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    Heart Attack vs Cardiac Arrest: दिल का दौरा, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट फेलियर में कितना है फर्क?

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Fri, 08 Jul 2022 02:41 PM (IST)

    Heart Attack vs Cardiac Arrest दिल का दौरा कार्डियक अरेस्ट और हार्ट फेलियर को आमतौर पर एक ही माना जाता है। आपने कई बार लोगों को इन शब्दों का गलत इस्तेमाल करते भी देखा होगा। हालांकि यह तीनों बिल्कुल अलग स्वास्थ्य स्थितियां हैं और इनमें फर्क समझना भी ज़रूरी है।

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    Heart Attack vs Cardiac Arrest: समझें दिल का दौरा, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट फेलियर में अंतर

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Heart Attack vs Cardiac Arrest: कार्डियक अरेस्ट, दिल का दौरा और हार्ट फेलियर...यह सभी शब्द सुनने में भले ही एक से लगते हों, लेकिन इन तीनों का मतलब बिल्कुल अलग है। इन तीनों में फर्क समझना बेहद ज़रूरी होता है, ताकि जल्द से जल्द सही इलाज किया जा सके और व्यक्ति की जान बचाई जा सके। तो आइए इन तीनों में फर्क को जानें।

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    दिल का दौरा

    दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह ब्लॉक हो जाता है। बिना ऑक्सीजन के दिल का वह हिस्सा मरने लगता है। रक्त कितनी देर बंद रहता है, इस पर परिणाम निर्भर करता है। नुकसान हल्का भी हो सकता है और गंभीर भी- यहां तक ​​​​कि घातक भी। आपको जितनी जल्दी हार्ट अटैक का पता चलेगा, उतना ही व्यक्ति की जीवित रहने की संभावना बढ़ेगी।

    क्या होते हैं हार्ट अटैक के लक्षण

    सीने में दर्द के साथ पसीना आना, कंधे, हाथ, जबड़े में दर्द होना या फिर उसका असहज लगना, सभी चेतावनी के संकेत हैं और ऐसे व्यक्ति को जल्द से जल्द अस्पताल ले जाना चाहिए।

    कार्डियक अरेस्ट

    कार्डियक अरेस्ट तब पड़ता है जब दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है। यह किसी के साथ भी हो सकता है और इसके पीछे कई कारण भी हो सकते हैं, जिसमें दिल का दौरा भी शामिल है। यह एक मेडिकल एमर्जेंसी होती है जिसमें फौरन CPR करने की ज़रूरत भी पड़ती है।

    क्या होते हैं कार्डियक अरेस्ट के लक्षण

    कार्डियक अरेस्ट होने से पहले व्यक्ति को सीने जलन, सांस लेने में दिक्कत, सीने में तेज़ दर्द और चक्कर जैसे लक्षण महसूस होते हैं। इस दौरान पल्स और ब्लड प्रेशर एकदम रुक जाता है। इसलिए व्यक्ति को बचाने के लिए फौरन मेडिकल मदद हासिल करना ज़रूरी है।

    हार्ट फेलियर

    हार्ट फेलियर एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल कमज़ोर हो गया है या उसे नुकसान पहुंचा है और वह शरीर में पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन पंप नहीं कर पाता।

    इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जिनमें से सबसे आम है दिल का दौरा या फिर हाइपरटेंशन से होने वाला नुकसान।

    क्या होते हैं हार्ट फेलियर के लक्षण

    जो व्यक्ति हार्ट फेलियर से गुज़र रहा होता है, उसे सांस फूलना, थकावट, पैरों और एड़ियों में सूजन और पेट के फूलने का अनुभव होता है। हार्ट फेलियर का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसका पता जल्दी चल जाए, तो लाइफस्टाइल में बदलाव और सही ट्रीटमेंट की मदद से व्यक्ति आम और एक्टिव ज़िंदगी जी सकता है।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik