एनसीआरबी रिपोर्ट: जम्मू-कश्मीर में 2023 में सांप्रदायिक हिंसा का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ, पढ़िए क्राइम ग्राफ
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 2023 में सांप्रदायिक या धार्मिक हिंसा का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है जो एक महत्वपूर्ण सुधार है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में अपहरण के मामले सबसे अधिक रहे। साइबर अपराध की बढ़ती चिंता के बीच अश्लील सामग्री फैलाने के मामले भी सामने आए हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर मे लगातार सुधरते सुरक्षा परिदृश्य के बीच न सिर्फ आतंकी हिंसा में कमी आयी है बल्कि सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं भी अब समाप्त हा गई हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो एनसीआरबी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में 2023 में सांप्रदायिक या धार्मिक हिंसा का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर में 655 लोगों से संबधित मारपीट-दंगा मामलो में एक भी सांप्रदायिक तनाव से संबधित नहीं था। इस दौरान देशद्रोह का कोई मामला भी दर्ज नहीं हुआ।
महिलाओं के खिलाफ सबसे आम अपराध अपहरण
रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में केंद्र शासित प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 3,653 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में 3,937 मामले थे। महिलाओं के खिलाफ सबसे आम अपराध अपहरण था, जिसमें 895 मामले थे।
इसके बाद पति द्वारा क्रूरता के 524 मामले और बलात्कार के 231 मामले थे। जबरन शादी के लिए कुल 427 महिलाओं का अपहरण किया गया, जिनमें दस नाबालिग थीं। घरेलू हिंसा के मामलों में जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेशों में 8.1 प्रतिशत की दर के साथ चौथे स्थान पर रहा।
आत्महत्या के प्रयास के 434 मामले दर्ज
एनसीआरबी के मुताबिक वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर में हत्या के 84, अपहरण के 1,004 और लापरवाही से मौत के दर्ज 673 मामलों में अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों से संबधित हैं। दहेज के नौ मामले, आत्महत्या के लिए उकसाने के 44 मामले, हत्या के प्रयास के 438 मामले और आत्महत्या के प्रयास के 434 मामले दर्ज किए गए हैं।
साइबर क्राइम एक बढ़ती चिंता का विषय
महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम एक बढ़ती चिंता का विषय बन गया है। जम्मू-कश्मीर में ऐसे 43 मामले दर्ज हुए, जिनमें 39 अश्लील सामग्री फैलाने और चार ब्लैकमेलिंग या फोटो मॉर्फिंग से संबंधित थे।
एनसीआरबी के अनुसार, स्थानीय और विशेष कानूनों के तहत दर्ज मामलों की संख्या वर्ष 2023 में 4,468 रही है,जिनमें आरोप-पत्र दाखिल करने की दर 90.7 प्रतिशत थी, जबकि भारतीय दंड संहिता के तहत मामले 2021 में 27,447 से घटकर 2023 में 25,127 हो गए।
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