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    जल शक्ति विभाग के पूर्व एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई, 21 लाख का जुर्माना लगाया

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 02:05 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के जल शक्ति विभाग ने पीएचई डिवीजन अवंतीपोरा के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरके पंडिता पर विभागीय कार्रवाई करते हुए 21 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। एंटी करप्शन ब्यूरो की सिफारिश पर यह कार्रवाई की गई। पंडिता पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए चहेते ठेकेदार को निर्माण कार्य आवंटित किए थे और नियमित आदेशों का पालन नहीं किया।

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    विभाग ने आरोपों की जांच के बाद यह फैसला लिया।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जल शक्ति विभाग ने पीएचई डिवीजन अवंतीपोरा के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरके पंडिता के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की है और 21 लाख रुपये से अधिक जुर्माना लगाया है।

    विभाग की तरफ से जारी आदेश के अनुसार सामान्य प्रशासनिक विभाग ने विजिलेंस ऑर्गेनाइजेशन जिसे अब एंटी करप्शन ब्यूरो कहा जाता है से आरके पंडिता के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश को विभाग के पास भेजा था। पंडिता पर अपनी आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने और अपने चाहते ठेकेदार को निर्माण कार्य अलॉट करने का आरोप था और इसके लिए नियमित आदेश का पालन नहीं किया गया।

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    विभाग में इस मामले पर विचार विमर्श हुआ और यह कार्रवाई करने का फैसल किया गया। पंडिता पर साल 2013-14 के दौरान पद का दुरुपयोग करने के मामले में की गई विभाग की तरफ से उन पर 21 लाख 85000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना निर्माण कार्य 2.18 करोड़ रुपये का 10 प्रतिशत है।

    आरके पंडिता ने चार्ज शीट पर अपना जवाब दिया था विभाग ने पंडिता के जवाब मिलने पर उसकी जांच की और फरवरी 2019 को जांच अधिकारी पूरे मामले की जांच के लिए नियुक्त किया।

    9 मार्च 2020 को जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी और और और लगे आरोप हटाने की सिफारिश की लेकिन यह पाया गया की जांच अधिकारी ने यह सिफारिश इसलिए की थी क्योंकि आरोपी अधिकारी ने जो जवाब दिया था, रिपोर्ट उसके आधार पर बनाई गई थी।

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    उसके बाद सरकार ने 25 जनवरी 2021 को नए जांच अधिकारी को नियुक्त किया उसके बाद 24 अगस्त 2022 को नए जांच अधिकारी ने रिपोर्ट जमा करवाई। जांच की रिपोर्ट उसे समय के तत्कालीन उपराज्यपाल के सलाहकार के पास सौंपी गई उसके बाद इस मामले को जल शक्ति मंत्री के संज्ञान में लाया गया और उक्त अधिकारी पर जुर्माना लगाने का फैसला किया गया।