहुंचे अस्पताल

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 10:25 AM (IST)

    क्या आप जानते हैं हार्ट अटैक (Heart Attack) और स्ट्रोक (Stroke) की स्थिति में एक-एक मिनट कितना कीमती होता है? जी हां, इन स्थितियों में एक मिनट की देरी ...और पढ़ें

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    जान बचाने के लिए एक-एक मिनट है कीमती (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हार्ट अटैक और स्ट्रोक, दोनों ही मेडिकल इमरजेंसी है, जहां हर मिनट जान बचाने के लिए बेहद जरूरी है। इस दौरान जरा सी लापरवाही या देरी जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि हार्ट अटैक (Heart Attack Symptoms) और स्ट्रोक के लक्षणों (Stroke Symptoms) को तुरंत पहचानकर डॉक्टर की मदद ली जाए। 

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    आइए डॉ. अरुण कुमार गुप्ता (डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम) से जानते हैं कि क्यों हार्ट अटैक और स्ट्रोक की स्थिति में एक-एक मिनट कीमती है और इनके लक्षण कैसे होते हैं। 

    हार्ट अटैक

    हार्ट अटैक में, दिल की आर्टरी में रुकावट आ जाती है, जिससे दिल की मांसपेशियों को पर्याप्त खून मिलना बंद हो जाता है। हर गुजरते मिनट के साथ दिल के सेल्स मरने लगते हैं। इसलिए जितनी देर होगी, नुकसान उतना ही ज्यादा होगा। इसलिए अगर अस्पताल पहुंचने में देर हो जाए, तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

    Heart Attack Symptoms (1)

    स्ट्रोक

    स्ट्रोक, खासकर इस्कीमिक स्ट्रोक में, ब्लड क्लॉट दिमाग तक ब्लड फ्लो रोक देता है। दिमाग के सेल्स ऑक्सीजन की कमी के कारण मरने लगते हैं। इसलिए जान बचाने या पर्मानेंट ब्रेन डैमेज के खतरे को कम करने के लिए तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी जरूरी है।

    Stroke Symptoms

    लक्षणों को पहचानें 

    इलाज में देरी की सबसे बड़ी वजह है कि कई मरीज शुरुआती चेतावनी के संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं, जैसे-

    • हार्ट अटैक- सीने में भारीपन, दबाव, दर्द (जो बाएं हाथ, जबड़े या पीठ तक फैल सकता है), सांस फूलना, अचानक पसीना आना, चक्कर आना।
    • स्ट्रोक- चेहरे का एक तरफ लटक जाना, बांह या पैर में कमजोरी या सुन्नपन, बोलने में कठिनाई।

    हार्ट अटैक या स्ट्रोक की स्थिति में क्या करें?

    • लक्षण पहचानते ही तुरंत अस्पताल जाएं, लक्षणों के खुद से कम होने का इंतजार न करें।
    • तुरंत एमरजेंसी नंबर पर कॉल करें। खुद गाड़ी से न जाएं। एम्बुलेंस में पैरामेडिक्स फर्स्ट एड शुरू कर सकते हैं और पहले से अस्पताल को सूचित कर सकते हैं।
    • मरीज को 24x7 कार्डियक एवं स्ट्रोक केयर सुविधा वाले अस्पताल ले जाएं। मॉडर्न इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम, एडवांस्ड एम्बुलेंस और मल्टी डिसिप्लिनरी टीम तुरंत सहायता देकर इलाज को सफल बना सकती है– लेकिन तभी, जब मरीज समय पर पहुंचें।

    डॉ. गुप्ता कहते हैं कि जन जागरूकता सबसे मजबूत जीवनरक्षक उपकरण है। लक्षणों को जानना और बिना हिचकिचाहट तुरंत एक्शन लेने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक की स्थिति में जान बचाने में मददगार हो सकता है।