सिर्फ पानी की कमी ही नहीं, 5 बड़ी वजहों से भी आ सकता है लेग क्रैम्प; गंभीर समस्या का हो सकते हैं संकेत
कई बार अचानक से पैरों की मांसपेशियां खिंचने लगती है और तेज दर्द होता है (Leg Cramp)। इसके पीछे हम अक्सर शरीर में पानी की कमी को जिम्मेदार मानते हैं, ल ...और पढ़ें

हर बार वजह 'डिहाइड्रेशन' नहीं होती लेग क्रैम्प की वजह (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पैरों की मांसपेशियों में अचानक होने वाले खिंचाव और दर्द को लेग क्रैम्प कहते हैं। अक्सर इसके पीछे की शरीर में पानी की कमी को जिम्मेदार (Leg Cramp Causes) माना जाता है, लेकिन हर बार यही वजह हो जरूरी नहीं।
जी हां, कई बार मांसपेशियों में खिंचाव के पीछे कुछ और कारण (Reasons Behind Leg Cramps) हो सकते हैं, जिन्हें लोग आमतौर पर अनदेखा कर देते हैं। आइए जानें और किन-किन वजहों से लेग क्रैम्प आ सकता है।
इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस
हमारे शरीर की मांसपेशियों के सही तरीके से काम करने के लिए सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स का सही बैलेंस होना जरूरी है। पसीने, दस्त या उल्टी होने पर या फिर सही पोषण न मिलने पर इनकी कमी हो सकती है। खासतौर पर मैग्नीशियम और पोटेशियम की कमी मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द का मुख्य कारण बनती है। ज्यादा कॉफी या चाय पीना या फिर कुछ दवाएं भी इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस पैदा कर सकती हैं।

(Picture Courtesy: Freepik)
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD)
यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें पैरों तक खून पहुंचाने वाली आर्टरीज सिकुड़ जाती हैं या ब्लॉक हो जाती हैं। इससे पैरों की मांसपेशियों तक सही मात्रा में ऑक्सीजन वाला ब्लड नहीं पहुंच पाता, खासकर चलने-फिरने या एक्सरसाइज के दौरान। इसकी वजह से पैरों में दर्द, ऐंठन, सुन्नपन या भारीपन महसूस होता है। स्मोकिंग, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल PAD के रिस्क फैक्टर हैं।
हैवी वर्कआउट के बाद ठीक से रिकवरी न करना
अगर आप इंटेंस वर्कआउट करते हैं और उसके बाद शरीर को आराम व रिकवरी के लिए भरपूर समय नहीं देते, तो लेग क्रैम्प की संभावना बढ़ जाती है। वर्कआउट के दौरान मांसपेशियों में छोटे टियर्स आते हैं, जिन्हें ठीक होने के लिए आराम, पोषण और हाइड्रेशन की जरूरत होती है। रिकवरी के लिए स्ट्रेचिंग, फोम रोलिंग, पूरी नींद और प्रोटीन वाली डाइट जरूरी है। इन्हें नजरअंदाज करने पर मांसपेशियां अकड़न और ऐंठन का शिकार हो सकती हैं।
विटामिन-डी या बी12 की कमी
विटामिन-डी शरीर में कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन के लिए जरूरी है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर होने के साथ-साथ मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी आ सकती है, जिससे क्रैम्प्स हो सकते हैं। वहीं, विटामिन बी12 नर्वस सिस्टम के स्वास्थ्य और रेड ब्लड सेल्स बनाने के लिए जरूरी है। इसकी कमी से न्यूरोपैथी हो सकती है, जिसमें झनझनाहट, सुन्नपन और मांसपेशियों में ऐंठन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
नर्व प्रॉब्लम्स
कई बार स्पाइनल स्टेनोसिस या नसों पर दबाव जैसी कंडीशन के कारण पैरों की नर्व सिग्नल में रुकावट आती है। इससे मांसपेशियों को गलत संकेत मिल सकते हैं, जिसके कारण अचानक ऐंठन और दर्द हो सकता है। डायबिटिक न्यूरोपैथी भी एक आम नर्व प्रॉब्लम है, जो लंबे समय तक ब्लड शुगर कंट्रोल न होने के कारण होती है और पैरों में ऐंठन पैदा कर सकती है।

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