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    जम्मू-कश्मीर के दूरदराज क्षेत्रों के दौरे कर डाॅक्टरों की कमी दूर करने की पहल, पर चुनौतियां भी बरकरार

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 12:39 PM (IST)

    जम्मू संभाग में डाॅक्टरों की कमी की शिकायतों के बाद स्वास्थ्य निदेशक डा. अब्दुल हामिद जरगर ने दूरदराज के क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने स्थानीय विधायकों के साथ अस्पतालों में कमियों को सुना और समाधान का प्रयास किया। उधमपुर जम्मू डोडा राजौरी और पुंछ में डाक्टरों की कमी पाई गई। गंदोह और रामनगर में कुछ डाक्टरों को भेजा गया है लेकिन अभी भी स्थिति बदतर है।

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    स्वास्थ्य निदेशक ने अटैचमेंट बंद करने की बात कही है।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। अस्पतालों में डाॅक्टरों की कमी की लगातार मिल रही शिकायतों के बीच स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डा. अब्दुल हामिद जरगर ने जम्मू संभाग के दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे करना शुरू किए हैं। इनमें कई बार स्थानीय विधायकों को भी साथ लिया जाता है। अस्पतालों में कमियों को मौके पर सुनकर उनका समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है।

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    बीते कुछ दिनों में स्वास्थ्य निदेशक ने उधमपुर और जम्मू जिले के दूरदराज के क्षेत्रों के दौरे किए हैं। इससे पूर्व वह डोडा, राजौरी और पुंछ में गए थे। इन दौरों के दौरान सभी जगह पर उन्हें डाक्टरों की कमी होने की शिकायतें मिली। विधायकों से लेकर स्थानीय लोगों तक ने डाक्टरों की कमी की शिकायत की और पर्याप्त् संख्या में स्टाफ की नियुक्ति करने की मांग की।

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    गंदोह में तीन डॉक्टरों को भेजा

    स्वास्थ्य निदेशक ने भी कुछ दिनों में पहले डोडा जिले के दूरदराज के क्षेत्र गंदोह में तीन डाक्टरों को भेजा। इसके बाद उधमपुर जिले के रामनगर में तीन डाक्टरों की तैनाती की। इन डाक्टरों में डा. आदित्य कुमार, डा. इंद्रपाल सिंह, डा. सुनील शर्मा और डा. आदित्य चाेपड़ा शामिल हैं। एक डाक्टर को सीएचसी माहौर भेजा गया है।

    डॉक्टरों की नियुक्तियों से मिली राहत

    यह वे क्षेत्र हैं जहांं पर डाॅक्टरों की भारी कमी बनी हुई है। इन नियुक्तियों से लोगों को राहत तो मिली है लेकिन अभी भी अस्पतालों में स्थिति बदतर बनी हुई है। स्वास्थ्य निदेशक स्वयं भी यह मानते हैं कि दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों में डाक्टरों की कमी है। इसीलिए वह स्वयं इन अस्पतालों का दौरा कर वहां पर नियुक्तियां करने में जुटे हुए हैं।

    एक दिन पहले सीएचसी आरएस पुरा में भी स्थानीय विधायक डा. नरिंदर सिंह ने डाक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया था। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस अस्पताल में भी कुछ दिनों में दाे से तीन डाक्टरों की नियुक्ति हो सकती है।

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    स्वास्थ्य कर्मियों की अटैचमेंट बंद

    अधिकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में डाॅक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ के तबादले करना आसान नहीं है। स्टाफ की कमी की शिकायत करने वाले विधायक ही कई बार डीओ लेटर देकर स्वास्थ्य कर्मियों को अटैच करने को कहते हैं।

    जबकि स्वास्थ्य कर्मियों की अटैचमेंट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और इसकी जानकारी सभी को है। हालांकि स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से अब पहल की गई है लेकिन अभी भी चुनौतियां बरकरार हैं।

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