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    युवाओं में बढ़ता हृदय रोग: एसएन मेडिकल कॉलेज में एंजियोग्राफी, सीने में दर्द और घबराहट के 40% युवा, बरतें ये सावधानियां

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 03:39 PM (IST)

    आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में 10 महीनों में 700 एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी हुईं, जिनमें 40% युवा थे। सर्दियों में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ी है। अनियमित जीवनशैली, मोटापा और तनाव युवाओं में हृदय रोग के मुख्य कारण हैं। डॉक्टरों ने फास्ट फूड से बचने, तनाव कम करने और नियमित व्यायाम करने की सलाह दी है। हार्ट अटैक आने पर मरीज को सीधा बैठाकर एस्पिरिन देने की सलाह दी गई है।

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, आगरा। सीने में दर्द, जकड़न, भारीपन के साथ ही बेचैनी और घबराहट के साथ एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे मरीजों में हार्ट अटैक की आशंका पर एंजियोग्राफी की जा रही है। पिछले 10 महीने में 700 एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी हो चुकी हैं, जिन मरीजों की एंजियोग्राफी गई उनमें 40 प्रतिशत युवा हैं इनकी आयु 25 से 45 वर्ष है। सर्दियों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है।

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    एसएन मेडिकल कॉलेज में 10 महीने में 700 एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी

     

    एसएन मेडिकल कॉलेज की सुपरस्पेशियलिटी विंग में इस वर्ष जनवरी में कैथ लैब शुरू की गई थी। 10 महीने में 25 से 45 आयु के 40 प्रतिशत मरीज हैं। एसएन के ह्रदय रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. बसंत कुमार गुप्ता ने बताया कि सर्दियों में ह्रदय रोगियों की संख्या बढ़ गई है। सीने में दर्द, घबराहट और बेचैनी के साथ आ रहे मरीजों की एंजियोग्राफी करने पर ह्रदय को खून की सप्लाई करने वाली नलिकाओं में ब्लाकेज मिल रही है। पिछले एक महीने में 130 मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की गई है।


    25 से 45 वर्ष की आयु के युवाओं में ह्रदय में मिल रही ब्लाकेज, सर्दी में बढ़े मरीज

     

    डॉक्टर बसंत कुमार गुप्ता का कहना है कि नींद पूरी न होने, अत्यधिक तनाव और चिकनाई युक्त व नमक का ज्यादा सेवन करने से युवाओं में हार्ट अटैक और ह्रदय रोग का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। एसएन मेडिकल कॉलेज के कॉर्डियोथोरेसिक सर्जन डा. सुशील सिंघल ने बताया कि कम आयु के मरीजों में तीनों खून की नलिकाओं में ब्लाकेज मिल रही है, ब्लाकेज का आकार बढ़ा होने पर बाईपास सर्जरी करने की सलाह दी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है।



    युवाओं में हृदय रोग के कारण

     

    • अनियमित जीवनशैली: शारीरिक गतिविधियों की कमी, देर रात तक जागना और खराब दिनचर्या, मोटापा
    • मैदा और चिकनाई युक्त भोजन का सेवन : जंक फूड, उच्च वसा और नमक वाला भोजन, और फास्ट फूड का सेवन
    • धूमपान और शराब: अत्यधिक शराब का सेवन और तंबाकू हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाता है,
    • तनाव: अत्यधिक मानसिक तनाव और अवसाद से ऐसे हार्मोन निकलते हैं जिससे खून की नलिकाओं में थक्का जमने की आशंका बढ़ जाती है।
    • अनुवांशिक कारण: परिवार में किसी सदस्य को ह्रदय रोग है तो बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
    • उच्च रक्तचाप और मधुमेह: जिन मरीजों को ये बीमारियां हैं उन्हें हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है।

     

    ह्रदय रोगी

     

    1. 25 से कम आयु 5 प्रतिशत
    2. 25 से 45 वर्ष की आयु 40 प्रतिशत
    3. 45 से 60 वर्ष की आयु 25 प्रतिशत
    4. 60 वर्ष से अधिक आयु 30 प्रतिशत

     

    ये करें

     

    1. फास्ट फूड से बचें, वजन ज्यादा है तो चिकनाई युक्त भोजन का सेवन ना करें
    2. छह से आठ घंटे की नींद लें
    3. मोबाइल का सीमित इस्तेमाल करें
    4. तनाव मुक्त रहें, योग और ध्यान करें
    5. 45 मिनट तेज चलें, एक घंटे आउटडोर गेम खेलें

     

    हार्ट अटैक पड़ने पर ये करें


    हार्ट अटैक पड़ने के बाद मरीज होश में है और सांस ले रहा है, तो उसे लिटाने की बजाय सीधा बैठाकर रखें ताकि सांस लेने में आसानी हो। एस्पिरिन (बिना कोटिंग वाली) उपलब्ध है, तो उसे चबाने के लिए दें। इससे खून पतला हो सकता है और हृदय पर दबाव कम हो सकता है। नाइट्रोग्लिसरीन (डाक्टर द्वारा पहले से बताई गई) उपलब्ध है और पीड़ित ने इसे पहले लिया हो, तो एक गोली जीभ के नीचे रख दें। बेहोश है और सांस नहीं ले पा रहा है तो सीपीआर देकर अस्पताल तक ले जा सकते हैं।