Latehar News: जानिए, झारखंड में शक्तिपुंज एक्सप्रेस ट्रेन के चालक ने कैसे बचाई 12 हथियों की जान
Jharkhand News झारखंड के लातेहार जिले में एक बड़ा हादसा टल गया है। 12 हाथियों की जान बच गई है। अगर समय रहते रेल चालक ने समझदारी से काम नहीं लिया होता तो इन हाथियों की ट्रेन से कटकर मौत हो जाती। ट्रेन भी हादसे का शिकार हो जाती।
लातेहार, जागरण संवाददाता। लातेहार जिले के छिपादोहर एवं हेहेगढ़ा रेलवे स्टेशन के बीच रेल चालक (लोको पायलट) की सूझबूझ से 12 हाथियों की जान शुक्रवार रात बच गई। रेल कर्मियों ने शनिवार को बताया कि बीती रात हावड़ा जबलपुर शक्तिपुंज एक्सप्रेस ट्रेन छिपादोहर और हेहेगढ़ा रेलवे स्टेशन से गुजर रही थी। इसी दौरान अचानक जावा नदी के पास 12 हाथियों का झुंड रेलवे लाइन क्रास पार रहा था। तभी लोको पायलट और उसके वरीय सहायक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर हाथियों की जान बचा ली।
देखिए रेलवे द्वारा जारी वीडियो-
11447 डाऊन शक्तिपुंज एक्सप्रेस के चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बचाई 12 हाथियों की जान। धनबाद/ पू• म• रेल pic.twitter.com/OnbPvLSyqL— M EKHLAQUE (@ekhlaque_m) August 27, 2022
हाथियों की जान बचाकर बेहद खुश हूं : अनिल
अगर दोनों लोको पायलटों ने इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगायी होती तो अनहोनी हो सकती थी। लोको पायलट अनिल कुमार विद्यार्थी ने कहा कि हाथियों की जान बचाकर वो खुद को खुश किस्मत समझ रहे हैं। दरअसल, जबलपुर से हावड़ा जाने वाली शक्तिपूंज एक्सप्रेस (11447/ डाउन) 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही थी। छिपादोहर और हेहेगडा रेलवे स्टेशन के बीच जावा नदी पड़ती है। यह इलाका एलिफेंट जाेन के रूप में चिन्हित है और पलामू टाइगर रिर्जव क्षेत्र में आता है। लोको पायलट अनिल कुमार विद्यार्थी और वरीय सहायक रजनीकांत चौबे ने ट्रेन की रफ्तार 25 किलोमीटर प्रति घंटा करने का निर्णय ले ही रहे थे कि पोल संख्या 246/10 के पास हाथियों के एक झुंड को रेलवे लाइन क्रास करते देखा। यह देखकर दोनों लोको पायलटों तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया। जिसके बाद ट्रेन हाथियों के झुंड से 70 मीटर पहले रूकी और हाथियों की जान बच गई।
समय रहते मैंने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया
अनिल कुमार विद्यार्थी ने बताया कि मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मैंने समय रहते ट्रेन को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोक दिया और हाथियों की जान जाने से बचा लिया। रेलवे के लोको पायलट की इस पहल का वन विभाग के अधिकारी और वन्यजीव विशेषज्ञ काफी प्रशंसा कर रहे हैं। इस क्षेत्र में ट्रेन से कटकर पूर्व में कई हाथियों व अन्य जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है और इस क्षेत्र से गुजरते समय रेल गाड़ियों की गतिसीमा तय की गई है ताकि वन्य जीवों की जान बचाई जा सके। यह इलाका एलीफैंट कारिडोर है और इस क्षेत्र में हाथियों का लगातार मूवमेंट रहता है। लोगों ने जंगली इलाकों में रेलवे लाइन के किनारे घेराबंदी की मांग कई बार विभाग से की है।