अमेरिका में फिर आया ‘ब्लैक डेथ’ का मामला, क्या आज भी खतरनाक हो सकता है प्लेग; यहां जानें जवाब
अमेरिका के एरिजोना में जुलाई 2025 को एक व्यक्ति की प्लेग के कारण मौत (Black Death Case USA 2025) हो गई। प्लेग एक संक्रामक बीमारी है जिसके कारण 14वीं शताब्दी में यूरोप में लाखों लोगों की मौत हुई थी। अब इसका मामला अमेरिका में फिर से सामने आया है। आइए जानें यह कैसे फैलता है कितने प्रकार का होता है और इसके लक्षण कैसे होते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में अमेरिका के एरिजोना में रहने वाले एक व्यक्ति की प्लेग के कारण मौत (Black Death Case USA 2025) हो गई। 2007 के बाद प्लेग के कारण हुई मौत का यह पहला मामला है। ऐसा माना जाना रहा है कि किसी मृत जानवर के जरिए व्यक्ति प्लेग ( Bubonic Plague 2025) की चपेट में आया था।
आपको बता दें कि प्लेग वहीं बीमारी है, जिसके कारण 14वीं शताब्दी में यूरोप की दो-तिहाई आबादी की मौत हो गई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि प्लेग होता क्या है, इसके कितने प्रकार होते हैं, इसके लक्षण क्या हैं, यह कैसे फैलता है और क्या आज भी प्लेग के मामले सामने आते हैं।
प्लेग क्या होता है?
प्लेग एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो यर्सिनिया पेस्टिस (Yersinia pestis) नाम के बैक्टीरिया के कारण होती है। यह इंसानों और जानवरों, दोनों को ही इन्फेक्ट कर सकता है। लेकिन मुख्य रूप से ये पिस्सू (Flea) के जरिए फैलता है। इंसानों में ये चूहे या दूसरे रोडेंट्स के जरिए फैल सकता है।
प्लेग मध्यकाल में "ब्लैक डेथ" के नाम से जाना जाता था, जिसने लाखों लोगों की जान ले ली थी। इसे ब्लैक डेथ इसलिए कहा गया, क्योंकि इससे पीड़ित व्यक्तियों में गैंगरिन के कारण टिश्यू काले पड़ रहे थे। 14वीं शताब्दी में इसका कोई इलाज नहीं था, लेकिन राहत की बात यह है कि अब इसका इलाज है।
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प्लेग कितने प्रकार का होता है?
प्लेग तीन प्रकार का होता है-
ब्यूबोनिक प्लेग (Bubonic Plague)
यह प्लेग का सबसे आम प्रकार है, जो संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है। इसका नाम ब्यूबोनिक प्लेग इसलिए पड़ा, क्योंकि इसके कारण लिम्फ नॉड्स में सूजन हो जाती है, जिसे ब्यूबो कहा जाता है। इस इन्फेक्शन के कारण तेज बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, थकान, लिम्फ नोड्स में सूजन और पस से भर सकते हैं। यदि समय पर एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज किया जाए, तो इसके ठीक होने की संभावना 95% तक होती है।
सेप्टिसेमिक प्लेग (Septicemic Plague)
जब यर्सिनिया पेस्टिस बैक्टीरिया ब्लड में फैल जाता है, तो सेप्टिसेमिक प्लेग होता है। यह प्लेग का गंभीर रूप है, जिसमें टिश्यू डैमेज होने लगते हैं और गैंग्रीन तक हो सकता है। इस इन्फेक्शन में तेज बुखार, कंपकंपी, पेट दर्द, उल्टी, दस्त, टिश्यू काले होने की वजह से त्वचा पर काले धब्बे होने लगते हैं।
न्यूमोनिक प्लेग (Pneumonic Plague)
यह प्लेग का सबसे खतरनाक प्रकार है, जो फेफड़ों को प्रभावित करता है और हवा के जरिए फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, खांसी के साथ खून आना और छाती में दर्द शामिल हैं। यदि तुरंत इलाज न किया जाए, तो न्यूमोनिक प्लेग 24-48 घंटों में जानलेवा हो सकता है।
प्लेग फैलता कैसे है?
- संक्रमित पिस्सू के काटने से- जब कोई संक्रमित पिस्सू किसी व्यक्ति को काटता है, तो बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाता है।
- संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से- यदि कोई व्यक्ति संक्रमित जानवर (जैसे चूहा, गिलहरी या खरगोश) के टिश्यू या ब्लड के संपर्क में आता है, तो भी प्लेग हो सकता है।
- हवा के माध्यम से- न्यूमोनिक प्लेग संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा के जरिए फैल सकता है।
प्लेग के लक्षण कैसे होते हैं?
- अचानक तेज बुखार और ठंड लगना
- कमजोरी और सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- लिम्फ नोड्स में सूजन (ब्यूबोनिक प्लेग में)
- सांस लेने में परेशानी (न्यूमोनिक प्लेग में)
- त्वचा का काला पड़ना (सेप्टिसेमिक प्लेग में)
क्या आज भी फैल रहा है प्लेग?
जी हां, प्लेग के मामले आज भी देखने को मिलते हैं। यह अफ्रीका के कई हिस्सों में काफी आम है, लेकिन साउथ अमेरिका और एशिया भी इसके कुछ मामले सामने आते हैं।
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Source:
Cleveland Clinic: https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/17782-plague
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