Dhurandhar फिल्म का 'आलम सोडा' क्यों हो रहा वायरल? जानें इस सीक्रेट ड्रिंक का सदियों पुराना इतिहास
धुरंधर फिल्म का 'आलम सोडा' इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. लोग इस सीक्रेट ड्रिंक के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं. यह सोडा सदियों पुरा ...और पढ़ें

धुरंधर फिल्म में छाया 'आलम सोडा', जानिए इस ड्रिंक का इतिहास (Picture Credit- Instagram/AI Generated)
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लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बॉक्स ऑफिस पर इन दिनों रणवीर सिंह स्टारर फिल्म धुरंधर जमकर धमाल मचा रही है। देश-विदेश में खूब कमाई करने वाली इस फिल्म की चर्चा चारों तरफ हो रही है। फिल्म के मशहूर हुए गाने से Fa9la से लेकर अक्षय कुमार के दमदार डांस तक, सोशल मीडिया पर यह फिल्म लगातार सुर्खियां बटोर रही है।
इन सबके अलावा फिल्म में एक और सीन लोगों को काफी पसंद आ रहा है। साथ ही साथ इस सीन में दिखाए गए एक खास ड्रिंक के बारे में भी लोग जानने के उत्सुक नजर आ रहे हैं। फिल्म में दूध सोडा का जिक्र किया गया है, जिसने इस पुराने ड्रिंक को एक नया जीवन दिया है। आइए आपको बताते हैं इस खास ड्रिंक के बारे में, जिसे धुरंधर ने एक बार भी ट्रेंड का हिस्सा बना दिया है।
फिल्म में क्यों खास है दूध सोडा?
फिल्म में दूध सोडा वाला सीन काफी ज्यादा खास माना जा रहा है। दरअसल, फिल्म में एक्टर गौरव गेरा मोहम्मद आलम नाम के एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति का किरदार निभा रहे हैं, जो पाकिस्तान के कराची शहर के लयारी मोहल्ले के मुख्य बाजार में एक जूस की दुकान चलाते हैं।
असल में आलम फिल्म में एक भारतीय जासूस की भूमिका निभा रहे हैं, जो एक दुकानदार के रूप में अपनी दुकान चला रहे हैं। फिल्म में यह दुकान सीक्रेट मीटिंग्स का एक अड्डा है, जहां भारतीय जासूस गुप्त सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं और योजनाएं बनाते हैं। इसी दुकान पर आलम दूध सोडा बेचते हैं और कहते हैं- डार्लिंग, डार्लिंग, दिल क्यों तोड़ा...पीलो पीलो आलम सोडा। फिल्म में सिर्फ उनकी यह लाइन ही नहीं, बल्कि दूध सोडा भी काफी मशहूर हो गया है। आइए आज इस आर्टिकल में जानते हैं क्या है दूध सोडा और इसकी खासियत-
क्या होता है दूध सोडा?
फिल्म से चर्चा में आया दूध सोडा आज सुनने में भले ही नया लग रहा है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी यह कि ड्रिंक सदियों से भारत के खान-पान का हिस्सा रहा है। दूध सोडा, जैसे कि नाम से ही पता चलता है यह ड्रिंक दूध और नींबू-लाइम सोडा का मिश्रण है। यह सदियों से नम जलवायु वाले देशों में पसंद किया जाता रहा है।
मुख्य रूप से तेज गर्मी वाले महीनों में, यह मलाईदार और फिजी ड्रिंक ताजगी भरा एहसास कराता है, क्योंकि कार्बोनेशन दूध के भारीपन को कम कर देता है, जिससे यह पेट के लिए हल्का हो जाता है। हालांकि, इसका स्वाद मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि इसमें दोनों चीजें किस अनुपात में मिलाई गई है, क्योंकि बहुत ज्यादा सोडा डालने से ड्रिंक फट सकता है, जबकि बहुत कम सोडा डालने से यह चिपचिपा हो जाता है।
अलग-अलग देशों में दूध सोडा का महत्व
इस ड्रिंक का नाम भले ही आपने आज सुना हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दूध सोडा स्वतंत्रता से भी पुराना ड्रिंक है? जी हां, बोलत में मिलने वाली कोल्ड ड्रिंक्स के प्रचलन में आने से बहुत पहले, अविभाजित पंजाब में सड़क किनारे विक्रेता दूध सोडा बेचा करते थे।
विभाजन से पहले उत्तरी भारत में इसकी लोकप्रियता का इतिहास है। सोडा और दूध का यह मिश्रण सबसे पहले विक्टोरियन इंग्लैंड में बनाया गया था। यह ब्रिटिश साम्राज्य के साथ से बंटवारे से पहले वाले भारत पहुंचा था।
पाकिस्तान में बना मुख्य ड्रिंक
साल 1947 में विभाजन के बाद, दूध सोडा पाकिस्तान में रमजान का एक प्रमुख ड्रिंक बन गया, जिसे रोजा खोलने के बाद शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए इफ्तार के समय परोसा जाता था। इसमें कभी-कभी रूह अफजा सिरप भी मिलाया जाता था। पाकिस्तान के साथ-साथ यह ड्रिंक स्थानीय समुदायों और बाजारों में लोकप्रिय हो गया। वर्तमान में, दूध सोडा पंजाब, पुरानी दिल्ली, अमृतसर और पाकिस्तान के लाहौर और कराची में खूब पसंद किया जाता है।

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