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    हाथों में दर्द और सुन्नपन? लैपटॉप वर्कर्स ऐसे बचें कार्पल टनल सिंड्रोम से, आज ही अपनाएं ये टिप्स

    By Niharika PandeyEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Thu, 25 Dec 2025 10:29 AM (IST)

    दिनभर टाइपिंग का काम करने या गलत पोश्चर की वजह से ऑफिस वर्कर्स को कार्पल टनल सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा होने से हाथों में सुन्नपन, उंगलियों में ...और पढ़ें

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    ऑफिस में काम करने वाले कार्पल टनल सिंड्रोम से कैसे बचें (Picture Credit- AI Generated)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हाथ और कलाइयों में दर्द या झनझनाहट महसूस होना कार्पल टनल सिंड्रोम का संकेत हो सकता है। यह धीरे-धीरे बढ़ने वाली समस्या है, जिसकी वजह से टाइपिंग या शर्ट के बटन लगाने जैसे रोजमर्रा के छोटे-मोटे काम करने में भी परेशानी आती है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कार्पल टनल सिंड्रोम क्या है, इसके क्या लक्षण हैं और किन तरीकों से इससे बचा जा सकता है।

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    क्या होता है कार्पल टनल सिंड्रोम

    यह हाथ से जुड़ी आम समस्याओं में से एक है। हाथ पर पड़ने वाले प्रेशर की वजह से कलाई के कार्पल टनल के मध्य स्थित नर्व पर दबाव पड़ने से ऐसा होता है। यह टनल एक सकरे रास्ते की तरह होता है, जो कि हथेलियों की तरफ हड्डियों और लिगामेंट्स से घिरा होता है।

    ये होती है परेशानी

    • हाथ में सुन्नपन 
    • उंगलियों में झन्नाहट या दर्द
    • लिखने या टाइप करने में परेशानी
    • हाथों से बार-बार चीजें गिर जाना
    • ग्रिपिंग में दिक्कत महसूस होना

    ऑफिस वर्कर्स को है ज्यादा खतरा

    कंप्यूटर या लैपटॉप पर लगातार हाथों को तानकर काम करने से गर्दन की मांसपेशियों और कलाई की नसों पर दबाव पड़ता है। दिनभर टाइपिंग का काम करने के दबाव की वजह से टिशूज में सूजन हो जाती है और हाथ के कार्पल टनल के मीडियन नर्व तक पहुंच जाती है। सिर्फ ऑफिस में काम करना ही कार्पल टनल सिंड्रोम का कारण नहीं बनता, बल्कि उम्र और जेनेटिक्स भी अहम रोल निभाते हैं।

    इस तरह करें अपना बचाव

    • कंप्यूटर माउस हो सही: एर्गोनोमिक डिजाइन के कंप्यूटर माउस कार्पल टनल के नर्व्स पर पड़ने वाले दबाव को दूर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ध्यान रखें कि काम करते समय माउस कलाइयों पर प्रेशर ना डाल रहा हो।
    • पोश्चर का रखें ध्यान: कंप्यूटर या लैपटॉप के सामने झुककर काम करने से गर्दन या बैक पर काफी दबाव पड़ता है, जिससे हाथ व कलाइयां प्रभावित होती हैं। कार्पल टनल सिंड्रोम से बचने के लिए अपने पोश्चर का पूरा ध्यान रखें।
    • टाइपिंग का सही तरीका: टाइपिंग का सही तरीका आपकी कलाई की सेहत के लिए बेहद जरूरी है। अपनी कलाइयों को बहुत ज्यादा ऊपर या नीचे की तरफ मोड़ने से बचें। अपने कीबोर्ड को अपनी कुहनी या उससे थोड़ा नीचे रखने की कोशिश करें।
    • ब्रेक लेते रहें: एक-एक घंटे के दौरान अपनी डेस्क से उठना कार्पल टनल सिंड्रोम से बचने के लिए काफी अहम है। ब्रेक के दौरान अपनी कलाइयों और हाथों को स्ट्रेच करें। इससे नर्व्स पर पड़ने वाला दबाव कम होगा।
    • ग्रिपिंग हो सही: ऑफिस में सिर्फ कंप्यूटर या लैपटॉप पर ही काम नहीं करना होता, हाथ से भी लिखने होता है। ऐसे में बेहतर पकड़ वाले ओवरसाइज पेन चुनें। कलाइयों को आराम देने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रेक लेते रहें।