जम्मू में लीज रिन्यू को लेकर सरकारी विभागों के मक्कड़जाल में उलझे फल-सब्जी मंडी के व्यापारी, भविष्य को लेकर चिंतित
जम्मू के नरवाल में फल और सब्जी मंडी के व्यापारी लीज नवीनीकरण न होने से परेशान हैं। 2021 और 2022 में लीज खत्म होने के बाद व्यापारी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। बागवानी विभाग और जम्मू विकास प्राधिकरण लीज बढ़ाने की नीति निर्धारित नहीं कर पाए हैं। बैंक कर्जा नहीं दे रहे और बीमा कंपनियां बीमा नहीं कर रही जिससे व्यापारी परेशान हैं।

जागरण संवाददाता, जम्मू। वर्षों से दुकानों की लीज का नवीनीकरण न होने से जम्मू के नरवाल में फल, सब्जी मंडी के व्यापारी अपने भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति में है।
लीज रिन्यू न होने के कारण ये व्यापारी आर्थिक संकट का शिकार तो हो ही रहे हैं, भविष्य को लेकर भी कोई कदम नहीं उठा पा रहे और दूसरी तरफ बागवानी विभाग व जम्मू विकास प्राधिकरण विभाग अब तक यह नीति निर्धारित नही पाए हैं कि लीज कैसे बढ़ानी है।
पहले प्रदेश प्रशासन और अब जम्मू कश्मीर सरकार से लगातार यह मुद्दा उठाने के बाद भी व्यापारियों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अभी तो यह संकट सिर्फ नरवाल की फल मंडी पर मंडरा रहे हैं लेकिन आने वाले दिनों में इसी तरह का संकट सब्जी मंडी, ट्रांसपोर्ट नगर और रेलवे स्टेशन के सामने बनी शिव मार्केट पर भी मंडराने वाला है।
40 साल पहले हुई थी नरवाल मंडी की स्थापना
करीब 40 साल पहले सरकार ने सब्जी मंडी परेड व फल मंडी ज्यूल से दुकानदारों को शिफ्ट करते हुए नरवाल मंडी की स्थापना की थी और दुकानदारों को जमीन अलाट की। दुकानदारों ने बैंकों से कर्जा लेकर यहां दुकानें बनाई और अपना कारोबार शुरू किया। मंडी के अधिकतर दुकानदारों की लीज 2021 में खत्म हो गई और शेष की मार्च 2022 में खत्म हो गई।
लीज रिन्यू न होने से यह हो रही परेशानी
दुकानों की लीज अवधि समाप्त होने के कारण बैंक व्यापारियों को कर्जा नहीं दे रहे और बीमा कंपनियां दुकानों व सामान की बीमा नहीं कर रही। इससे दुकानदार बुरी तरह से फंस गए थे। पिछले 40 सालों में कई परिवार विभाजित हो गए, कुछ ने बीमारी तो कुछ ने वित्तीय संकट व घाटे के चलते दुकानों की पावर आफ आटर्नी दूसरों को दी गई लेकिन अब विभाग लीज उनके नाम पर ट्रांसफर नहीं कर रहा।
पावर ऑफ आटर्नी पर चल रही 50 प्रतिशत दुकानें
आज मंडी में 50 प्रतिशत दुकानें पावर आफ आटर्नी पर चल रही है। ऐसे में इनके पास लीज न होने के कारण ऐसे दुकानदारों को बैंक से कोई वित्तीय सहयोग नहीं मिल पा रहा, जिस कारण व्यापारियों को कारोबार करने में परेशानी हो रही है। नरवाल मंडी में चार चरणों में लगभग 500 दुकानें स्थापित की गई। पहले चरण में सब्जी मंडी में दुकानें हैं जबकि शेष तीन चरणों में फल मंडी में दुकानें हैं।
दुकानदार घाटे में चला रहे कारोबार
फल मंडी के पहले चरण की 115 दुकानों के मालिक घाटे में अपना कारोबार चला रहे हैं क्योंकि उनकी दुकानों की लीज 2021 और 2022 में समाप्त हो गई। अब वे अपनी दुकानों की लीज रिन्यू करवाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं। शेष दुकानों की लीज भी अगले कुछ वर्षों में समाप्त होने वाली है, लेकिन इन लीज को रिन्यू करवाने के लिए अभी तक सरकार अनिर्णीत हैं।
नरवाल में फल और सब्जी मंडी स्थापित करने का उद्देश्य यहां के दुकानदारों द्वारा अपने कृषि उत्पादन की बिक्री को बढ़ावा देकर किसानों की मदद करना था। लेकिन जब दुकानदार घाटे के कारण बुरी तरह संघर्ष कर रहे हैं, तो वे किसानों की मदद कैसे करेंगे? 1982 में, सरकार ने सब्जी मंडी, परेड और फल मंडी ज्यूल से दुकानें हटाकर नरवाल मंडी की स्थापना की और व्यापारियों को वहां दुकानें आवंटित की। व्यापारियों ने विभिन्न बैंकों से ऋण लेकर अपना व्यवसाय शुरू किया लेकिन अब लीज रिन्यू न होने से न बैंक लिमिट बढ़ा रहे हैं और न बीमा कंपनियां उनके सामान का बीमा कर रही है। ऐसे में व्यापारी कैसे काम करेगा? -रमन गुप्ता, फल व्यापारी
-हमने यह मुद्दा कई बार संबंधित अधिकारियों के समक्ष रखा है लेकिन हर बार आश्वासन ही मिलता है कि बहुत जल्द दुकानों की लीज रिन्यू की जाएगी लेकिन पिछले चार सालों से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। पहले प्रशासन के पास चक्कर काट रहे थे और अब उमर सरकार के समक्ष भी यह मुद्दा रखा है। अभी तक तो सिर्फ आश्वासन ही मिला है। -नीरज आनंद, प्रधान चैंबर आफ ट्रेडर्स फेडरेशन
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