हल्के में न लें ब्लॉकेज! हार्ट अटैक से बचने के लिए इन 5 गंभीर लक्षणों को समय रहते पहचानें
आजकल हार्ट डिजीज एक बड़ी चिंता है खासकर भारत में। वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day 2025) पर डॉक्टर संजीव गेरा ने हार्ट में ब्लॉकेज के खतरे और कारणों पर बात की। उन्होंने हाई कोलेस्ट्रॉल स्मोकिंग डायबिटीज और खराब जीवनशैली को मुख्य कारण बताया। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हार्ट डिजीज इन दिनों चिंता का एक विषय बन चुका है। खासतौर पर भारत में पिछले कुछ दिनों से दिल से जुड़ी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। ऐसे में जरूरी है कि अपने दिल का खास ख्याल रखा जाए। हार्ट हेल्थ के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day 2025) मनाया जाता है।
इस मौके पर नोएडा-62 के फोर्टिस हॉस्पिटल में कार्डियोसॉजी विभाग के सीनियर डायरेक्टर डॉ संजीव गेरा ने बताया कि कैसे हार्ट में ब्लॉकेज आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं हार्ट में ब्लॉकेज को लेकर क्या कहते हैं डॉक्टर-
क्यों बढ़ रही ब्लॉकेज की समस्या?
डॉक्टर ने बताया कि हार्ट में ब्लॉकेज आज एक आम समस्या बनती जा रही है। हमारे देश में ऐसे मामले लगातार और तेजी से बढ़ रहे हैं। अगर इसके कॉमन कारण की बात करें तो इसमें हाई कोलेस्ट्राल, स्मोकिंग, डायबिटीज और खराब दिनचर्या आदि हैं। इसके अलावा लगातार बैठे रहना, आराम को महत्व देना, पर्याप्त और गहरी नींद न लेना, शारीरिक मेहनत से बचना, तली-भुनी चीजें खाना, कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने पर ध्यान न देना और छोटी से छोटी बात पर तनाव लेना आदि भी महत्वपूर्ण कारण हैं।
हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण
दिल में ब्लॉकेज की बात करें, तो इसकी पहचाव छाती में भारीपन, दबाव, पेन, कंधे व जबड़ों में दर्द, सांस लेने में दिक्कत और ज्यादा पसीना आना जैसे लक्षणों से कर सकते हैं। ऐसे में अगर आपको हाई बीपी की समस्या हो, मोटापा हो, शुगर हो या स्मोकिंग आदि की आदत हो, तो आप डॉक्टर के सुझाए गए टेस्ट जरूर करा लें। क्योंकि ये सभी हार्ट के लिए रिस्क फैक्टर का काम करते हैं। हार्ट डिजीज से संबंधित आज ढेरों मॉर्डन टेस्ट और इलाज मौजूद हैं।
ब्लॉकेज के इलाज के कई ऑप्शन
हार्ट ब्लॉकेज के मामले में बैलून से या स्टेंट से इलाज काफी सरल और प्रभावकारी है। अगर ब्लॉकेज ज्यादा हों या मेन आर्टरी में ब्लॉकेज हों, तो बाईपास सर्जरी की सलाह दी जाती है। ऐसे में एंजियोग्राफी टेस्ट से ही सर्जरी से जुड़ा फैसला लिया जाता है। आज बिना सर्जरी के पैर के रास्ते से वॉल्व को चेंज कर सकते हैं और अब मरीज को 24 से 48 घंटे में छुट्टी दे सकते हैं।
हेल्दी हार्ट के लिए रखें इन बातों का ध्यान
ऐसे में दिल की बीमारी के कोई भी लक्षण दिखते हैं, तो डॉक्टर से तुरंत कंसल्ट करना चाहिए। इसके अलावा किसी के परिवार में हार्ट डिजीज की हिस्ट्री रही हो, तो उन्हें 25 साल के बाद इससे संबंधित टेस्ट जरूर कराते रहना चाहिए। आपकी थोड़ी सी समझदारी हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से बचा सकती है। ईको, टीएमटी, ईसीजी, सीटी एंजियोग्राफी कराने के साथ बीपी, शुगर व कोलेस्ट्राल की जांच हर किसी को डॉक्टर की सलाह पर कराते रहना चाहिए।
तंबाकू और स्मोकिंग से बचकर रहना चाहिए। इससे आर्टरी पिचक जाती हैं, जो जानलेवा हो सकती है। वहीं प्रेग्नेंट महिलाओं को 25वें हफ्ते के बाद बीपी को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। अगर कोई दिक्कत महसूस हो, तो ईको टेस्ट करा लेना चाहिए। कुल मिलाकर सतर्क रहें, जागरूक बनें और अपनी जीवनशैली को सुधारें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।