'लद्दाख हिंसा बर्दाश्त नहीं कर सकता', एलजी कविंदर ने दिया सख्त संदेश, 'माहौल बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा'
उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा कि लद्दाख में 24 सितंबर जैसी हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग केंद्र शासित प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं जिन्हें बख्शा नहीं जाएगा। लद्दाख की सीमा पाकिस्तान और चीन दोनों से लगती है इसलिए यहां शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

डिजिटल डेस्क, जागरण, लेह। लद्दाख एक ऐसा क्षेत्र है जिसकी सीमा पाकिस्तान और चीन दोनों से लगती है। लद्दाख हिंसा बर्दाश्त नहीं कर सकता, लेकिन कुछ लोग केंद्र शासित प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने यह सख्त संदेश देते हुए कहा कि यहां राष्ट्र-विरोधी तत्व मौजूद हैं और हम लद्दाख में 24 सितंबर जैसी हिंसा बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमारी प्राथमिकता देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना है और हम जानते हैं कि लद्दाख के लोग शांतिप्रिय और राष्ट्रवादी हैं।
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माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
समाचार एजेंसी से बात करते हुए गुप्ता ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 पूरे लद्दाख में लागू है, जो 24 सितंबर की घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाती है।
एलजी ने कहा कि कुछ लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, गलत वीडियो के प्रसार से यह स्पष्ट हुआ है। उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा रही है। "अपने बयानों और भाषणों के माध्यम से भीड़ की हिंसा भड़काने वालों सहित कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। निर्दोषों के लिए न्याय और दोषियों के लिए सजा का प्रावधान होना चाहिए।"
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शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा
उपराज्यपाल ने कहा कि शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे गुप्ता ने कहा कि लद्दाख एक ऐसा क्षेत्र है जिसकी सीमा पाकिस्तान और चीन दोनों से लगती है।
किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा
हिंसा की न्यायिक जांच की बढ़ती मांग पर गुप्ता ने कहा कि मजिस्ट्रेट जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। अगर समय पर कार्रवाई न होती, तो भीड़ सब कुछ जला देते। हम चार लोगों की मौत से बहुत दुखी हैं, जो हमारे अपने बच्चों जैसे थे। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।
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उन्होंने कहा, "मृतकों में एक पूर्व सैनिक भी शामिल है, जो एक सेवानिवृत्त सैनिक का बेटा था और जिसके बच्चे आर्मी स्कूल में पढ़ रहे हैं। ये दुखद घटनाएं हैं, वे (हिंसा में) शामिल थे या नहीं, यह एक प्रश्न है, लेकिन भीड़ ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि जवाबी कार्रवाई ज़रूरी हो गई।"
एलएबी और केडीए से बातचीत फिर से शुरू करने की अपील
उपराज्यपाल ने लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) से केंद्र के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की अपनी अपील दोहराई। "बातचीत से रास्ते खुलते हैं। अगर हम साथ बैठेंगे तो सब कुछ सुलझ जाएगा।"
एलएबी और केडीए, दोनों प्रभावशाली समूह अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं, जिनमें संविधान की छठी अनुसूची के तहत लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा और सुरक्षा उपाय शामिल हैं।
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