हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट फेलियर में अब नहीं होंगे कन्फ्यूज! जानें तीनों के बीच का फर्क
अक्सर हममें से कई लोग Heart Attack Cardiac Arrest और Heart Failure को एक ही समझ लेते हैं या इनके बीच के अंतर को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं। सुनने में ये तीनों शब्द भले ही आपको एक जैसे लगते हों लेकिन मेडिकल लिहाज से ये बिल्कुल अलग-अलग सिचुएशन्स हैं जिनके लक्षण कारण और इलाज भी अलग-अलग होते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल हार्ट से जुड़ी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अक्सर हम अखबार या टीवी न्यूज में देखते हैं- किसी को हार्ट अटैक आ गया, किसी की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई या किसी का हार्ट फेल हो गया। ज्यादातर लोग इन तीनों शब्दों को एक ही समझते हैं, जबकि ये तीनों अलग-अलग सिचुएशन्स होती हैं। आइए आज हम आसान भाषा में आपको समझाते हैं कि Heart Attack, Cardiac Arrest और Heart Failure में क्या फर्क होता है।
क्या होता है हार्ट अटैक?
हार्ट अटैक को मेडिकल भाषा में मायोकार्डियल इन्फार्क्शन कहा जाता है। यह तब होता है जब दिल की मांसपेशियों को खून पहुंचाने वाली धमनियों में रुकावट आ जाती है। यह रुकावट ज्यादातर कोलेस्ट्रॉल जमा होने या ब्लड क्लॉट के कारण होती है। बता दें, हार्ट अटैक के दौरान दिल की धड़कन चालू रहती है। ऐसे में, सही समय पर इलाज मिलने से व्यक्ति की जान बच सकती है।
हार्ट अटैक के लक्षण
- सीने में दर्द या भारीपन
- दर्द का कंधे, जो हाथ या गर्दन तक भी फैल सकता है
- पसीना आना
- सांस फूलना
- जी मचलाना या उल्टी
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क्या होता है कार्डियक अरेस्ट?
कार्डियक अरेस्ट का मतलब है कि दिल की धड़कन अचानक रुक जाना। यह स्थिति हार्ट अटैक से कहीं ज्यादा खतरनाक और जानलेवा होती है, क्योंकि इसमें दिल एकदम से काम करना बंद कर देता है और ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है। यह एक इमरजेंसी है, जिसमें तुरंत CPR और डिफिब्रिलेशन की जरूरत होती है। बता दें, कि इस सिचुएशन में अगर 2-3 मिनट के भीतर इलाज न मिले, तो इंसान की मौत भी हो सकती है।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
- अचानक बेहोश हो जाना
- सांस न आना या हांफना
- कोई पल्स महसूस न होना
- स्किन का रंग बदलकर नीला पड़ना
क्या होता है हार्ट फेलियर?
हार्ट फेलियर का मतलब यह नहीं है कि दिल ने काम करना पूरी तरह बंद कर दिया है, बल्कि इसका मतलब है कि दिल उतना सही ढंग से खून पंप नहीं कर पा रहा है जितना उसे करना चाहिए। यह एक क्रोनिक यानी लंबे समय से चली आ रही सिचुएशन है जो धीरे-धीरे विकसित होती है। ऐसे में, दिल की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे वे शरीर की जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त खून पंप नहीं कर पातीं हैं।
हार्ट फेलियर के लक्षण
- लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर
- हार्ट अटैक के बाद दिल का कमजोर पड़ना
- सांस फूलना, खासकर लेटते समय
- पैरों में सूजन और थकान महसूस होना
- कुछ टाइप के इन्फेक्शन या हार्ट डिजीज
कैसे रखें हार्ट को हेल्दी?
- रोजाना 30 मिनट वॉक करें
- जंक फूड से बचें और बैलेंस डाइट लें
- स्ट्रेस को मैनेज करना सीखें
- ब्लड प्रेशर और शुगर पर कंट्रोल रखें
- स्मोकिंग और शराब से दूर रहें
- 6 महीने में एक बार हार्ट चेकअप कराएं
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Source: Cleveland Clinic
- https://health.clevelandclinic.org/what-do-heart-attack-and-cardiac-arrest-look-like
- https://www.clevelandclinicabudhabi.ae/en/health-hub/health-resource/diseases-and-conditions/heart-failure

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