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    लंबे समय तक रहने वाले दर्द को न करें अनदेखा, हाई ब्लड प्रेशर की बन सकता है वजह

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 11:18 AM (IST)

    क्या आप जानते हैं लंबे समय तक बना रहने वाला दर्द (Chronic Pain) सिर्फ चलने-फिरने में मुश्किल खड़ी नहीं करता, बल्कि हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) का भी कारण बन सकता है? जी हां, हाल ही में हुई एक स्टडी में पता चला है कि क्रॉनिक पेन यानी तीन महीने से ज्यादा समय तक रहने वाले दर्द के कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।

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    कैसे लंबे समय का दर्द बढ़ा सकता है बीपी? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्रॉनिक पेन (Chronic Pain) यानी ऐसा दर्द जो तीन महीने से भी ज्यादा समय तक बना रहे, न सिर्फ जिंदगी की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की जड़ भी बन सकता है। जी हां, हाल ही में पब्लिश हुई एक स्टडी में पाया गया है कि लंबे समय तक रहने वाला दर्द वयस्कों में हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को बढ़ा सकता है।

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    यह स्टडी हाइपरटेंशन जर्नल में पब्लिश हुई, जिसमें यूके बायोबैंक के दो लाख से ज्यादा वयस्कों के हेल्थ डाटा का विश्लेषण किया गया। आइए जानें कि कैसे क्रोनिक पेन के कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या (Chronic Pain Causes High Blood Pressure) बढ़ सकती है। 

    क्या कहती है स्टडी?

    इस स्टडी में प्रतिभागियों से 13.5 सालों तक फॉलो-अप लिया गया, जिसमें लगभग 10% लोगों में हाई ब्लड प्रेशर विकसित हुआ। ध्यान देने वाली बात यह रही कि जिन लोगों के पूरे शरीर में क्रॉनिक पेन था, उनमें हाई ब्लड प्रेशर विकसित होने का जोखिम औरों की तुलना में 75% ज्यादा पाया गया।

    • शॉर्ट-टर्म पेन- 10% बढ़ा जोखिम
    • लोकलाइज्ड क्रॉनिक पेन- 20% बढ़ा जोखिम
    • वाइडस्प्रेड क्रॉनिक पेन- 75% बढ़ा जोखिम

    यानी की दर्द जितना ज्यादा फैला हुआ है, हाई ब्लड प्रेशर का रिस्क भी उतना ज्यादा है। 

    High Blood Pressure Symptoms

    दर्द से हाई बीपी कैसे बढ़ता है?

    स्टडी से पता चला कि क्रॉनिक पेन के साथ अक्सर डिप्रेशन और इन्फ्लेमेशन भी देखने को मिलता है। ये दोनों ही हाई ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। डिप्रेशन, हॉर्मोनल असंतुलन और तनाव बढ़ाता है, जिससे ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है। वहीं शरीर में लंबे समय तक बनी रहने वाली सूजन भी दिल के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। स्टडी में पाया गया कि क्रॉनिक पेन और हाई बीपी के संबंध को लगभग 11.7% तक डिप्रेशन और इन्फ्लेमेशन मिलकर प्रभावित करते हैं।

    क्या करें?

    स्टडी इस बात पर जोर देती है कि क्रॉनिक पेन को केवल दर्द की समस्या समझकर अनदेखा ना किया जाए। यह आगे चलकर मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है और दिल से जुड़ी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचने के लिए-

    • दर्द की शुरुआती अवस्था में ही इलाज कराना जरूरी है
    • मानसिक स्वास्थ्य, खासकर डिप्रेशन, पर ध्यान दें
    • लाइफस्टाइल में सुधार करें, जैसे- नियमित एक्सरसाइज, संतुलित खान-पान और स्ट्रेस मैनेजमेंट 

    इन उपायों से भविष्य में हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।