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    एलजी कविंदर गुप्ता ने एलएबी-केडीए से की बातचीत जारी रखने अपील, राहुल गांधी पर भी साधा निशाना, जानें क्या कहा

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 06:48 PM (IST)

    लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस से केंद्र के साथ बातचीत पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने राहुल गांधी पर लद्दाख में माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया। उपराज्यपाल ने कहा कि 24 सितंबर की हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच होगी और स्थिति सामान्य होने पर मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दी जाएगी।

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    उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने लद्दाख के लोगों से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की है।

    डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) से केंद्र के साथ बातचीत से दूर रहने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी मामले को आमने-सामने बैठकर सुलझाया जा सकता है।

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    उपराज्यपाल ने कहा, "प्रशासन ने स्थिति को बदतर नहीं बनाया है, न ही हम चाहते थे कि ऐसा हो। हिंसा किस कारण से हुई, यह जांच का विषय है।" उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने एलएबी और केडीए को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था और उन्हें पहले परामर्श के लिए जाना चाहिए था... कोई भी मुद्दा बातचीत की मेज पर बैठकर ही सुलझाया जा सकता है। बातचीत से ही चीज़ें संभव होती हैं।"

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    राहुल गांधी माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे

    उपराज्यपाल ने एक साक्षात्कार में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा लद्दाख की स्थिति से निपटने के तरीके पर सरकार की आलोचना करने के लिए उन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता लोगों को भड़काने और देश में "माहौल बिगाड़ने" की कोशिश कर रहे हैं। "देश जानता है कि राहुल गांधी क्या कह रहे हैं।

    "किसान आंदोलन और इसी तरह के अन्य विरोध प्रदर्शनों के पीछे भी कांग्रेस का ही हाथ है। राहुल गांधी को लद्दाख में माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने के बजाय अपने काम पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए।"

    गोलीबारी व हिरासत मामले की होगी मजिस्ट्रेट जांच

    आंदोलनकारी समूहों द्वारा 24 सितंबर की हिंसा की न्यायिक जांच और कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित बंदियों की रिहाई की मांग के बीच, उपराज्यपाल ने कहा कि मजिस्ट्रेट जांच की घोषणा पहले ही की जा चुकी है और यह बहुत जल्द शुरू होगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने स्थिति में सुधार के लिए कुछ प्रतिबंध लगाए हैं और एहतियात के तौर पर स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है।

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    सामान्य हो रहे लद्​दाख के हालात

    बुधवार सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ढील की अवधि को एक घंटे और बढ़ा दिया गया। हालांकि, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं, और कारगिल सहित केंद्र शासित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाने वाले कड़े निषेधाज्ञा आदेश अभी भी लागू हैं।

    उपराज्यपाल ने कहा कि मौजूदा हालात के कारण मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद है और स्थिति सामान्य होते ही इसे बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि लोगों को कोई कठिनाई न हो।

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    लद्​दाख के लोगों को बातचीत के लिए आगे आने की अपील

    उन्होंने लद्दाख के लोगों से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की है। उन्होंने कहा, "प्रशासन चाहता है कि युवा और धार्मिक संगठन समेत सभी लोग आगे आएं ताकि हम उनके साथ बैठकर उनके मन में उठ रहे सभी मुद्दों का समाधान कर सकें।"

    उन्होंने कहा, "आज सुबह से शाम तक प्रतिबंधों में ढील दी गई ताकि लोगों की दिनचर्या में कोई बाधा न आए।" स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है और प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि लोगों को कोई कठिनाई न हो।

    कुछ दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे

    "हमारा प्रयास है कि जनजीवन पहले की तरह सामान्य हो जाए। मुझे लगता है कि अगले कुछ दिनों में हालात सामान्य हो जाएँगे।" इस दुखद घटना के सिलसिले में गिरफ्तारियां की गई हैं। "चार लोगों की जान क्यों गई, यह चिंता का विषय है।

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    हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और इसलिए, लोगों को भड़काने के लिए दोषियों की जांच होनी चाहिए।" वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगाए जाने की आलोचना पर उपराज्यपाल ने कहा, "यह केंद्र सरकार का मामला है। गृह मंत्रालय ही इस बारे में बात कर सकता है।

    बातचीत टालने का यह है कारण

    आपको बता दें कि गृह मंत्रालय और लद्दाख के प्रतिनिधियों के बीच 6 अक्टूबर को होने वाली बातचीत में बाधा उत्पन्न हुई क्योंकि एलएबी और केडीए, जो लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के सुरक्षा उपायों के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं, ने लद्​दाख हिंसा की न्यायिक जांच और वांगचुक सहित 50 से अधिक बंदियों की रिहाई होने तक बातचीत स्थगित रखने का एलान किया है।

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