कश्मीर में अब तक की सबसे लंबी चली मुठभेड़ 11 दिन बाद समाप्त, घने जंगल-खराब मौसम का लाभ उठाकर आतंकी सुरक्षित निकलने में सफल
कश्मीर घाटी में कुलगाम के अखल जंगलों में आतंकवादियों के खिलाफ चलाया गया 11 दिनों तक का अभियान आधिकारिक तौर पर रद्द कर दिया गया है। भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना पर यह कार्रवाई शुरू की गई थी। मुठभेड़ में एक स्थानीय आतंकवादी मारा गया और सेना के दो जवान शहीद हो गए।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। कश्मीर घाटी में अब तक का सबसे लंबा चला आतंकवादी विरोधी अभियान अधिकारिक तौर पर रद कर दिया गया। दक्षिण कश्मीर के जिला कुलगाम के घने अखल जंगलों में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों की मौजूदगी के बाद चलाया गया यह अभियान आतंकवादियों के पूरे समूह को मार गिराए बिना ही समाप्त कर दिया गया।
माना जा रहा है कि शुरुआती गोलीबारी के बाद आतंकवादी भागने में सफल रहे। इस मुठभेड़ में सेना के दो जवान बलिदानी जबकि एक स्थानीय आतंकवादी मारा गया।
यह अभियान करीब 11 दिन तक चला। सुरक्षाबलों ने सुदूर और घने जंगलों वाले अखल क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की विश्वसनीय सूचना मिलने के बाद व्यापक घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था। आपको बता दें कि कुलगाम का यह ऊपरी खतरनाक इलाका, पहले से ही आतंकवादियों को प्राकृतिक आश्रय प्रदान करने के लिए कुख्यात है।
अभियान के शुरुआत में ही सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच आमना-सामना हो गया, जिसके बाद भीषण गोलीबारी हुई। शुरूआती मुठभेड़ में ही सुरक्षाबलों ने एक स्थानीय आतंकवादी को मारा गिराया। हालांकि इस मुठभेड़ में सेना के दो जवान भी बलिदान हो गए।
आतंकवादी सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और विशेष पैरा (विशेष बल) की संयुक्त टीम द्वारा बिछाए गए जाल से बचकर, बीहड़ जंगलों में भागने में कामयाब रहे। गहन जमीनी तलाशी, ड्रोन निगरानी, थर्मल इमेजिंग और खोजी कुत्तों की तैनाती के अलावा कई प्रयासों के बावजूद पिछले दो दिनों में आतंकवादियों से कोई नया संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है।
शनिवार के बाद से कोई और गोलीबारी की सूचना नहीं मिलने और आतंकवादियों के सुरक्षित भाग निकलने के सबूतों के बाद गत सोमवार देर शाम को सुरक्षाबलों ने अभियान को औपचारिक रूप से रद कर दिया।
एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि अभियान भले समाप्त हो गया है परंतु सुरक्षाबलों का दल आतंकियों की तलाश में जुटा हुआ है। सुरक्षा बल किसी भी शेष आतंकवादी की मौजूदगी का पता लगाने के लिए आसपास के इलाकों की तलाशी जारी रखे हुए हैं।
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चुनौतीपूर्ण इलाका, घने जंगल और अप्रत्याशित मौसम ने भी सुरक्षाबलों के इस अभियान में काफी बाधा डाली। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात और आईजीपी कश्मीर वीके बिरदी सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थिति का आकलन करने के लिए गत रविवार को घटनास्थल का दौरा किया था। घटनास्थल पर उनकी मौजूदगी ने आतंकवाद-रोधी प्रयासों और क्षेत्रीय सुरक्षा, दोनों ही दृष्टि से इस अभियान के रणनीतिक महत्व को रेखांकित किया।
अखल अभियान दक्षिण कश्मीर में व्यापक आतंकवाद-विरोधी कार्रवाई का हिस्सा है। यह एक ऐसा क्षेत्र जहां सुरक्षा तंत्र के गहन प्रयासों के बावजूद आतंकवादी गतिविधियां जारी हैं। एक आतंकवादी के मारे जाने से जहां आंशिक सफलता मिली है, वहीं दो जवानों का वीरगति को प्राप्त होना और शेष आतंकवादियों का भाग निकलना घाटी के दुर्गम इलाके में आतंकवाद से निपटने में सुरक्षा बलों के सामने आने वाली लगातार चुनौतियों को दर्शाता है।
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