प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा कर्मचारी क्यों भुगते, जानें कैट ने सामान्य प्रशासनिक विभाग को क्यों लगाई फटकार
सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने कहा है कि प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा कर्मचारी नहीं भुगतेंगे। किश्तवाड़ के डॉक्टर मुजफ्फर हुसैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए कैट ने यह निर्देश दिया जिसमें उनके जूनियरों को पहले पदोन्नत किया गया था। देरी का कारण डोमिसाइल और शिक्षा प्रमाण पत्रों की जांच में विलंब बताया गया जिसे कैट ने अस्वीकार कर दिया।

जेएनएफ, जागरण, जम्मू। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल( कैट) ने स्पष्ट किया है कि अगर प्रशासनिक स्तर पर कोई लापरवाही या कौताही बरती जाती है तो इसका खामियाजा कर्मचारी नहीं भुगत सकता।
कैट ने किश्तवाड़ के मेडिकल आफिसर डा. मुजफ्फर हुसैन की ओर से दायर याचिका में सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। याची के अनुसार पदोन्नति की मेरिट सूची में उसका नंबर ऊपर था लेकिन उसके जूनियरों को पदोन्नत करने के दो साल बाद उसे पदोन्नत किया गया।
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मेरिट सूची में उसका नंबर 62 था और 70 से 132 नंबर वाले कई जूनियर को उससे पहले पदोन्नत किया गया। इस पर सरकार की ओर से पक्ष दिया गया कि याची के डोमिसाइल व शिक्षा प्रमाण पत्रों की जांच में विलंब होने के कारण याची का केस भेजा नहीं जा सका।
इस पर कैट ने स्पष्ट किया गया कि अगर प्रशासनिक स्तर पर कोई विलंब हुआ है तो उसका नुकसान याची को नहीं होना चाहिए। लिहाजा याची को उस दिन से पदोन्नत किया जाए, जिस दिन से उसके जूनियरों को पदोन्नति मिली है।
एटीआर सौंपने की अंतिम मोहलत
कठुआ के बसोहली में पंजाब के दो श्रमिकों को कथित रूप से हिरासत के दौरान प्रताड़ित किए जाने के मामले में चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट कठुआ ने एसएसपी कठुआ को एक्शन टेकन रिपोर्ट सौंपने की अंतिम मोहलत प्रदान की है।
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याची सुकर दीन व फरीद मोहम्मद निवासी पठानकोट की ओर से दायर इस याचिका में बसोहली पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की गई है।
याचियों के अनुसार एसडीपीओ बसोहली व अन्य पुलिस अधिकारियों ने पहले उन दोनों कको अटल सेतु पुल पर मारा और उसके बाद बसोहली पुलिस स्टेशन ले जाकर उनकी पिटाई की। कोर्ट ने एसएसपी कठुआ को इस मामले की जांच करने व 18 अगस्त तक एटीआर पेश करने का निर्देश दिया।
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