कबूतर आपके घर आता-जाता है तो हो जाए सावधान, इनसे प्यार-दुलार बना रहा बीमार
गोरखपुर में कबूतरों की बढ़ती संख्या सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन रही है। कबूतरों की बीट और पंखों से निकलने वाले कण फेफड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ा रहे हैं। डॉक्टरों ने कबूतरों से दूरी बनाए रखने घरों को साफ रखने और बच्चों को उनसे दूर रखने की सलाह दी है। बचाव के लिए कबूतरों को दाना डालना बंद करें।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर के कई इलाकों में कबूतरों की बढ़ती संख्या अब बीमारी का कारण बन रही है। लोगों के घरों की छतों, खिड़कियों और रोशनदानों पर बसेरा जमाए कबूतर सांस संबंधी रोगों की बड़ी वजह बनते जा रहे हैं।
छाती रोग विशेषज्ञों की मानें तो कबूतरों की बीट और पंखों से निकलने वाले सूक्ष्म कणों में मौजूद बैक्टीरिया से हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस जैसी गंभीर बीमारी हो रही है, जिससे फेफड़ों में संक्रमण बढ़ रहा है।
गोरखनाथ क्षेत्र के रसूलपुर में रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग हाल ही में इस बीमारी की चपेट में आ गए। सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्होंने जिला अस्पताल में जांच कराई। रिपोर्ट में सामने आया कि उन्हें फेफड़ों में संक्रमण है, जो कबूतरों के लंबे समय तक संपर्क में रहने से हुआ।
रोगी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से उनके घर की छत पर कबूतर डेरा डाले हुए हैं। चिकित्सकों ने कबूतरों से दूरी बनाने और छत की नियमित सफाई की सलाह दी।
वरिष्ठ छाती रोग विशेषज्ञ डा. बीएन अग्रवाल ने बताया कि कबूतरों के इकट्ठा होने वाले वाले स्थानों पर सांस के मरीजों की संख्या अधिक देखी जा रही है। कबूतरों के पंख और बीट में मौजूद बैक्टीरिया फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं।
उन्होंने बताया कि मुंबई जैसे शहरों में इस कारण कबूतरखानों को बंद करने की पहल हुई है। लंबे समय तक उनके संपर्क में रहना जानलेवा फेफड़ों की बीमारी पैदा कर सकता है।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा. बीके सुमन ने बताया कि कबूतरों से फैलने वाले संक्रमण न केवल फेफड़ों, बल्कि तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करते हैं। इससे रोगी को बुखार, बदन दर्द, उल्टी, थकान और पेट दर्द तक की समस्या हो सकती है।
उनका कहना है कि बच्चों को भी कबूतरों के संपर्क में न आने दें। यदि कोई पहले से किसी गंभीर रोग से पीड़ित है, तो उसे कबूतरों के नजदीक न जाने दें।
विशेषज्ञों का कहना है कि कबूतरों से भावनात्मक जुड़ाव रखना गलत नहीं है, लेकिन उनके अत्यधिक नजदीक रहना स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। इसलिए कबूतरों को घरों से दूर रखें।
कबूतरों से बचाव के उपाय
- घर की छत, खिड़की, रोशनदान आदि पर कबूतरों को बैठने से रोकें।
- कबूतरों की बीट या पंखों की सफाई करते समय मास्क और दस्ताने पहनें।
- सफाई के बाद साबुन से हाथ अच्छी तरह धोएं।
- जिन स्थानों पर कबूतर अधिक समय से मौजूद हों, वहां जाने से बचें।
- कबूतरों को दाना डालने की आदत छोड़ें, विशेषकर घर के आसपास।
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