सेहतमंद बनने के लिए बढ़ाएं एक और कदम, डॉक्टर ने बताए नए साल में फिट रहने के 5 मंत्र
स्वास्थ्य कोई प्रोजेक्ट नहीं बल्कि खुद को बेहतर बनाने की निरंतर प्रक्रिया है। नए साल के संकल्प अक्सर वजन घटाने या दिनचर्या सुधारने पर केंद्रित होते है ...और पढ़ें

कैसे रखें सेहत का ख्याल? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैलेंडर बदल रहा है और हम भी इसके साथ बदलाव के लिए संकल्प ले रहे हैं। किसी को वजन कम करना है तो किसी को दिनचर्या सही करनी है। दरअसल, सेहत कोई प्रोजेक्ट नहीं है। यह तो निरंतर छोटी-छोटी कमियों, गलतियों में सुधार लाकर स्वयं को बेहतर बनाने की तैयारी है। याद रहे कि हमें नया नहीं बनना बल्कि वास्तव में हम जो हैं उसमें ही सुधार करना है- जागरूक, जीवंत और व्यवस्थित पहल करनी है।
संकल्प की बात सुनते ही ज्यादातर लोग इसे औपचारिक मान बैठते हैं। कहीं आप भी ऐसा ही तो नहीं सोच रहे हैं। दरअसल, उत्साहपूर्वक संकल्प ले लिया जाता है और कुछ दिनों बाद प्रयास कम हो जाता है। कई बार तो संकल्प पूरा नहीं होने पर आत्मविश्वास कम होने लगता है। सेहत कम समय के लिए तय किया गया लक्ष्य नहीं होना चाहिए। यह शरीर, मन, भावनाओं के बीच जीवनभर के लिए सामंजस्य बनाने की प्रक्रिया है। संकल्प पर अडिग रहें तो सफलता कठिन नहीं है।
सेहतमंद रहकर ही समाज को दे पाएंगे योगदान
यदि आप यह बात अच्छी तरह समझ जाएं तो सक्रिय बने रहेंगे। स्वस्थ रहने से आपकी ऊर्जा, समय और धन की बचत होगी और आप दूसरों की मदद के लिए आगे आ पाएंगे। एक ऐसा समाज बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं जो सकारात्मक रहे व खुशहाली के लिए निरंतर प्रयासरत रहे।
केवल वजन कम करने से नहीं बनेगी बात
समग्र स्वास्थ्य का मतलब केवल वजन और पेट के उभार को कम करना ही नहीं है। यह सदैव स्वयं और अन्य लोगों के प्रति जागरूक रहने का नाम है। बुद्धि व मन को निरंतर बेहतर करना है। जिम में मांसपेशियों को सुडौल बनाना अच्छा है, पर यह और अच्छा होगा यदि आप अपने भीतर करुणा लाएं। सामूहिक दायित्व उठाना बेस्ट एक्सरसाइज है।
अच्छी नींद का लें संकल्प
कारपोरेट जिंदगी और गैजेट के कारण अच्छी गुणवत्ता पूर्ण नींद दुर्लभ हो गई है। नव वर्ष पर संकल्प लें कि अब नींद से समझौता नहीं करेंगे। शरीर को तरोताजा रखने व बीमारियों से दूर रहने के लिए हर रात समय पर सोएंगे। नींद कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर अगले दिन के लिए ऊर्जा भरती है। इससे तनाव से दूर रखने में मदद मिलती है।
स्वयं को ऊर्जा से भरें
हर दिन सजग होकर सांस की गति पर ध्यान देंगे, मौसमी फलों व सब्जियों का सेवन करेंगे तो सकारात्मक ऊर्जा से भरे रहेंगे। हर दिन होने वाली थकान आपका चुनाव है। इसके लिए प्रकृति की ओर चलें। सूर्य के प्रकाश, स्वच्छ हवा में यूं ही घूमने निकल जाएं। नंगे पांव जमीन पर चलें। प्रकृति को सम्मान देंगे तो वह भी हमें उतना ही प्रेम लौटाएगी। अपना सौ प्रतिशत दें
अपनी प्रतिभा, अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करें। अधिकतम प्रयास पर भरोसा करें। केवल जीते चले जाने के बजाय और सुंदर तरीके से जीवन का प्रयोग कैसे करना है, इस दिशा में सोचें। इससे समग्र सेहत की ओर बढ़ सकेंगे।

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