सेहत खराब कर रही आपकी डेस्क जॉब! दिनभर बैठकर काम करने से बढ़ सकता Dead Butt Syndrome का खतरा
आजकल की लाइफस्टाइल में फिजिकल एक्टिविटीज कम हो गईं हैं। वहीं लगातार घंटों बैठकर काम करने से डेड बट सिंड्रोम का खतरा भी बढ़ रहा है। लंबे समय तक बैठे रहने से हिप्स के मसल्स कमजोर हो जाते हैं जिससे कमर दर्द घुटनों में खिंचाव और चलने में परेशानी हो सकती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज के समय में लोगों के फिजिकल वर्कआउट में कमी आ गई है। लोग घंटों ऑफिस में बैठकर काम करते हैं। लगातार घंटों बैठकर काम करने से सेहत को कई तरह के नुकसान हो रहे हैं। एक ओर जहां मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ रहा है, तो दूसरी ओर Dead Butt Syndrome भी आपके लिए नई परेशानी का सबब बन सकता है।
दरअसल, लगातार बैठे रहने से आपके हिप्स काम करना भूल जाते हैं। इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इसी बीमारी के बारे में जानने के लिए हमने डॉ. अमित पांडे (पीटी) (हेड ऑफ डिपार्टमेंट, फिजियोथेरेपी, एशियन हॉस्पिटल, फरीदाबाद) से बात की। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने की आदत हमारे शरीर के मसल्स, खासकर ग्लूट मसल्स पर बुरा असर डाल सकती है। इसे 'Dead Butt Syndrome' कहा जाता है।
सिर्फ हिप्स तक सीमित नहीं है ये समस्या
इसमें हिप के मसल्स की ताकत और संतुलन में कमी आ जाती है। उन्होंने कहा कि ये समस्या सिर्फ हिप्स तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि इससे कमर दर्द, घुटनों में खिंचाव और चलने में असंतुलन भी हो सकता है। डेस्क जॉब करने वाले लोग हर 30 से 45 मिनट पर खड़े होकर स्ट्रेचिंग करें, वॉक करें और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं। इससे न केवल 'Dead Butt Syndrome' से बचाव होगा, बल्कि रीढ़ और मांसपेशियों की सेहत भी बनी रहेगी।
क्या हैं इसके लक्षण?
- लंबे समय तक बैठने के बाद हिप्स में सुन्नपन होना
- हिप्स में हल्का दर्द महसूस होना
- गंभीर स्थिति में ये दर्द नीचे पैर तक या पीठ में भी फैल सकती है
- एक तरफ लेटने पर भी दर्द महसूस होना
- घुटनों, टखनों और पैरों में दर्द
- चलने का तरीका बदल जाना
- शरीर का बैलेंस बिगड़ना
क्यों होता है DBS?
- घंटों तक एक ही पोजिशन में बैठे रहना
- अचानक ही बिना स्ट्रेच किए भारी एक्सरसाइज करना
- हिप फ्लेक्सर (जांघ और कमर के बीच की मांसपेशियां) का टाइट होना
- हिप्स की मांसपेशियों का कमजोर और ढीला होना
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इन लोगों को होता है ज्यादा खतरा
आपको बता दें कि जो लोग लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं उन्हें इस बीमारी का ज्यादा खतरा होता है। इसके अलावा डांसर और चोट खाए लोगों में भी ये बीमारी देखी गई है। इससे बचने के लिए हर घंटे थोड़ी देर के लिए उठकर टहलें या स्ट्रेच करें। लिफ्ट नहीं बल्कि सीढ़ियों का इस्तेमाल करें। इससे हिप्स के मसल्स एक्टिव रहेंगे। इसके लिए कुछ एक्सरसाइज भी मददगार हो सकते हैं।
हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच
- एक पैर आगे रखें, दूसरा पीछे
- आगे वाले पैर को सीधा रखें और हल्का झुकें
- 10 से 30 सेकंड तक होल्ड करें, फिर पैर बदल लें
ग्लूट स्क्वीज
- सीधे खड़े होकर पेट अंदर करें और कंधे पीछे रखें
- हिप्स की मसल्स को तीन सेकंड के लिए टाइट करें, फिर ढीला छोड़ दें
- तीन सेट में 10 बार करें
स्क्वाट्स
- पैरों को कंधे जितना फैलाएं
- धीरे-धीरे नीचे झुकें और फिर ऊपर आएं
- 12 से 15 बार करें, चाहें तो वजन भी ले सकते हैं
लेग लिफ्ट्स
- पीठ के बल लेट जाएं
- दोनों टांगों को सीधा ऊपर उठाएं और फिर धीरे-धीरे नीचे लाएं
- 10 बार दोहराएं
ग्लूट ब्रिज
- पीठ के बल लेट जाएं, घुटने को मोड़ लें
- हिप्स को ऊपर उठाएं और फिर नीचे लाएं
- इसे 10 से 15 बार करें
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