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    डायबिटीज है तो हार्ट अटैक का खतरा होगा डबल! डॉक्टर ने बताया दोनों में खतरनाक कनेक्शन

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 03:43 PM (IST)

    आजकल डायबिटीज और हार्ट डिजीज के मामले बढ़ रहे हैं, जिसका मुख्य कारण बदलती जीवनशैली है। डॉ. रिपेन गुप्ता के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों में दिल से जुड़ी जटिलताओं का खतरा ज्यादा होता है। हाई ब्लड शुगर धमनियों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे दिल और ब्रेन में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। आइए जानते हैं डायबिटीज और हार्ट डिजीज का कनेक्शन।

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    डायबिटीज और हार्ट अटैक: क्या है खतरनाक कनेक्शन? (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। डायबिटीज और हार्ट डिजीज के मामले आजकल काफी बढ़ने लगे हैं। लोगों की बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की आदतें अक्सर इन बीमारियों का कारण बनती है। इसके अलावा और भी कई कारण हैं, जो इनकी वजह बनते हैं। हालांकि, बेहद कम लोग ही यह जानते होंगे कि डायबिटीज और हार्ट डिजीज भी एक-दूसरे से काफी हद तक जुड़े हुए हैं। 

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    इस बारे में कार्डियोलॉजी, मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिचटल, साकेत में कार्डियोलॉजी के प्रिंसिपल डायरेक्टर और यूनिट हेड डॉ. रिपेन गुप्ता से बताया कि डायबिटीज से जुड़े ज्यादातर लोगों को दिल से जुड़ी जटिलताएं होने की संभावनाएं उन लोगों की तुलना में ज्यादा होती है, जिन्हें डायबिटीज नहीं है। यही मेटाबॉलिज्म असंतुलन, जो ब्लड शुगर को बढ़ाता है और समय के साथ ब्लड वेसल्स और हार्ट को भी नुकसान पहुंचाता है।

    दिल के लिए कैसे हानिकारक है डायबिटीज

    जब ब्लड शुगर का लेवल हाई रहता है, तो इससे आर्टरीज में सूजन और कठोरता आ जाती है, इस प्रक्रिया को एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। इससे ब्लड वेसल्स संकरी हो जाती हैं, जिससे हार्ट और ब्रेन में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। इसके अलावा, डायबिटीज में अक्सर हाई ब्लड प्रेशर, असामान्य कोलेस्ट्रॉल लेवल और मोटापे जैसी समस्या आम होती है।

    ऐसे में ये मिलकर एक खतरनाक समूह बनाते हैं, जिसे मेटाबोलिक सिंड्रोम कहा जाता है। ये दोनों एक-दूसरे के खतरे को बढ़ाते हैं, जिससे एक ऐसा दुष्चक्र बनता है जो चुपचाप हार्ट हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है।

    क्या होता सेहत पर असर

    डायबिटीज से पीड़ित लोगों में दिल का दौरा, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर मौत के प्रमुख कारणों में से एक हैं। असल में, डायबिटीज से पीड़ित लगभग 70% मौतें हार्ट डिजीज के कारण होती हैं। हालांकि, यह संबंध जरूरी नहीं है। शोध से पता चलता है कि सही तरीके से ग्लूकोज कंट्रोल करना, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के सख्ती से मैनेज करना हार्ट डिजीज के खतरे को कम कर सकता है। डॉक्टर की दी गई कुध दवाएं, जैसे SGLT2 इनहिबिटर्स और GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट न सिर्फ ब्लड शुगर को कम करती हैं, बल्कि हार्ट और किडनी की भी रक्षा करती हैं।

    कैसे करें अपना बचाव

    ऐसे में सवाल यह उठता है कि इससे खुद को कैसे बचाया जाए। डॉक्टर की मानें, तो इसकी कुंजी प्रारंभिक जांच और सही मैनेजमेंट में है। इसलिए डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को नियमित रूप से हार्ट हेल्थ चेक करवाना चाहिए, वजन नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए, संतुलित, फाइबर से भरपूर डाइट लेनी चाहिए, धूम्रपान से बचना चाहिए और रेगुलर एक्सरसाइज करना चाहिए। 

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