'जय माता दी' के जयकारों से गूंज रहा मां वैष्णो का दरबार, नवरात्रों में 1.70 लाख भक्तों ने लगाई दरबार में हाजरी
कटरा में नवरात्रि के दौरान 1.70 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन किए। जय माता दी के जयकारों से वातावरण भक्तिमय है और भक्तों का लगातार आना जारी है। श्राइन बोर्ड ने यात्रा को सुचारू बनाने के लिए व्यापक व्यवस्था की है। श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए उत्सुक हैं और अपनी यात्रा जारी रखे हुए हैं।

डिजिटल डेस्क, जागरण, कटड़ा। नवरात्रि के दौरान अब तक 1.70 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन किए। माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटरा से लेकर मां के दरबार तक 'जय माता दी' के जयकारे और भजन गूंज रहे हैं। अभी भी मां के भक्तों का आना लगातार जारी है। पिछले तीन दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
22 सितंबर से बुधवार तक चलने वाले नवरात्र देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। माता वैष्णो देवी मंदिर में इसका विशेष महत्व है, जहां इस दौरान सबसे ज़्यादा श्रद्धालु आते हैं। अधिकारियों ने बताया कि हर गुजरते दिन के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है।
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यात्रा सुचारू रूप से चल रही
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन कुमार वैश्य ने मंदिर परिसर में संवाददाताओं से कहा, "1.70 लाख से ज़्यादा भक्त पवित्र गुफा में विराजमान मां वैष्णो देवी के दर्शन कर चुके हैं। यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। हर गुजरते दिन के साथ यात्रियों की संख्या में वृद्धि हो रही है।" उन्होंने तीर्थयात्रियों से बड़ी संख्या में मंदिर में आकर दर्शन करने का आग्रह किया।
वैश्य ने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए श्राइन बोर्ड द्वारा शारदीय नवरात्रि के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है। बोर्ड ने श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करने, अपेक्षित भीड़ का प्रबंधन करने और 13 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग पर आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए स्वयंसेवकों को भी तैनात किया है।
मां के जयकारे लगाते हुए यात्रा को बढ़ रहे श्रद्धालु
जय माता दी के नारे और भक्ति गीतों के साथ उत्साही श्रद्धालु कड़ी सुरक्षा के बीच कटरा से माता वैष्णो देवी मंदिर के भवन तक का घुमावदार रास्ता तय कर रहे थे। उज्जैन के सुरेश कुमार ने कहा, "हम यहां मां वैष्णो के दिव्य दर्शन के लिए आए हैं।
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आज नवमी होने के कारण यह एक विशेष रूप से पवित्र और शुभ दिन है। मेरा मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार वैष्णो देवी के दर्शन अवश्य करने चाहिए। यह वास्तव में एक सुंदर स्थान है जो आस्था से ओतप्रोत असंख्य भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है।"
एडवांस में करा रखे थे रेल टिकट
वहीं 12 सदस्यों के इस समूह में शामिल कुमार ने कहा कि तवी नदी में बाढ़ और जम्मू क्षेत्र में भारी तबाही के बावजूद, उन्होंने अपने रेल टिकट रद नहीं किए। बल्कि हर कीमत पर माता के दर्शन करने का निश्चय किया। उन्होंने कहा, "यह माता का हमें आशीर्वाद देने का आह्वान था।" यहां आकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है। मां के दर्शन कर उन्हें सुख की अनुभूति हो रही है।
फल-फूल से सजा मां का दरबार बना आकर्षण का केंद्र
बहुस्तरीय सुरक्षा के बीच 22 सितंबर से शुरू हुए नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि के त्योहार के बाद से, दोनों मार्गों कटरा और रोशनी व फूलों से सजे भवन आध्यात्मिक उत्साह और पारंपरिक उल्लास से गूंज रहे हैं। कर्नाटक की वीना राय ने कहा कि दो बार टिकट रद्द होने के बाद भी वह माता के चरणों में हैं। यहां पहुंच उन्होंने पूजा-अर्चना की और मां का आशीर्वाद प्राप्त किया।
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उन्होंने आगे कहा, "हर साल दुर्गा पूजा और नवरात्रि के दौरान, मैं यहां आती हूं। मैं व्रत रखती हूं और अपने परिवार के साथ दर्शन करती हूं। हमने मौसम की स्थिति और रेल यातायात में व्यवधान के कारण दो बार टिकट रद्द किए। लेकिन यह माता की ही पुकार थी कि हम लगातार सातवें साल नवरात्रि के दौरान यहां हैं।"
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