जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की उम्मीदों पर फिर सकता है पानी, NC राज्यसभा की चारों सीटों पर उम्मीदवार उतारने के मूड़ में
जम्मू कश्मीर की राज्यसभा की चार सीटों में से एक सीट कांग्रेस को मिलने की संभावना कम है क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है। कांग्रेस गठबंधन के धर्म का पालन करने का आग्रह कर रही है लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस अपने नेताओं को एकजुट रखने के लिए सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की सोच रही है।

नवीन नवाज, जागरण, श्रीनगर। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश की राज्यसभा में चार सीटों में से एक सीट मिलने की कांग्रेंस की उम्मीद पर पानी फिर सकता है। कारण- सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस में चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने पर मंथन जारी है।
आपको बता दें कि फरवरी 2021 से राज्यसभा में रिक्त पड़ी जम्मू कश्मीर की चार सीटों के लिए 24 अक्टूबर को मतदान होने जा रहा है। प्रदेश विधानसभा में दलीय स्थिति के आधार पर नेशनल कान्फ्रेंस के नेतृत्व में सत्तारूढ़ गठबंधन दो सीटें आराम से जीत जाएगा जबकि एक सीट भाजपा को मिलना तय है और चाैथी सीट के लिए मुकाबला कांटे का रहेगा।
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राज्यसभा की एक सीट चाहती है कांग्रेस
जम्मू कश्मीर में नेशनल कान्फ्रेंस, कांग्रेस और माकपा का गठजोड़ है। विधानसभा चुनाव इन दलों ने मिलकर लड़ा था। यह बात अलग है कि राज्य के दर्जे की बहाली तक कांग्रेस ने सरकार में शामिल होने से इंकार किया है।
राज्यसभा की चार सीटों में से एक सीट कांग्रेस अपने लिए चाहती है। कांग्रेस का कहना है कि नेशनल कान्फ्रेंस को गठबंधन की मर्यादा को निभाते हुए कम से कम एक सीट उसके लिए छोड़ देनी चाहिए।
काग्रेस का तर्क है कि उसके छह विधायक हैं और उसके उम्मीदवार को पीडीपी के तीन विधायकों के अलावा निर्दलियों का समर्थन मिल जाएगा और उसका उम्मीदवार जीत जाएगा। इससे भाजपा एक ही सीट तक सीमित रहेगी अन्यथा उसके दो सीटों पर जीतने की संभावना लगातार बनी रहेगी।
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इन नेताओं के नाम पर हो रही चर्चा
नेशनल कान्फ्रेंस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पार्टी के भीतर चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने पर विचार चल रहा है। डॉ फारूक अब्दुल्ला और चौधरी मोहम्मद रमजान के नाम पर लगभग सभी सहमत हैं।
इसके अलावा जम्मू प्रांत से पूर्व मंत्री अजय सडोत्रा, सज्जाद अहमद किचलू, खालिद नजीब सोहारवर्दी के अलावा पार्टी के जम्मू प्रांत के प्रधान एडवोकेट रत्न लाल गुप्ता राज्यसभा की टिकट के लिए अपनी दावेदारी जता रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पहले यह कहा जा रहा था कि तीसरी सीट के लिए नेशनल कान्फ्रेंस जम्मू प्रांत के अपने एक वरिष्ठ नेता को मौका देगी और चाैथी सीट के लिए वह कांग्रेस का समर्थन करेगी। अब, कांग्रेस के विकल्प को छोड़ने की बात हो रही है क्योंकि बडगाम सीट का उपचुनाव भी होने जा रहा है।
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अगर उक्त सीट पर एक शिया नेता के बजाय अब्दुल्ला खानदान के किसी सदस्य या उमर अब्दुल्ला के करीबी पूर्व मंत्री को टिकट दिया जाता है तो स्थानीय शिया वोटरों को अपने साथ जोड़े रखने के अलावा पार्टी के भीतर भी अतर्कलह को शांत करने के लिए एक शिया नेता को राज्यसभा में भेजने के विकल्प को अपनाया जा रहा है। इसे लेकर संबधित नेताओं के साथ भी बातचीत हो रही है।
पार्टी आलाकमान का होगा अंतिम फैसला
प्रदेश कांग्रेस एक वरिष्ठ नेता ने राज्यसभा सीट के लिए पार्टी की दावेदारी से जुड़े सवाल पर कहा कि इस विषय में पार्टी आला कमान को सूचित किया गया है। पार्टी संयोजक दिग्विजय सिंह की नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला से 10 अक्टूबर को या उससे पहले एक बैठक हो सकती है। उसमें राज्यसभा के चुनाव को लेकर भी चर्चा होगी। इसी बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस राज्यसभा के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों का एक पैनल तय कर आलाकमान को अंतिम मंजूरी के लिए भेजेगी।
जम्मू कश्मीर के राजनीतिक मामलों के जानकार आसिफ कुरैशी ने कहा कि राज्यसभा की उम्मीदवारी के लिए कांंग्रेस के पास ऐसा कुछ नहीं है जिसके आधार पर वह नेशनल कान्फ्रेंस पर दबाव बना सके। वह नेशनल कान्फ्रेंस की दया पर निर्भर करती है।
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नेशनल कान्फ्रेंस के भीतर जिस तरह से बीते कुछ समय से आगा सैयद रुहुल्ला जैसे नेता मुखर हुए हैं, उसे देखते हुए पार्टी नेतृत्व चाहेगा कि वह अपने सभी नेतओं को एकजुट रखने के लिए चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार ही उतारे। इसलिए अभी तो राज्यसभा के लिए कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिरता ही नजर आ रहा है। बाकी राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।
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