अचानक नहीं आता Cardiac Arrest, शरीर देता है ये संकेत; एक्सपर्ट से जानें बचाव के तरीके
दैनिक जागरण की ओर से आयोजित सीपीआर कार्यशाला हृदय की बात में लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. भुवन चंद्र ने जरूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कार्डियक अरेस्ट कभी भी किसी को भी आ सकता है लेकिन यह संकेत देता है जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं। कहा कि प्रत्येक छह माह में एक बार खून और अन्य जरूरी जांचें कराएं।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। आजकल गलत खानपान और खराब जीवनशैली से लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है। पिछले कुछ समय में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। अक्सर लोगों को लगता है कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट एक ही हैं। लेकिन ये दोनों बीमारियां अलग-अलग हैं।
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. भुवन चंद्र तिवारी के मुताबिक, घबराहट महसूस हो, सांस फूले, छाती में दर्द हो, धड़कन बढ़े, बेहोशी महसूस हो तो इसे हल्के में न लें। हो सकता है कि आपका दिल कमजोर हो रहा हो। लापरवाही आपकी जान भी ले सकती है।
अचानक से हो जाती है मौत
दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में डांस करते, जिम कसरत करते और क्रिकेट खेलते व्यक्तियों की अचानक कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। इन सभी घटनाओं में व्यक्ति पहले सामान्य थे, फिर अचानक से बेहोश हुए और सांसें थम गईं। अचानक कार्डियक अरेस्ट कभी भी किसी को भी आ सकता है, लेकिन यह संकेत देता है, जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं।
दिल की समस्या होने की आशंका
प्रो. तिवारी ने ये बातें शनिवार को एक होटल में दैनिक जागरण की ओर से आयोजित सीपीआर कार्यशाला हृदय की बात में कही। प्रो. भुवन चंद्र तिवारी का कहना है कि धूम्रपान करने वाले, मधुमेह के रोगी, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, जिनके परिवार में पहले से हार्ट डिजीज हों व अन्य मरीजों में दिल की समस्या होने की आशंका अधिक रहती है।
सीपीआर देकर बचाएं जान
ऐसे लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है। लिहाजा, प्रत्येक छह माह में एक बार खून और अन्य जरूरी जांचें कराएं। वर्तमान परिवेश को देखते हुए जरूरी है कि परिवार में एक-दो सदस्य को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) की जानकारी हो। यदि आपके आसपास कोई अचानक बेहोश हो जाए और उसे कार्डियक अरेस्ट हुआ है तो सीपीआर देकर उसकी जान बचाई जा सकती है।
नियमित योग व एक्सरसाइज जरूरी
प्रो. तिवारी के मुताबिक, सभी निजी और सरकारी कार्यालयों, स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय में सीपीआर को लेकर व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है। ताकि जरूरत पड़ने पर किसी को जीवनदान दे सकें। उन्होंने कहा कि हार्ट डिजीज से बचाव के लिए नियमित योग-एक्सरसाइज और संतुलित भोजन बेहद जरूरी है।
क्या होता है कार्डियक अरेस्ट और क्यों जरूरी है सीपीआर
प्रो. भुवन चंद्र तिवारी ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है। मस्तिष्क और अन्य अंगों में रक्त के प्रवाह में कमी आ जाती है, जिसके कारण व्यक्ति बेहोश हो जाता है। कार्डियक अरेस्ट का सामान्य कारण हृदय गति में आने वाली अनियमितता को माना जाता है।
ऐसे दें सीपीआर
हृदय की विद्युत प्रणाली ठीक से काम नहीं करती है। ऐसी स्थिति में सीपीआर बेहद महत्वपूर्ण प्राथमिक उपचार है। बेहोश हुए व्यक्ति को जमीन पर लेटा दें और सीने के बीच में दोनों हाथों से लगातार कंप्रेस (दबाव) दें। किसी को मदद के लिए बुलाएं। शुरुआत में 30 बार कंप्रेस करने के बाद दूसरे साथी को कंप्रेस करने के लिए कहें आप मुंह से सांस देने का प्रयास करें।
तीन मिनट के अंदर दें सीपीआर
कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित व्यक्ति को तीन मिनट के भीतर सीपीआर देना जरूरी है, ताकि उसकी किडनी, लिवर और ब्रेन को डेड होने से बचाया जा सके। कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित व्यक्ति को 30-40 मिनट तक सीपीआर दे सकते हैं। इस दौरान एंबुलेंस भी बुला लें, जिससे मरीज के होश में आने पर तत्काल अस्पताल ले जाया जा सके।
डिजीज के लक्षण
- छाती में दर्द होना
- चक्कर आना
- धड़कन बढ़ना
- घबराहट होना
- सांस फूलना
- सिर में दर्द होना
किसे अधिक खतरा
- धूम्रपान करने वाले
- डायबिटीज के रोगी
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- परिवार में हार्ट डिजीज का इतिहास
- तनाव
- उच्च रक्तचाप
- मोटापा
- जन्मजात ह्रदय रोग
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