जम्मू फ्लाई ओवर पर फिर गट्टू डोर का शिकार हुए दो भाई, एक की हालत गंभीर; प्रतिबंध के बावजूद नहीं रुक रहा इस्तेमाल
जम्मू में जानलेवा चाइनीज मांझा (गट्टू डोर) से फिर हादसा हुआ। मुट्ठी फ्लाईओवर पर दो चचेरे भाई इस डोर का शिकार हो गए जिसमें एक गंभीर रूप से घायल है। प्रशासन द्वारा प्रतिबंध के बावजूद रक्षा बंधन-जन्माष्टमी जैसे त्योहारों के दौरान इसका उपयोग बढ़ रहा है। समाजसेवी सोमनाथ ढगबोत्रा ने गट्टू डोर बेचने उपयोग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

जागरण संवाददाता, जम्मू। जानलेवा चाइनीज मांझा, जिसे आमतौर पर गट्टू डोर कहा जाता है, एक बार फिर हादसे का कारण बन गई है। यह खतरनाक डोर न जाने कितने घरों के चिराग बुझा चुकी है, लेकिन इसके प्रयोग पर रोक के बावजूद इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है।
सोमवार को मुट्ठी फ्लाईओवर पर हुई एक घटना में दो चचेरे भाई इस गट्टू डोर का शिकार हो गए, जिसमें एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह हादसा सोमवार रात आठ बजे के करीब फ्लाई ओवर पर पवन आइक्रीम के सामने पेश आया।
मिश्रीवाला निवासी अनमोल महाजन अपने चचेरे भाई वरुण गुप्ता के साथ मोटरसाइकिल पर मुट्ठी फ्लाईओवर से जम्मू शहर की ओर रहा था। इसी दौरान अचानक गले में गट्टू डोर फंस गई, जिससे अनमोल गंभीर रूप से घायल हो गया। डोर इतनी तेज थी कि उसके गले पर गहरा और गंभीर घाव हो गया।
अनमोल को बचाने के प्रयास में पीछे बैठे वरुण गुप्ता भी घायल हो गए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और खुद घायल होने के बावजूद अनमोल को तुरंत मोटरसाइकिल पर जीएमसी जम्मू पहुंचाया। वहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे सीधे आपरेशन थिएटर में ले जाया, जहां उसका आपरेशन किया गया। डाक्टरों के अनुसार, अनमोल की हालत गंभीर बनी हुई है।
पहले भी ले चुकी है जानें
इसी मुट्ठी फ्लाईओवर पर हाल ही में एक और दर्दनाक हादसा हुआ था, जब मशीन डोमाना से पत्नी के साथ रक्षा बंधन की खरीदारी करने जम्मू आ रहे युवक के गले में गट्टू डोर फंस गई थी और उसकी मौत हो गई थी। इसके अलावा भी कई युवक इस डोर से घायल हो चुके हैं। ऊधमपुर में भी एक युवक की गले पर गट्टू डोर लगने से मौत हो चुकी है।
प्रतिबंध के बावजूद हो रहा इस्तेमाल
प्रशासन ने गट्टू डोर पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, लेकिन रक्षा बंधन और जन्माष्टमी जैसे त्योहारों के दौरान पतंगबाजी में इसका इस्तेमाल बड़ी मात्रा में हो रहा है। यह डोर न केवल पतंगबाजों के लिए बल्कि राहगीरों, विशेषकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए जानलेवा साबित हो रही है।
लोगों में रोष, सख्त कार्रवाई की मांग
लगातार हो रहे हादसों से लोगों में रोष है। समाज सेवी सोमनाथ ढगबोत्रा का कहना है कि प्रतिबंध के बावजूद गट्टू डोर बेचने और इस्तेमाल करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि आगे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
पुलिस और प्रशासन से अपील की गई है कि त्योहारों के समय विशेष अभियान चलाकर इस घातक डोर को पूरी तरह बाजार से खत्म किया जाए। लोगों की जान को बचाने के लिए यदि जरूरी हो तो पतंगबाजी पर ही प्रतिबंध लगा दिया जाए।
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